बिहार: इंडिगो स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह मर्डर केस: 21 दिन बाद भी नतीजा सिफर, हवा में तीर चला रही है पुलिस  

पटना के एयरपोर्ट के स्टेशन मैनेजर रुपेश सिंह की मर्डर के 21 दिन बीत जाने के बाद भी सुशासन की पुलिस किसी निषष्कर्ष पर नहीं  पहुंची है। मर्डर किसने की, मर्डर के क्या कारण है, मर्डर कराने की साजिश किसने रची समेत किसी बिंदु पर पुलिस को कुछ पता नहीं चल पाया है।

बिहार: इंडिगो स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह मर्डर केस: 21 दिन बाद भी नतीजा सिफर, हवा में तीर चला रही है पुलिस   

पटना। पटना के एयरपोर्ट के स्टेशन मैनेजर रुपेश सिंह की मर्डर के 21 दिन बीत जाने के बाद भी सुशासन की पुलिस किसी निषष्कर्ष पर नहीं  पहुंची है। मर्डर किसने की, मर्डर के क्या कारण है, मर्डर कराने की साजिश किसने रची समेत किसी बिंदु पर पुलिस को कुछ पता नहीं चल पाया है।

दिल्ली, गोवा, यूपी, गुजरात से लेकर झारखंड तक छानबीन

घटना के 21 दिन गुजर जाने के बद भी एसआइटी या कोई भी एजेंसी यह पता नहीं लगा सकी है कि उनकी मर्डर का क्या मोटिव था। कभी पुलिस की जांच एयरपोर्ट पार्किंग के विवाद पर टिक रही है तो कभी टेंडर पर. रूपेश की मर्डर की सूई बिल्डर के इर्द-गिर्द घूमी, तो कभी रूपेश के राजनीतिक कद व अन्य कारणों पर। मामले में पुलिस लगभग 300 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इनमें से 50 से अधिक को कस्टडी में लिया गया था।  एसटीएफ, एसआइटी ने आधा दर्जन बाइकर्स को पकड़ पूछताछ किया है। पुलिस की टीम गोवा से लेकर दिल्ली तक छान आयी। यूपी, गुजरात से लेकर झारखंड के कई जिलों में दबिश बनायी पर नतीजा सिफर ही रहा। एसआइटी इस केस में गुजरात से पकड़ कर लाये गये कंट्रेक्टर व बिल्डर से भी पूछताछ कर चुकी है।

अगर शूटर पकड़े गये तो मास्टमाइंड का खुलासा भी हो जायेगा

एसआईटी ने रूपेश के दर्जन भर से अधिक करीबी, सहकर्मियों समेत दर्जनों लोगों से पूछताछ कर चुकी है। बिहार के बाहर गुजरात समेत अन्य जगहों पर पुलिस दबिश देकर पूछताछ की है। अब तक पुलिस के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लग सके हैं। सोर्सेज के अनुसार पटना पुलिस की एक स्पेशल टीम अब तक बिहार के बाहर चक्कर काट रही है। शूटरों का लोकेशन पूर्व में पुलिस को झारखंड में मिला था। बाद में वे ट्रेसलेस हो गये। आशंका है कि शूटर अब झारखंड भी छोड़ चुके होंगे। कहा जा रहा है कि बिना शूटर को पकड़े एसआईटी मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंच सकती। एसआईटी ने रूपेश की मर्डर करने वाले कथित शूटरों की तलाश में भी कई जगहों पर रेड की, लेकिन नतीजा सिफर रहा। पुलिस का मानना है कि मामले में अगर शूटर पकड़े गये तो मास्टमाइंड का खुलासा भी हो जायेगा।

 तीन हजार से अधिक मोबाइल नंबरों की जांच

पुलिस टीम कई मोबाइल नंबरों का लोकेशन खंगाल रही है। अब तक तीन हजार मोबाइल नंबरों को खंगाला चुका है। सबके लोकेशन का मिलान पुलिस कर रही है। एक टीम को खासकर टेक्निकल सर्विलांस के लिये रखा गया है। जबकि दूसरी टीमें रेड कर रही हैं। टावर डंप की मदद भी ली जा रही है ताकि घटना के समय उस इलाके में मौजूद संदिग्ध नंबरों को चिन्हित किया जा सके।

 तीन एजेंसियां बहा रहीं पसीना, नतीजा जीरो

मर्डर की जांच में जुटी पुलिस की एसआइटी पटना बाहर अलावा जहानाबाद, सारण, बेगुसराय समेत कई दबिश दे चुकी है दूसरे राज्यों में गई एसआइटी की चार टीमें वापस लौट आईं हैं। इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच में पुलिस हेडक्वार्टर के तीन आइपीएस, आइजी,एसएसपी से लेकर एसपी के साथ 60 मेंबर की टीम जुटी है। टेंडर विवाद, पार्किंग विवाद समेत अन्य मामलों की एसआइटी जांच कर चुकी है। लगभग 10 से 12 टेंडर की जांच कर चुकी है। पुलिस रुपेश के बैंक अकाउंट की इसलिए जांच की कि शायद किसी से लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। सूत्रों के अनुसार रुपेश के अकाउंट में 40 हजार रुपये से भी कम हैं। अकाउंट से कोई मोटी रकम का ट्रांजेक्शन भी नहीं हुआ है।

पुलिस एसटीएफ एसआइटी के साथ सीआइडी की भी जांच

पुलिस एसटीएफ एसआइटी के साथ सीआइडी भी जांच में रुपेश मर्डर केस की जुटी में जुटी है। फिर भी मामले में लाइनर का सुराग नहीं मिल रहा है। बिहार पुलिस की तीन एजेंसियां एसआइटी के साथ ही एसटीएफ और सीआइडी की जांच का अब तक कोई नतीजा नहीं मिल सका है। रुपेश के परिवार ने इस मामले को सीबीआई को देने का आग्रह किया था। बीजेपी एमपी विवेक ठाकुर ने भी मर्डर के दूसरे ही दिन मामला एक हफ्ते में नहीं सुलझने की स्थिति में इसे सीबीआई को सौंपने की वकालत की थी। लेकिन समय गुजरने के साथ सबकुछ बिल्कुल ठंडा होता दिख रहा है।

 अपार्टमेंट के सामने हुई थी मर्डर

रुपेश सिंह पटना एयरपोर्ट पर इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर थे। ड्यूटी से घर लौटने के दौरान 12 जनवरी शाम शास्त्रीनगर पुलिस स्टेशन एरिया के पुनाईचक स्थित अपार्टमेंट के सामने उनकी मर्डर कर दी गई थी। बिहार पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद न तो शूटर पकड़े गए और न ही लाइनर हाथ आए। मामले की जांच में पुलिस हेडक्वार्टर  के तीन सीनीयर आइपीएस, आइजी, एसएसपी से लेकर सिटी एसपी भी जुटे हैं। साथ में 50 से अधिक तेज तर्रार इंस्पेक्टर और पुलिस अफसर समेत टेक्नीकल सेल की टीम भी लगी हुई है।