बिहार: BPSC पेपर लीक मामले में पटना व आरा में EOU का रेड, कालेज के प्रिंसिपल, BDOव SI समेत कई से पूछताछ

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 67वीं संयुक्त( पीटी) एग्जाम के पेपर लीक मामले की  जांच EOU की साइबर सेल कर रही है। EOU ने इस मामले में आरा के वीर कुंवर सिंह कालेज के प्रिंसिपल योगेन्द्र सिंह, बीडीओ सह मजिस्ट्रेट समेत आठ लोगों को पटना लाकर पूछताछ की गयी है। ईओयू की टीम पटना से आरा तक लगातार रेड व पूछताछ कर रही है।

बिहार: BPSC पेपर लीक मामले में पटना व आरा में EOU का रेड, कालेज के प्रिंसिपल, BDOव SI समेत कई से पूछताछ

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 67वीं संयुक्त( पीटी) एग्जाम के पेपर लीक मामले की  जांच EOU की साइबर सेल कर रही है। EOU ने इस मामले में आरा के वीर कुंवर सिंह कालेज के प्रिंसिपल योगेन्द्र सिंह, बीडीओ सह मजिस्ट्रेट समेत आठ लोगों को पटना लाकर पूछताछ की गयी है। ईओयू की टीम पटना से आरा तक लगातार रेड व पूछताछ कर रही है।

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 BPSC की 67वीं संयुक्त( पीटी) एग्जाम के पेपर लीक व एग्जाम कैंसिंल मामले में EOU में FIR दर्ज की गयी है। डीएसपी को IO बनाया गया है। मामले में छात्रा नेता से भी की गई पूछताछ की गयी है।आरा के वीर कुंवर सिंह कालेज के प्रिंसिपल सह सेंटर सुपरिटेंडेंट डा. योगेंद्र प्रसाद सिंह, एग्जामनेशन कंट्रोलर सुनील कुमार, सेंटर मजिस्ट्रेट सह बड़हरा के बीडीओ जयवर्द्धन गुप्ता और पुलिस सब इंस्पेक्टर संतोष कुमार समेत कालेज के चार अन्य स्टाफ को पटना लाकर पूछताछ की जा रही है। पूछताछ देर रात तक जारी थी। ईओयू टीम ने  पटना के बोरिंग रोड से पेपर लीक की सबसे पहले शिकायत करने वाले छात्र नेता दिलीप कुमार समेत चार लोगों से भी पूछताछ की। छात्र नेता को जांच में सहयोग के लिए बुलाया गया था। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया है। 
EOU की टीम पहले आरा कॉलेज कालेज प्रिंसिपल व बीडीओ से रात भर आरा पुलिस स्टेशन में पूछताछ की। ईओयू की टीम सोमवार की तड़के सभी को लेकर पटना पहुंची। वीर कुंवर सिंह कालेज सेंटर पर परीक्षा के दौरान हंगामा, अनियमितता, मोबाइल के साथ इंट्री दिए जाने और कुछ छात्रों को अलग कमरे में एग्जाम दिए जाने को लेकर सवाल-जवाब किये गये। ईओयू की एक टीम आरा में कैंप कर रही है।ईओयू की की टीम पेपर लीक केस की कड़ी जोड़ने में जुटी है। पटना स्थित EOU के ऑफिस में पूछताछ चल रही है। EOU की दूसरी टीम आरा में जमी है।ईओयू की अलग-अलग टीमें पटना के बीपीएससी कार्यालय से लेकर विभिन्न जगहों पर छानबीन कर रही है। ईओयू की एक टीम बीपीएससी ऑफिस पहुंच एग्जाम से जुड़ा तंत्र समझा। परीक्षा का प्रश्न पत्र कैसे सेट होता है, छपाई से लेकर उसके वितरण तक कौन-कौन लोग शामिल होते हैं, जिलों में इसके कौन प्रभारी होते हैं, आदि जानकारी अफसरों से ली गई। 
BPSC की 67वीं संयुक्त( पीटी) एग्जाम में लगभग छह लाख युवाओं ने आवेदन दिया था। स्टेट के सभी जिलों में पहली बार लगभग 1,083 सेंटर पर एग्जाम आयोजित किया गया था।  बीपीएससी की एग्जाम रविवार को दोपहर 12 से दो बजे तक हुई।न सुबह 11 बजे से ही इंटरनेट मीडिया पर इसका प्रश्न पत्र वायरल हो गया था। प्रश्न पत्र के वायरल होने की सूचना मिलने के बाद आयोग ने पेपर लीक मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। जांच कमेटी ने देर शाम रिपोर्ट सौंप दी। इसके बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया। 

आरा के कालेज में हुआ था हंगामा

बीपीएसपी 67वीं संयुक्त( प्रारंभिक) एग्जाम के दौरान आरा के वीर कुंवर सिंह कालेज में हंगामा भी हुआ था। परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया था कि सेंटर पर वक्त पर पेपर नहीं दिया गया अलग कमरे में बैठकर कुछ परीक्षार्थियों को पेपर दिलाने का भी आरोप परीक्षार्थियों द्वारा लगाया गया था। 
बीपीएससी पेपर लीक सरकार-प्रशासन की नाकामी: विवेक ठाकुर
राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर ने कहा है कि बिहार लोक सेवा आयोग की एग्जाम का पेपर लीक होना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। यह एग्जाम अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां से पास होने वाले परीक्षार्थी बिहार का भविष्य होते हैं। इस एग्जामका पेपर लीक होना सरकार व प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि इस प्रकार की घटना बिहार के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। आखिर कब तक यह खिलवाड़ होता रहेगा। एग्जाम कैंसिल होने से परिश्रमी व मेधावी परीक्षार्थियों का मनोबल टूटता है। 
बीजेपी एमपी ने कहा कि आखिर कब तक पेपर लीक होता रहेगा? आगे ऐसी घटना नहीं होगी, इसकी क्या गारंटी। उन्होंने मांग की कि शिक्षा व्यवस्था का राष्ट्रव्यापी अपमान रोकना होगा। उच्चस्तरीय जांच हो, ताकि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने पाए।विवेक ठाकुर ने कहा है कि इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं बल्कि बिहार के युवाओं के भविष्य के हिसाब से देखना होगा। सरकार अविलंब इस व्यावस्थाि को सेक्यूमरिटी प्रूफ करने की दिशा में आगे बढ़े, चाहे व तकनीकी के माध्यम से हो या फिर किसी अन्य माध्यम से। ट्वीट में विवेक ठाकुर ने लिखा है कि यह सभी का दायित्व है। क्योंगकि गैर सामाजिक तत्व निरंतर शिक्षा व्यावस्थाी को तिरस्कृात करने का प्रयास करते रहते हैं। उसी कड़ी में यह एक उदाहरण है। पेपर लीक प्रकरण पर हाईलेवल इंक्वातयरी कराई जाए। दोषी चाहे जो भी हो उसपर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि आगे इसकी पुनरावृत्ति न हो।