Bihar Politics : CM नीतीश कुमार से मिले राज्यसभा उपसभापति हरिवंश, राजनीतिक कयासबाजी शुरू

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सोमवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात पटना में एक अणे मार्ग स्थित सीएम आवास पर हुई।दोनों की मुलाकात के बाद बिहार के सियासी गलियारे में एक बार फिर से कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है।

Bihar Politics : CM नीतीश कुमार से मिले राज्यसभा उपसभापति हरिवंश, राजनीतिक कयासबाजी शुरू
नीतीश मिले हरिवंश।
  • लंबे समय बाद हरिवंश व नीतीश की मुलाकात
  • पीएम मोदी और नीतीश कुमार के करीबी हैं उपसभापति
  • जदयू के बायकॉट के बावजूद नई संसद भवन के उद्घाटन में गये थे हरिवंश

पटना। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सोमवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात पटना में एक अणे मार्ग स्थित सीएम आवास पर हुई।दोनों की मुलाकात के बाद बिहार के सियासी गलियारे में एक बार फिर से कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है।

यह भी पढ़ें:Maharashtra: मुंबई-आगरा हाईवे पर तीन गाड़ियों की कंटेनर से टक्कर, 10 लोगों की मौत 

बताया जाता है कि दोनों नेताओं के बीच लगभग 15 मिनट तक यह बैठक चली। लंबे समय बाद दोनों करीबी नेताओं की मुलाकात ने बिहार की राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है। महाराष्ट्र में पिछले दिनों जिस तरह से राजनीतिक घटनाक्रम बदले हैं, उससे बिहार की सियासत में भी फेरबदल के कयास लगाये जा रहे हैं।बीजेपी के लीडर लगातार दावा कर रहे हैं कि बिहार में भी महाराष्ट्र जैसा खेला होगा। इस बीच सीएम नीतीश के साथ जदयू सांसद हरिवंश की मुलाकात से सियासी हलचल तेज हो गई है। हरिवंश को पीएम नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार दोनों का बेहद करीबी माना जाता है। 

जेडीयू की बायकॉट के बावजूद नई संसद के उद्घाटन में गये हरिवंश
एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार और हरिवंश के बीच भी राजनीतिक फासला बढ़ गया था। जेडीयू द्वारा दिल्ली में नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बायकॉट के बावजूद हरिवंश दिल्ली पहुंचे थे। इसपर जदयू ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी। वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश को 2014 में नीतीश कुमार ने राज्यसभा भेजा था। दोबारा 2022 में भी उनको राज्यसभा भेजा गया। हरिवंश का राज्यसभा कार्यकाल 2026 तक है। हरिवंश को नीतीश कुमार का काफी करीबी माना जाता है। कहा जाता है हरिवंश को उपसभापति कुर्सी पर बिठाने में नीतीश कुमार का महत्वपूर्ण योगदान था। वर्ष  2022 में नीतीश की पार्टी जेडीयू एनडीए से निकल गई । नीतीश ने आरजेडी-कांग्रेस के साथ बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई। तब सबकी निगाह हरिवंश पर अटकी थी कि क्या वो उपसभापति पद से इस्तीफा देंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

जेडीयू एमपी व एमएलए से मुलाकात कर रहे हैं नीतीश
बिहार में सियासी उलटफेर की अटकलें इसलिए भी तेज हैं क्योंकि नीतीश कुमार लगातार जेडीयू एमपी व एमएलए से मुलाकात कर रहे हैं। उनके इलाके की समस्या और विकास कार्यों के बारे में जानकारी ले रहे हैं। रविवार को नीतीश छह एमपी से मिले और उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर तैयार रहने को कहा।नीतीश ने एमपी से कहा कि बीजेपी लोगों को गुमराह करने में जुटी है। अपने समर्थकों तथा पार्टी के प्रशंसकों को उनके द्वारा फैलाये जा रहे भ्रम को लेकर आश्वस्त करें। जेडीयू के कुल 21 एमपी हैं।  इनमें 16 लोकसभा और पांच राज्यसभा के सदस्य हैं।