गाजियाबाद चार देशों का फर्जी दूतावास चला रहा था हर्षवर्धन जैन,12 डिप्लोमेटिक पासपोर्ट बरामद
हर्षवर्धन जैन धोखाधड़ी केस: खुद को अंतरराष्ट्रीय राजदूत बताकर फर्जीवाड़ा करने वाले शातिर जालसाज की पूरी कहानी, कानूनी कार्रवाई और पीड़ितों की जुबानी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

- जालसाज ने 10 साल में 40 देशों की यात्रा
- 12 डिप्लोमेटिक पासपोर्ट, 10 साल में घूम आया था 40 देश
- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर 'राजदूत' की आड़ में करोड़ों की ठगी
- शुरू से लेकर अब तक का पूरा खुलासा
नई दिल्ली। हर्षवर्धन जैन आजकल भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में है। गाजियाबाद कवि नगर में हर्षवर्धन जैन West Arctica, Saborga, Poulvia और Lodonia जैसे देशों के दूतावास चला रहा था। जो दुनिया में रही है ही नहीं.. हर्षवर्धन जैन खुद को इन देशों को एंबेसेडर बताता। हर्षवर्धन जैन की तरह उसके देश भी फर्जी ही है।
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यूएई की 30 बार यात्रा पर गया था जैन,यूके, मॉरीशस, तुर्की, फ्रांस भी घूम आया
गाजियाबाद के कवि नगर में फर्जी दूतावास चलाने वाले हर्षवर्धन जैन की गिरफ्तारी के बाद लगातार नये-नये खुलासे हो रहे हैं। जैन इस वक्त न्यायिक हिरासत में है।कवि नगर पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किये गये हैं। हर्षवर्धन जैन के पास कथित तौर पर 12 डिप्लोमेटिक पासपोर्ट मिले हैं। वह पिछले 10 साल में लगभग 40 देशों की यात्रा कर आया है। उसने केवल यूएई की ही 30 से अधिक बार यात्रा की है। पुलिस ने उसके पासपोर्ट जब्त कर लिए हैं और उसे हिरासत में लेने की तैयारी है।
जिन देशों में जा चुका है जैन
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, हर्षवर्धन जैन ने यूके, यूएई, मॉरीशस, तुर्की, फ्रांस, इटली, बुल्गारिया, कैमरून, स्विट्जरलैंड, पोलैंड, श्रीलंका और बेल्जियम जैसे देशों का दौरा किया था। दरअसल हर्षवर्धन जैन ने गाजियाबाद के बेहद पॉश इलाके कवि नगर में एक किराये की कोठी ले रखी थी। यहां वह अलग-अलग फर्जी देशों के नाम पर दूतावास चलाता था। उसने खुद को ऐसे-ऐसे देशों का राजनयिक बता रखा था, जो असल में दुनिया में कहीं है ही नहीं।
कोठी में वेस्टआर्कटिका, सेबोर्गा, लाडोनिया और पाउलोविया के नाम पर दूतावास बनाए गए थे। यूपी एसटीएफ की नोएडा इकाई के मुताबिक, आरोपी हर्षवर्धन जैन विदेश की कंपनियों में संपर्क होने का दावा करता था। नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने में माहिर था। वह अक्सर कई खाड़ी और यूरोपीय देशों का दौरा करता था, जिससे इन फर्जी कंपनियों का संचालन किया जा सके।
भारत में 12, दुबई में पांच, लंदन में दो और मॉरीशम में एक बैंक अकाउंट
एक रिपोर्टे के अनुसार, कई कंपनियों में वह खुद को सेक्रेटरी बताता था, जबकि कुछ में खुद को ही डायरेक्टर बनाया हुआ था। उसके पास भारत में 12, दुबई में पांच, लंदन में दो और मॉरीशम में एक बैंक अकाउंट मिला है। जैन के तार तुर्किए नागरिक सैयद एहसान अली के साथ 20 करोड़ के कथित वित्तीय लेन-देन से भी जुड़ रहे हैं।
शेल कंपनियां बना हवाला के जरिए करोड़ों की धोखाधड़ी
