Jharkhand: पुत्रधर्म के साथ राजधर्म निभा रहे CM हेमंत सोरेन, बोले- जनता के समर्थन से मिली हिम्मत

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भावुक होते हुए कहा कि वे एक बेटे और एक मुख्यमंत्री दोनों की जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। जनता के अपार समर्थन से उन्हें हिम्मत और ऊर्जा मिली है।

Jharkhand: पुत्रधर्म के साथ राजधर्म निभा रहे CM हेमंत सोरेन, बोले- जनता के समर्थन से मिली हिम्मत

रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन अपने पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से गहरे शोक में हैं। वह अपने जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। उनके लिए यह समय अत्यंत दुखदायी है। उनके दिल-दिमाग में बेचैनी और पीड़ा है। इसके बावजूद वे पुत्रधर्म के साथ-साथ राजधर्म को भी पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। 
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सीएम हेमंत अपने व्यक्तिगत दुख को दरकिनार कर हेमंत रामगढ़ के नेमरा स्थित अपने पैतृक आवास से राजधर्म का निर्वहन कर रहे हैं। नेमरा में पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए सीएम हेमंत  शासन-प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने में जुटे हैं। उनका यह प्रयास सुनिश्चित करता है कि झारखंड के विकास की गति में कोई रुकावट न आए।


शोक की घड़ी में ही राज्यहित के प्रति संवेदनशीलता
सीएम शोक की इस घड़ी में भी राज्य के हितों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील हैं। वे व्यक्तिगत भावनाओं को दबाकर सरकारी कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं। जरूरी फाइलों का निष्पादन, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नियमित संवाद और सरकार की गतिविधियों पर नजर रखना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।
उन्होंने अफसरों को निर्देश दिये हैं कि वे कार्यों में तत्परता बनायें रखें। और आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करें। किसी भी कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। सीएम हर पल अद्यतन सूचनाओं से अवगत रहते हैं और आवश्यकतानुसार निर्देश देते हैं। 

जनता के अपार समर्थन से मिली हिम्मत
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि शिबू सोरेन के निधन के बाद जनता का अपार समर्थन उनके परिवार के लिए ढाल बना। इस कठिन समय में जनता की संवेदनशीलता और साथ ने उन्हें अपने कर्तव्यों को निभाने की हिम्मत दी।उन्होंने कहा कि जिस तरह राज्य की जनता मेरे परिवार के साथ खड़ी रही, उसने मुझे इन विषम परिस्थितियों में भी राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की शक्ति दी।
बाबा के वादों को पूरा करने का संकल्प
शिबू सोरेन झारखंड के लिए एक प्रेरणास्रोत थे। वे हमेशा जनता के हितों के लिए लड़े और व्यक्तिगत स्वार्थों को कभी तरजीह नहीं दी। मुख्यमंत्री ने कहा - बाबा कहते थे कि सार्वजनिक जीवन में जनता के लिए हमेशा खड़ा रहना चाहिए। उन्होंने कभी झुकना नहीं सीखा। झारखंड का अस्तित्व उनकी देन है। वे हमेशा उनके लिए मार्गदर्शक रहेंगे, भले ही उनका साया अब न हो।
सीएम हेमंत सोरेन का यह समर्पण झारखंड की जनता के लिए एक मिसाल है। व्यक्तिगत दुख को पीछे छोड़कर वे राजधर्म का पालन कर रहे हैं, जो उनकी नेतृत्व क्षमता और जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शिबू सोरेन के आदर्शों को जीवित रखते हुए वे झारखंड को विकास और समृद्धि की राह पर ले जाने के लिए कटिबद्ध हैं।