धनबाद: गोमो स्टेशन में डेटोनेटर फटा, दो सहायक लोको पायलट घायल

नेताजी सुभाष चंद्र बोस रेलवे स्टेशन गोमो परिसर में क्रू लॉबी तथा मुख्य क्रू कंट्रोल ऑफिस में झंडोत्तोलन के दौरान डेटोनेटर फटने से दो लोगो घायल हो गये। घायलों में गोमो तथा कोडरमा के एक-एक सहायक लोको पायलट शामिल हैं।

धनबाद: गोमो स्टेशन में डेटोनेटर फटा, दो सहायक लोको पायलट घायल

धनबाद। नेताजी सुभाष चंद्र बोस रेलवे स्टेशन गोमो परिसर में क्रू लॉबी तथा मुख्य क्रू कंट्रोल ऑफिस में झंडोत्तोलन के दौरान डेटोनेटर फटने से दो लोगो घायल हो गये। घायलों में गोमो तथा कोडरमा के एक-एक सहायक लोको पायलट शामिल हैं।

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बताया जाता है कि स्टेशन परिसर में झंडोत्तोलन के दौरान डेटोनेटर (फाग सिग्नल) फोड़ने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है।चीफ क्रू कंट्रोलर तथा क्रू लॉबी के समक्ष झंडोत्तोलन किया जा रहा था। रेल पटरी पर डेटोनेटर पहले से बंधी थी। झंडोत्तोलन होते ही डेटोनेटर फोड़ने के लिए उस पटरी से एक इलेक्ट्रिक इंजन पास कराया जा रहा था। इस दौरान चीफ क्रू कंट्रोलर ऑफिस के पास डेटोनेटर का कुछ भाग उड़कर आ गया जो गोमो के सहायक लोको पायलट शशि भूषण कुमार के दायें हाथ के बाजू में घुस गया। क्रू लॉबी के पास डेटोनेटर का कुछ टुकड़ा कोडरमा के सहायक लोको पायलट दीपक कुमार के पेट में घुस गया।मौके पर उपस्थित रेल ड्राइवरों दोनों घायल रेल स्टाफ को रेलवे हेल्थ सेंटर ले गये। डॉक्टर ने ने प्राथमिक उपचार के बाद दोनों घायल रेल स्टाफ को आराम करने की सलाह देते हुए छोड़ दिया।
इसलिए लगाया जाता है डेटोनेटर

रेलवे की भाषा में डेटोनेटर को फॉग सिग्नल कहा जाता है। डेटोनेटर प्रत्येक रनिंग कर्मचारी को ड्यूटी पर जाने से पहले दिया जाता है क्योंकि यह सुरक्षा से जुड़ी है। डेटोनेटर की वैधता लगभग सात वर्ष की होती है। जिस डेटोनेटर की वैधता समाप्त होने की कगार पर रहती है, उसे गणतंत्र दिवस तथा स्वतंत्रता दिवस के दिन रेल पटरी पर बांधकर पटाखा के रूप में रेल इंजन पास करा कर विस्फोट करा दिया जाता है।
ऐसे होता है डेटोनेटर का इस्तेमाल

रेल परिचालन के दौरान किसी प्रकार की अनहोनी होने पर रेल ड्राइवर तथा ट्रेन मैनेजर डेटोनेटर का इस्तेमाल करते हैं।एक्सीडेंट होने पर लोको रनिंग स्टाफ बगल वाली रेल पटरी पर तथा ट्रेन मैनेजर अपने गार्ड ब्रेक से पीछे रेल पटरी पर डेटोनेटर बांध देते हैं। पहला डेटोनेटर 600 मीटर, दूसरा डेटोनेटर 1200 मीटर, तीसरा डेटोनेटर 1210 मीटर तथा चौथा चौथा डेटोनेटर 1220 मीटर की दूरी पर लगाया जाता है। घटनास्थल की ओर आ रहे ट्रेन के पहिए से डेटोनेटर फटने की आवाज सुनकर रेल ड्राइवर अलर्ट हो जायेगा।  घटनास्थल से पहले ही अपनी ट्रेन को रोक देगा। इससे दूसरी ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बच जायेगी।