गुजरात: अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट केस में 38 को फांसी 11 को उम्रकैद

गुजरात के अहमदाबाद में 2008 के सीरियल ब्लास्ट केस में स्पेसळ कोर्ट ने 49 दोषियों मेंसे 38 को फांसी और 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने घायलों के लिए मुआवजे का भी आदेश दिया है।

गुजरात: अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट केस में 38 को फांसी 11 को उम्रकैद

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में 2008 के सीरियल ब्लास्ट केस में स्पेसळ कोर्ट ने 49 दोषियों मेंसे 38 को फांसी और 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने घायलों के लिए मुआवजे का भी आदेश दिया है। 

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घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान

स्पेशल जज ए आर पटेल ने सीरियल ब्लास्ट केस में 13 साल बाद सात हजार 15 पेज का जजमेंट सुनाया। पक्ष की ओर से कोर्ट से सभी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की गई थी। वहीं बचाव पक्ष ने कम से कम सजा की अपील कोर्ट की थी। गौरतलब है कि अहमदाबाद विस्फोट मामलेमामले में सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एआर पटेल ने 8 फरवरी को फैसला सुनाते हुए 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था। कोर्टने 77 में से 28 आरोपियों को बरी कर दिया था। कोर्ट ने बम धमाकों में मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख, घायलों को 50 50 हजार तथा मामूली रूप से जख्मी हुए लोगों को 25-25 हजार का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। 

बलास्ट में 56 लोगों को हुई थी मौत

उल्लेखनीय है कि 2008 की 26 जुलाई को अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। सिरियल बलास्ट में 56 लोगों की मौत हुई थी जबकि 244 लोग घायल हो गये थे। घायल हुए व्यक्तियों में अहमदाबाद शहर के बीजेपी लीडर प्रदीप परमार भी शामिल थे। परमार अब राज्य सरकार ने सामाजिक एवं न्याय मंत्री बनाये गये हैं।अहमदाबाद में हुए 21 सीरियल ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस दिल दहला देने वाली घटना की गूंज से हर कोई स्तब्ध था।अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को एक घंटे के भीतर 21 बम धमाके मामले में अहमदाबाद पुलिस ने इस मामले में 20 FIR दर्ज की थी। वहीं, सूरत में भी 15 और FIR दर्ज की गईं थी। इन बम धमाकों में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने सभी आतंकियों की गिरफ्तारी के आदेश दिये थे।

19 दिन में 30 आतंकी अरेस्ट

आतंकियों को पकड़ने के लिए गुजरात के तत्कालीन डीजीपी आशीष भाटिया के नेतृत्व में तेज तर्रार अफसरों की टीम बनाई गई थी। देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अहमदाबाद पहुंचे थे। विस्फोट मामले की जांच के लिए 28 जुलाई 2008 को पुलिस टीम का गठन किया गया था। महज 19 दिनों के अंदर पुलिस ने 30 आतंकियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद बाकी आतंकियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। अहमदाबाद में हुए इन धमाकों से पहले आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन की इसी टीम ने जयपुर और वाराणसी में धमाकों को अंजाम दिया था।