जांच में पता चला कि वह एक इंटरनेशनल गैंग का हिस्सा है जिसके तार तुर्किये और लंदन तक फैले हैं। एहसान अली सैयद के साथ मिलकर उसने कई शेल कंपनियां बनायी और हवाला के जरिए करोड़ों की धोखाधड़ी की। एसटीएफ विदेशों में स्थित उसके बैंक खातों की जांच कर रही है। टर्किश की नागरिकता लेकर लंदन में बैठा एहसान अली सैयद और कविनगर निवासी हर्षवर्धन जैन मिलकर वर्षों से अलग-अलग देशों में शेल कंपनियों की आड़ में करोड़ों की ठगी को अंजाम दे रहे थे। एसटीएफ को हर्षवर्धन जैन के विदेशों में 10 बैंक अकाउंट्स की भी जानकारी मिली है। बैंकों से जानकारी लेकर उनमें हुए ट्रांजेक्शन का ब्योरा मांगा जायेगा।
तांत्रिक चंद्रास्वामी ने आर्म्स डीलर अदनान खगोशी और एहसान अली सैयद से लंदन में करायी
हर्षवर्धन जैन की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ और दस्तावेज खंगालने के बाद एसटीएफ को पता चला कि उसकी मुलाकात चर्चित तांत्रिक चंद्रास्वामी ने आर्म्स डीलर अदनान खगोशी निवासी सउदी अरब से और एहसान अली सैयद से लंदन में रहने के दौरान करायी थी। एहसान अली सैयद के साथ मिलकर हर्षवर्धन ने विदेशों में कई कंपनियों को पंजीकृत कराया। इनमें इंग्लैंड में स्टेट ट्रेडिंग कार्पोरेशन एलटीडी, ईस्ट इंडिया कंपनी यूके एलटीडी तथा यूएई आइलैंड जनरल ट्रेडिंग, मारीशस में इंदिरा ओवरसीज एलटीडी, अफ्रीकी देश कैमरून में कैमरो इस्पात का पंजीकृत होना जानकारी में आया है।
जांच में सामने आया है कि हर्षवर्धन जैन के दुबई में छह बैंक खाते, मारीशस में एक तथा इंग्लैंड में तीन अकाउंट्स है। हर्षवर्धन जैन के दो पैन कार्ड का भी पता चला है जिनके आधार पर खोले गये बैक अकाउंट्स एवं विदेशों में जो अकाउंट्स प्रकाश में आये हैं उनकी जांच की जा रही है।एहसान अली के साथ हर्षवर्धन की संलिप्तता के संबंध में एसटीएफ जांच कर रही है। विदेशों में खेली गई शेल कंपनियों के जरिए किन लोगों का रुपया हवाला के जरिये लगाया जा रहा था इसकी भी जांच की जा रही है। एसटीएफ एसपी राजकुमार मिश्रा का कहना है कि अभी मामले की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगे कार्रवाई की जायेगी।
यूरोप के बड़े फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है एहसान
एलटीएफ की जांच में सामने आया कि एहसान अली सैयद हैदराबाद का रहने वाला है और उसने तुर्किश नागरिकता ली हुई है। चंद्रास्वामी ने हर्षवर्धन जैन को एहसान के पास ही लंदन भेजा था। हर्षवर्धन ने एहसान के साथ मिलकर लंदन में कई शेल कंपनियां बनाई। इन शेल कंपनियों के जरिये बड़ी दलाली की है।अहसान की स्विटजरलैंड और बहरीन की कंपनी वेस्टर्न एडवाइजरी ग्रुप ने स्विटजरलैंड की कई कंपनियों को वर्ष 2008 से 2011 के बीच लगभग 800 करोड़ का लोन दिलाने के नाम पर लगभग 300 करोड़ रुपये की दलाली ली और वहां से भाग गया। नवंबर 2022 में स्विस सरकार के निवेदन पर एहसान को लंदन पुलिस ने गिरफ्तार किया।बताया गया कि जुलाई 2023 में लंदन की वेस्ट मिनिस्टर कोर्ट ने एहसान को धोखाधड़ी के मामले में स्विटजरलैंड प्रत्यपर्ण को मंजूरी दी थी। यह भी पता चला कि ज्यूरिख कोर्ट ने 16 कंपनियों को लोन दिलाने के नाम पर दलाली में फ्राड करने और भाग जाने के केस में अहसान को साढे छह साल की सजा सुनाई है।
'व्हाइट हाउस' के नाम से मशहूर कोठी का रुतबा...
