CSR का ‘शाही’ इस्तेमाल: सेल चासनाला कोलियरी डिवीजन ने फॉरेस्ट अफसर के लिए 18 लाख का गोल्फ कोर्ट खरीदा!
सेल की चासनाला कोलियरी डिवीजन ने CSR फंड का 'शाही' इस्तेमाल करते हुए फॉरेस्ट ऑफिसर के लिए 18 लाख का गोल्फ कोर्ट खरीदा। यह खर्च सवालों के घेरे में है। जानें पूरा मामला।

सेल की इकाई ने अपनी रिपोर्ट में किया उल्लेख
धनबाद। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के चासनाला कोलियरी डिवीजन ने रांची के डिवीजनल फॉरेस्ट अफसर (डीएफओ) के लिए 18 लाख रुपये का गोल्फ कार्ट खरीदा है। वर्ष 2023-24 में सेल के कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड से रांची डीएफओ के लिए गोल्फ कार्ट की खरीदारी की गयीहै।
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चासनाला कोलियरी डिवीजन ने दिल्ली में सेल के अपर निदेशक को दी गयी रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है। सेल का टासरा प्रोजेक्ट सिंदरी में चल रहा है। नियमानुसार, किसी सिंदरी के टासरा प्रोजेक्ट से डीएफओ का नाता नहीं, पर उनके लिए खरीदारी हुई है।
प्रोजेक्ट का सीएसआर प्रभावित क्षेत्र पर ही करना है खर्च
किसी प्रोजेक्ट का सीएसआर फंड उसके प्रभावित क्षेत्र पर खर्च करने का प्रावधान है। रांची डीएफओ का टासरा प्रोजेक्ट से कोई सीधा नाता नहीं होने के बाद भी उनके लिए गोल्फ कार्ट की खरीद की गयी। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान टासरा प्रोजेक्ट प्रभावित क्षेत्र में सीएसआर गतिविधियों पर 4.22 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस राशि रांची डीएफओ के लिए गोल्फ की खरीद पर किया गया खर्च शामिल है।
सीएसआर फंड सीएसआर फंड वह राशि है, जो कंपनियां समाज और पर्यावरण को बेहतर बनाने पर खर्च करती हैं। कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार कंपनियों के लिए अपने औसत शुद्ध लाभ का एक निश्चित प्रतिशत सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना अनिवार्य है। कंपनियां खुद भी फंड खर्च कर सकती हैं और संगठनों के माध्यम से क्षेत्र में खर्च कर सकती हैं।
मामले में चासनाला कोलियरी डिवीजन के सेल अफसरों व डीएफओ का पक्ष लेने का प्रयास किया गयाहै। हालांकि, दोनों में से किसी ने अपना पक्ष नहीं दिया है।