हर बड़े काम से पहले दही-चीनी जरूर खातें हैं अनिल अग्रवाल, फोर्ब्स की अमीरों वाली लिस्ट में शामिल हैं ये बिहारी

फोर्ब्स की सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल इंडिया का बड़ा उद्योगपति अनिल अग्रवाल अपने हर खास काम से पहले दही जरूर खाते हैं। बिहार से ताल्लुमक रखने वाले इस बड़े उद्योगपति अनिल अग्रवाल की पढ़ाई पटना के एक सरकारी स्कूिल से हुई है। अब इनका बिजनस इंडिया के साथ ही वर्ल्ड के अन्य दूसरे देशों में भी है। 

हर बड़े काम से पहले दही-चीनी जरूर खातें हैं अनिल अग्रवाल, फोर्ब्स की अमीरों वाली लिस्ट में शामिल हैं ये बिहारी

पटना। फोर्ब्स की सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल इंडिया का बड़ा उद्योगपति अनिल अग्रवाल अपने हर खास काम से पहले दही जरूर खाते हैं। बिहार से ताल्लुमक रखने वाले इस बड़े उद्योगपति अनिल अग्रवाल की पढ़ाई पटना के एक सरकारी स्कूिल से हुई है। अब इनका बिजनस इंडिया के साथ ही वर्ल्ड के अन्य दूसरे देशों में भी है। 

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दही-चीनी खाकर करते हैं बड़े काम की शुरुआत
वेदांता रिसोर्सेस लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल अपने हर खास काम से पहले दही और चीनी खाते हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश के तमाम घरों में दही खाकर शुरुआत करना बेहद शुभ माना जाता है। खासकर गांवों से जुड़े लोग यात्रा शुरू करने से पहले, एग्जाम के लिए जाने से पहले या फिर नई नौकरी पकड़ने से पहले दही-चीनी या दही-गुड़ जरूर खाते हैं।  
दही और चीनी से जुड़ा है मां का आशीर्वाद
अनिल अग्रवाल फेसबुक और ट्विटर पर खूब सक्रिय हैं। उन्होंने पिछले दिनों अपनी एक फोटो शेयर करते हुए बताया कि किसी बड़े भाषण से पहले वह दही और चीनी जरूर खाते हैं। यह उनका लकी और पुराना तरीका है। उन्होलने लिखा कि मेरी मां ने बचपन में मुझे यह चीज सिखाई थी। उन्होंंने लिखा- मेरे लिए यह केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि मां का आशीर्वाद है। 

किसी काम को कभी कम मत समझना
अनिल अग्रवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा- काम को कभी कम मत समझना। वह बालीवुड स्टार शाहरुख खान के फैन हैं। एक ट्वीट में उन्होंने शाहरुख की फिल्म का डायलाग शेयर करते हुए लिखा- अगर किसी चीज को दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है। 
बचपन पटना में गुजरा, बाद में चले गये मुंबई
अनिल अग्रवाल ( 69) फिलहाल लंदन में रहते हैं। हालांकि उनकी नागरिकता भारत की है। उनका बचपन बिहार की राजधानी पटना में गुजरा है। उनका जन्म पटना में ही हुआ। वह पटना के मिलर स्कूगल से पढ़े। अनिल अग्रवाल के पिता द्वारका प्रसाद अग्रवाल एलुमिनियम कंडक्टर के छोटे व्यरवसायी थे। अनिल अग्रवाल ने शुरुआत में अपने पिता के बिजनेस में भी हाथ बंटाया। युवावस्थान में प्रवेश करते ही वे नई संभावनाओं की तलाश में मुंबई चले गये।
स्क्रैप के बिजनेस के साथ आगे बढ़ते गये
अनिल अग्रवाल ने 1970 के आसपास मुंबई जाकर मेटल स्क्रैजप का बिजनस शुरू किया था। इस बिजनस के जरिए वे आगे बढ़ते गये। नई कंपनियों का अधिग्रहण करते गये। 2001 में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत एलुमिनियम कंपनी का विनिवेश कार्यक्रम के तहत अधिग्रहण किया। यह उनका बड़ा स्टेवप साबित हुआ। अब इनका बिजनस इंडिया के बाहर भी कई देशों में है।
गुजरात वाले सेमी कंडक्टर प्रोजेक्ट को ले चर्चा में रहे
अनिल अग्रवाल हाल के दिनों में सेमी कंडक्टर प्रोडक्शन प्रोजेक्ट की वजह से चर्चा में आये। उनकी कंपनी गुजरात में 20 बिलियन डालर की लागत से सेमी कंडक्टर और इलेक्ट्रा निक डिस्लेशि   प्रोडक्शन शुरू करने जा रही है। इस प्रोजेक्ट में वेदांता ग्रुप की ताइवान की कंपनी फाक्सेकान के साथ साझेदारी है। यह प्रोजेक्ट भारत के लिहाज से काफी महत्वेपूर्ण है। ऐसा इसलिए कि सेमी कंडक्टर के लिए फिलहाल भारत पूरी तरह से दूसरे देशों पर आश्रित है। इसका इस्तेेमाल आटोमोबाइल सहित इलेक्ट्रा निक क्षेत्र से जुड़े तमाम उत्पाहदों में होता है। पिछले दिनों इसकी सप्लािई में कमी आने के बाद देश के आटोमोबाइल उद्योग पर बेहद खराब असर पड़ा था। उम्मीाद जताई जा रही है कि वेदांता की साझेदारी वाला प्लांट शुरू होने के बाद इस क्षेत्र में नये युग की शुरुआत होगी।  

खनिज और धातुओं का काम करती है वेदांता
अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता खनिज और धातुओं का काम करती है। उन्होंगने एक-तिहाई निवेश करते हुए 2018 में वेदांता ग्रुप का स्वाोमित्व हासिल किया था। इसके बाद कंपनी ने उल्लेगखनीय प्रगति हास‍िल की है। अनिल अग्रवाल ने 2021 में घोषणा की थी कि वे अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सां समाजसेवा के लिए दान कर देंगे। 

देश के 100 सबसे अमीर लोगों में शुमार हैं अनिल
अनिल अग्रवाल देश के सबसे अधिक 100 लोगों में शुमार हैं। वर्ल्ड फेमस पत्रिका फोर्ब्स ने इनकी संपत्ति 2.5 बिलियन बताई है। फोर्ब्स के मुताबिक अनिल अग्रवाल भारत के सबसे धनी लोगों में 97वें नंबर पर जबकि दुनिया में 728वें नंबर पर हैं।