गाजियाबाद के कवि नगर में एक कोठी जो व्हाइट हाउस के नाम से मशहूर थी वहां पिछले 10 सालों से एक फर्जी दूतावास चल रहा था। लोकल लोगों को इसकी जानकारी थी लेकिन पुलिस अनजान बनी रही। कोठी के पास ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के ऑफिस होने के बावजूद पुलिस ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया। कोठी से 100 मीटर की दूरी पर पुलिस चौकी है और 400 मीटर की दूरी पर थाना है। एक किलोमीटर के दायरे में पुलिस कमिश्नरेट के साथ-साथ प्रशासनिक अफसरों के ऑफिस और आवास भी है। कोठी के बाहर अवैध नंबर प्लेट की गाड़ियां खड़ी देखकर भी पुलिस ने कभी चेक नहीं किया। यह दूतावास एक दो माह नहीं बल्कि पिछले 10 वर्ष से संचालित हो रहा था।
पीएम मोदी और एपीजे अब्दुल कलाम के साथ फर्जी फोटो
जांच में सामने आया कि हर्षवर्धन जैन ने अपने रिश्तेदारों-परिचितों व सोसायटी में अपना रुतबा बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम समेत कई विदेशी नेताओं को साथ अपनी फर्जी फोटो बनाकर रखी है। इन सब फोटो के जरिए उसने कई लोगों को अपना शिकार बनाया है।
विदेशों में नौकरी लगवाने के नाम पर करता था ठगी
एसटीएफ की जांच में पता चला कि वह विदेशों में नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों को अपने जाल में फंसाता था। अभी पूछताछ में धीरे-धीरे उसकी सारे परतें खुल रही हैं। यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने हर्षवर्धन जैन निवासी 45 केबी कविनगर, गाजियाबाद को वेस्ट आर्कटिक का अवैध दूतावास संचालित करते दबोचा है। वह खुद को वेस्ट आर्कटिक, सेबोर्गा, पोल्विया और लोडोनिया आदि देशों का काउंसिल या राजदूत बताता था। उसके पास से 44 लाख 70 हजार रुपये, विभिन्न देशों की विदेशी मुद्रा, 20 डिप्लोमेटिक गाडियों की नंबर प्लेट, चार डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगी हुई गाडियां समेत अन्य सामान बरामद किया गया है।
कोठी से बरामद सामान
विदेश मंत्रालय की मोहर लगी कूटरचित दस्तावेज
कूटरचित दो पैनकार्ड
डिप्लोमैटिक नम्बर प्लेट लगी चार लग्जरी गाड़ियां
माइक्रोनेशन देशों के 12 डिप्लोमेटिक पासपोर्ट
कई देशों की विदेशी मुद्रा
कई कंपनियों आदि के दस्तावेज
विभिन्न देशों और कंपनियों की 34 मोहरें
दो कूटरचित प्रेस कार्ड
44,70000 रुपए नगद
18 डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट
डायरी में विभिन्न बैंक अकाउंट्स और लोगों के फोन नंबर
पेनड्राइव व दो पैन कार्ड
विभिन्न देशों की विदेशी मुद्रा व 34 मोहरें
विभिन्न कंपनी की 12 घड़ियां
एक लैपटाप और एक मोबाईल
हर्षवर्धन गाजियाबाद का पॉश इलाका कविनगर में किराये के मकान में फर्जी दूतावास चला रहा था। आरोपी खुद को वेस्ट आर्कटिक, सबोरगा, पुलावाविया, लोडोनिया देशों का एंबेसडर बताता था। इन नामों के कोई देश ही नहीं हैं। हर्षवर्धन जैन का आलीशान सफेद रंग का मकान आलीशान दफ्तर या दूतावास जैसा ही लगता है। आरोपी ने इस घर के बाहर अलग अलग देशों के झंडे लगाकर, बाहर नीले रंग की एम्बेसी की नंबर प्लेट लगी हुई मर्सिटीज गाड़ियां खड़ी कर रखी थीं। लोगों को झांसे में लेने के लिए आरोपी खुद की मॉर्फ फोटो प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य बड़े लोगो के साथ लगाकर रखता था। कंपनियों और प्राइवेट लोगों को विदेश में काम दिलाने के नाम पर दलाली लेता था। शेल कंपनियों के जरिये हवाला रैकेट भी चलाता था।
