निशिकांत दुबे की भविष्यवाणी, BMC चुनाव में खत्म हो जायेगी राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की राजनीति
BJP सांसद निशिकांत दुबे ने BMC चुनावों को लेकर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि इस चुनाव के बाद दोनों नेताओं की राजनीति का अंत तय है।

- मुंबई में 30 परसेंट मराठी
मुंबई। झारखंड के गोड्डा से बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे ने महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद और मनसे की गुंडगर्दी पर फिर हमला बोला है। बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर इंटरव्यू में निशिकांत दुबे ने कहा है कि अगले बीएमसी चुनावों में राज ठाकरे की अगुवाई वाली मनसे और उद्धव ठाकरे की पाॅलिटिक्स का खात्म हो जायेगी।
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हिंदी भाषियों को मारकर राजनीति करने वालों की राजनीति अब नहीं चलेगी। pic.twitter.com/5AMhQ2rXq4
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) August 3, 2025
निशिकांत दुबे ने कहा कि मुंबई में सिर्फ 30 परसेंट लोग ही मराठी बोलते हैं। 30 परसेंट लोग हिंदी बोलते हैं। ढाई परसेंट लोग राजस्थानी बोलते हैं। इसी तरह कुछ लोग गुजराती, भोजपुरी बोलते हैं। इसलिए राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की भाषा पर यह पॉलिटिक्स इस बार पूरी तरह से विफल होने वाली है।
ठाकरे ब्रदर्स को बीएमसी चुनावों में मिलेगा जवाब
इंटरव्यू में निशिकांत दुबे ने कहा कि मुंबई के विकास में हिंदी भाषियों का भी योगदान है। न्होंने कहा कि मैं ये नहीं कह रहा हूं कि पूरा योगदान है लेकिन योगदान है। बीजेपी एमपी ने कहा इन लोगों को अंग्रेजी बोलने में दिक्कत नहीं है। निशिकांत ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि इस बार के चुनावों में भाषा की राजनीति का खात्म हो जायेगा। उन्होंने कहा कि जब मनसे नहीं थी तो यही काम शिवसेना करती थी। जब यह खत्म हो जायेगा, तो सब उनके खिलाफ वोट करेंगे, और उन्हें ऐसी राजनीति करने का मौका नहीं मिलेगा, हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या यह बिहार चुनाव में मुद्दा बनेगा तो उन्होंने इस पर कुछ सीधे नहीं कहा। दुबे ने कहा है कि यह पैसा कमाने का एक जरिया है।
महाराष्ट्र और मुंबई के निर्माण में हिंदी भाषियों का भी योगदान
निशिकांत दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार और हिंदी भाषी लोगों ने भी महाराष्ट्र और मुंबई के निर्माण में बड़ा योगदान दिया है। आज भी आपके पास जो अर्थव्यवस्था है। हम भी उस अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं। हम यह दावा नहीं कर रहे हैं कि सिर्फ़ हम ही अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं। बल्कि हम भी उसमें योगदान दे रहे हैं। आप किस आधार पर हमें हरा रहे हैं? किसी को अंग्रेजी बोलने में कोई दिक्कत नहीं है। आपने अंग्रेजी कब से बोलना शुरू किया? जब अंग्रेज भारत आयेए, तब 1760-65 के बीच यहां अंग्रेजी बोली जाने लगी। दुबे ने सवाल किया कि उससे पहले यहां कोई अंग्रेजी नहीं बोलता था।
मुंबई में हिंदीभाषियों पर हमले की मुखालफत करते रहें हैं निशिकांतक
इससे पहले बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे ने मुंबई में मराठी नहीं बोलने वालों की पिटाई पर बड़ा हमला बोला था। तब उन्होंने कहा था कि यूपी-बिहार आने पर वह ऐसा करने वालों को पटक-पटककर मारेंगे। इस पर काफी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। राज ठाकरे ने मीरा भाईंदर की सभा में इसका जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि अब मुंबई आयें तो समुद्र में डुबो-डुबोकर मारेंगे। इसके बाद मनसे ने ठाणे में दुबे के बयान पर एक पोस्टर लगाकर निशाना साधा था। राज ठाकरे के पलटवार पर दुबे ने कहा था कि उन्होंने मनसे चीफ को हिंदी सिखा दी। अब निशिकांत दुबे के ताजा बयान पर एक बार फिर माहौल गरमाने की संभावना है। निशिकांत दुबे ने एक बार फिर राज ठाकरे पर तंज कसा है।