एसटीएफ ने इंटरपोल को ब्लू कार्नर नोटिस दाखिल किया
गाजियाबाद में फर्जी दूतावास चलाने और हवाला कारोबार के आरोप में गिरफ्तार कविनगर निवासी हर्षवर्धन जैन के मामले में एसटीएफ ने इंटरपोल को ब्लू कार्नर नोटिस दाखिल किया है।एसटीएफ को इस नोटिस के जरिये हर्षवर्धन के खिलाफ पूरी दुनिया के किसी भी देश में दर्ज मामल की जानकारी मिल सकेगी। जांच एजेंसी आरोपित की वाइफ से भी पूछताछ कर सकती है। जैन के देश में सहयोगियों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। एसटीएफ आरोपित की रिमांड मिलने के बाद उससे विदेशों में कई कंपनियों का गठन करने और उनमें हुए कारोबार की जानकारी भी पूछताछ के दौरान जुटायेगी। आरोपित कई बार साल में अलग-अलग देशों में जाता था, लेकिन देश में उसका कारोबार जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा।हर्षवर्धन की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ को पता चला कि आरोपित की वाइफ के भी विदेश में बैंक अकाउंट हैं। रिमांड अवधि में आरोपित से पूछताछ के बाद जो जानकारी सामने आएगी उसके आधार पर आरोपित की पत्नी को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। इसके अलावा आरोपित के देश में ही मौजूद अन्य सहयोगियों की जानकारी भी जुटाई जा रही है।
ब्लू कार्नर नोटिस
किसी आपराधिक जांच के संबंध में किसी व्यक्ति की पहचान या जगह या फिर उसकी गतिविधियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करवाने के लिए ब्लू कार्नर नोटिस जारी किया जाता है। इस नोटिस के जरिए इंटरपोल द्वारा अपने सदस्य देशों से अतिरिक्त जानकारी ली जाती है।यह नोटिस भी एक तरह से फरार और संदिग्ध अपराधियों के बारे में जांच-पड़ताल या तलाश करने संबंधित नोटिस ही है। जब यह नोटिस जारी कर दिया जाता है तो इंटरपोल के सदस्य इसकी अनदेखी नहीं कर सकते। ऐसे में उन्हें मांगी गई वो सारी जानकारी देनी होती है जो उनके पास होती हैं। आमतौर पर ब्लू कार्नर नोटिस पूछताछ को आगे बढ़ाने का काम करता है।
विदेशों में 25 कंपनियां खोली, 20 करोड़ रुपये भी मिले
फर्जी दूतावास चलाने और हवाला करोबार के आरोप में गिरफ्तार कविनगर निवासी हर्षवर्धन जैन मामले की जांच कर रही एसटीएफ को पता चला है कि आरोपित ने अंतरराष्ट्रीय ठग एहसान अली सैयद के साथ मिलकर विदेशों में 25 कंपनियां खोली थीं। आरोपित के बैंक अकाउंट की संख्या भी 20 पहुंच गई है। वर्ष 2002 से 2004 के बीच एहसान अली ने जैन को 20 करोड़ रुपये भी ट्रांसफर किये थे। जांच में सामने आया है कि इंटरनेशनल ठग एहसान अली सैयद जो आर्म्स डीलर अदनान खगोशी के साथ काम करता था।
2002 से 2004 के बीच एहसान अली ने हर्षवर्धन जैन को 20 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये
टर्किश नागरिकता लेकर लंदन में बैठकर एहसान अली सैयद और कविनगर निवासी हर्षवर्धन जैन मिलकर वर्षों से अलग-अलग देशों में शेल कंपनियों की आड़ में करोड़ों की ठगी को अंजाम दे रहे थे। जैन और एहसान अली की अभी तक 25 कंपनियों की जानकारी सामने आयी है। इनमें 17 कंपनियां इंग्लैंड में खोली जबकि अन्य कंपनियों को मारीशस, कैमरून और यूएई में खोला गया। आरोपित के विदेशी बैंकों में खुले खातों के अलावा देश में ही विभिन्न बैंकों में खुले 11 नये अकाउंट्स का पता चला है। जांच में पता चला है कि वर्ष 2002 से 2004 के बीच सिर्फ दो साल में ही एहसान अली ने हर्षवर्धन जैन को 20 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये थे।
जैन ने जहां का बताया राजदूत, उस देश ने भारत से संबंध किये समाप्त
कविनगर से मंगलवार को कई स्वयंभू देशों के अवैध दूतावास खोलने और हवाला के आरोप में गिरफ्तार हर्षवर्धन जैन से ऐसे ही एक देश ने संबंध समाप्त कर दिए हैं। अंटार्कटिका स्थित स्वयंभू देश वेस्टआर्कटिका है जो गैर सरकारी संगठन है। इस संगठन ने जैन से संबंध समाप्त कर दिए हैं।वेस्टआर्कटिका संगठन ने अपनी वेबसाइट पर बयान जारी कर संबंध समाप्त करने की जानकारी दी है। संगठन का कहना उनके कथित देश के राजा ग्रांड ड्यूक ट्रैविस को जैन की गतिविधि पर बहुत अफसोस है और जैन को दिये गये मानद कौंसिल को वापस ले लिया गया है।जैन ने 11 साल पहले इस संगठन को खुद भी फंडिंग की एवं अन्य व्यापारियों से भी फंडिंग करायी है।
हर्षवर्धन ने 10 वर्षों में कुल 200 बार विदेश यात्राएं की
नोएडा एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि हर्षवर्धन ने बीते 10 वर्षों में कुल 200 बार विदेश यात्राएं की हैं। इस दौरान वह 19 देशों की यात्राएं कर चुका है. वह सबसे अधिक 54 बार संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और 22 बार यूनाइटेड किंगडम (UK) गया। वह विदेश में कंपनियां बनाकर उनका इस्तेमाल दलाली, हवाला और लाइजनिंग जैसे अवैध कामों के लिए करता था।
तांत्रिक चंद्रास्वामी के संपर्क में आया था हर्षवर्धन
एसटीएफ के अनुसार, वर्ष 2000 में हर्षवर्धन जैन कुख्यात तांत्रिक चंद्रास्वामी के संपर्क में आया था। चंद्रास्वामी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के जरिए ही वह हथियार तस्कर अदनान खशोगी और अन्य बड़े विदेशी कारोबारियों से मिला। वर्ष 2005 से 2015 के बीच हर्षवर्धन ने लंदन और दुबई में एक दर्जन से अधिक कंपनियां बनाई. लंदन में एहसान और दुबई में शफीक व इब्राहिम के साथ मिलकर इन कंपनियों के जरिए उसने बड़े पैमाने पर दलाली और हवाला कारोबार को अंजाम दिया।
जैन का मुख्य ठिकाना दुबई बना मुख्य ठिकाना
साल 2006 में हर्षवर्धन दुबई जाकर बस गया। वहीं से अपनी गतिविधियों को संचालित करने लगा। दुबई की कई कंपनियों और बैंकों का उपयोग कर वह हवाला नेटवर्क को मजबूत करता रहा। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि वह हवाला के माध्यम से बड़ी मात्रा में काला धन इधर से उधर कर रहा था।
फर्जी संस्थाएं और झूठे दावे
हर्षवर्धन जैन ने निम्नलिखित फर्जी या अप्रमाणित संगठनों के नाम पर अपनी साख बनायी
International Peace Council (IPC)
World Human Rights Forum (WHRF)
Global Peace Diplomatic Mission
World Parliament of Spirituality
इन संस्थाओं के तहत जैन ने फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, सम्मान पत्र, और राजदूत पद देने का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसाया।
कैसे करता था धोखाधड़ी?
राजनयिक पद का लालच: लोगों को "Goodwill Ambassador", "Human Rights Commissioner", या "UN Peace Ambassador" बनाने का झांसा।
फीस वसूलना: ऐसे पदों के लिए ₹50,000 से ₹5 लाख तक की "रजिस्ट्रेशन फीस" वसूलना।
अंतरराष्ट्रीय दौरे: दुबई, अफ्रीका, श्रीलंका जैसे देशों में "सम्मेलन" आयोजित करने का दावा, जिसमें आमंत्रित लोगों से यात्रा, वीजा और सहभागिता शुल्क वसूला गया।
फर्जी अवार्ड शो: खुद के बनाए पुरस्कार जैसे "Global Peace Award", "Humanity Icon", आदि देने के बहाने से सेलिब्रिटी, अधिकारी और नेताओं को फंसाना।
पीड़ितों की संख्या और शिकायतें
अब तक 100 से अधिक लोगों ने शिकायत की है कि उन्होंने हर्षवर्धन जैन को "राजनयिक पद", "अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधित्व", और "यूएन लिंक" के नाम पर पैसे दिए। इनमें:
एनजीओ प्रमुख
समाजसेवी
धार्मिक नेता
छोटे व्यापारी और उद्यमी
शामिल हैं।
कुछ पीड़ितों ने दावा किया है कि उन्हें विदेश जाने का वादा किया गया, मगर ऐन वक्त पर कार्यक्रम रद्द कर दिया गया और पैसे नहीं लौटाये गये।
अब तक की कार्रवाई
एफआईआर दर्ज:
दिल्ली, मुंबई, और बेंगलुरु जैसे शहरों में धोखाधड़ी की शिकायतों के आधार पर FIR दर्ज की गई है।
लुकआउट नोटिस: हर्षवर्धन जैन के बार-बार विदेश भागने की कोशिशों के कारण उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया।
पुलिस पूछताछ: दिल्ली क्राइम ब्रांच ने मई 2025 में पूछताछ के लिए समन भेजा था, लेकिन वह पेश नहीं हुआ।
ईडी और आयकर विभाग की नजर: वित्तीय लेनदेन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों के कारण अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग भी उसकी संपत्तियों की जांच कर रहे हैं।
सोशल मीडिया और प्रभाव
हर्षवर्धन जैन ने सोशल मीडिया पर बड़ी छवि बनाई थी:
LinkedIn पर खुद को “Global Peace Envoy” और “United Nations Fellow” बताना।
Instagram और Facebook पर नेताओं और विदेश प्रतिनिधियों के साथ फोटो शेयर करना (जिनमें से कई फोटोशॉप्ड या समारोह के सामान्य फोटो थे)।
खुद को "सम्मानित लेखक, मोटिवेशनल स्पीकर" बताकर कार्यक्रमों में आमंत्रण प्राप्त करना।
STF के खुलासे से मचा हड़कंप
यूपी एसटीएफ ने कविनगर निवासी हर्षवर्धन जैन को माइक्रोनेशन (स्वयं-भू देश) के अवैध दूतावास और हवाला कारोबार के आरोप में मंगलवार देर रात अरेस्ट किया था। पुलिस ने आरोपित से पूछताछ करने के लिए पांच दिन का रिमांड कोर्ट से मांगा है। कोर्ट पुलिस के आवेदन पर सोमवार को सुनवाई करेगी। कविनगर पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में शुक्रवार को आरोपित हर्षवर्धन जैन को पांच दिन की रिमांड पर देने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। कोर्ट ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए सोमवार का दिन तय किया है। कवि नगर में रहने वाला हर कोई यही समझता रहा कि उनके पड़ोस में रह रहे रहा हर्षवर्धन जैन'बड़ी शख्सियत' है। उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि कवि नगर का यह घर भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का बड़ा अड्डा है। खुद को "अंतरराष्ट्रीय राजदूत", "संयुक्त राष्ट्र के सलाहकार", और "शांति दूत" बताने वाला यह व्यक्ति बड़ा धोखेबाज निकला। उसने फर्जी संस्थाओं, नकली पुरस्कारों और झूठे निवेश प्रस्तावों के दम पर आम लोगों, एनजीओ, और यहां तक कि राजनीतिक और धार्मिक हस्तियों को भी भ्रमित किया।