यूपी:रोड पर अचानक आये गाय-भैंस को बचाने में पलट गई गाड़ी, सेल्फ डिफेंस में पुलिस ने विकास को मार गिराया:STF

एसटीएफ ने बयान जारी कर बताया है कि हम विकास दूबे को जिंदा पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बचाव में किये गये फायरिंग में वह मारा गया।

यूपी:रोड पर अचानक आये गाय-भैंस को बचाने में पलट गई गाड़ी, सेल्फ डिफेंस में पुलिस ने विकास को मार गिराया:STF
  • पांच लाख का इनामी था आठ पुलिसकर्मियों के मर्डर का आरोपी विकास दुबे 

लखनऊ। यूपी STF विकास दुबे की गाड़ी का एक्सीडेंट होने व इनकाउंटर में उसे मारे जाने पर ब्यान जारी कर जानकारी दी है। एसटीएफ ने बयान जारी कर बताया है कि हम उसे जिंदा पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बचाव में किये गये फायरिंग में वह मारा गया।

पुलिस अफसर का पिस्टल छीनकर भागने लगा और फायरिंग की

यूपी एसटीएफ की तरफ जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि विकास दुबे को पुलिस वाहन से उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था। कानपुर के सचेंडी थाना के पास एनएच पर अचानक गाय-भैंस का एक झूंड आ गया, जिसे बचाने के लिए ड्राइवर ने गाड़ी को मोड़ा लेकिन वह अनकंट्रोल  होकर पलट गई। इस एक्सीडेंट में चार पुलिसकर्मी घायल हो गये।  क्षणिक रूप से अर्धचेतन अवस्था में चले गये? विकास इसका फायदा उठाकर एक पुलिस अफसर का पिस्टल छीनकर भागने लगा।एसटीएफ ने कहा है कि इस घटना की जानकारी पीछे की गाड़ी में आ रहे पुलिस कर्मियों की दी गई। उन्होंने तत्काल फरार क्रिमिनल विकास दुबे का पीछा किया। लेकिन विकास दुबे पुलिस वालों को जान से मारने के लिए छीनी गई पिस्टल से फायरिंग करने लगा। उसे जिंदा पकड़ने की भरपूर कोशिश की गयी लेकिन सेल्फ डिफेंस में चलाई गई गोली में वह मारा गया।

71 मामलों का आरोपी था गैंगस्टर विकास दूबे

यूपी के ए़डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा है कि इनकाउंटर के दौरान तीन सब-इंस्पेक्टर, एक कांस्टेबल और दो एसटीएफ कमांडो घायल हुए हैं। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि दो जुलाई की रात कानपुर इनकाउंटर मामले में कुल 21 अभियुक्त नामजद थे।60 से 70 अन्य अननोन अभियुक्त थे। इस मामले में अब तक तीन एक्युज्ड को पकड़ा गया है। छह आरोपी मारे गये हैं। सात लोगों को जेल भेजा गया है। 12 वाटेंड अपराधी अभी भी फरार हैं। गैंगस्टर पर डकैती, हत्या व हत्या के प्रयास सहित 71 मामले दर्ज हैं।

उज्जैन में पकड़ा गया था विकास
उल्लेखनीय है कि कि कानपुर के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात को आठ पुलिसकर्मियों की मर्डर कर देशभर में सुर्खियों में आया उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर कैंपस से पकड़ा गया था। पुलिस छह दिन की उसकी तलाश कर रही थी। इस कुख्यात क्रिमिनल को लेकर कई राज्यों की पुलिस अलर्ट थी।

पुलिस ने बेटे व पत्नी को छोड़ा

कानपुर एनकाउंटर में ढेर गैंगस्टर विकास दुबे का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया है। डॉक्टरों की एक टीम उसका पोस्टमॉर्टम की है। विकास दुबे को लगीं चार गोलियां लगी थी। छाती पर गोलियों के तीन घाव हैं। एक गोली उसकी बांह पर भी लगी है। इधर पुलिस ने विकास दुबे की पत्नी और बेटे को सुबह 6:30 बजे ही कस्टडी से छोड़ दी है। दोनों अपने घर लौट गये हैं।एसएसपी दिनेश कुमार पी ने इसकी पुष्टि की है। एसएसपी ने कहा है कि ऋचा(विकास दुबे की पत्नी) की कोई भूमिका नही मिली है। वह घटना के समय बिकरू में नहीं थी।

बिकारू गांव में लोगों ने मिठाइयां बांटी

कानपुर के बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे व उसके गुर्गों के साथ हुई इनकाउंटर घायल हुए गोरखपुर में गोला के बेलपार पाठक निवासी व कानपुर में तैनात दारोगा सुधाकर पांडेय स्वस्थ हो गये हैं। वह हॉस्पीटल से डिस्चार्ज होकर अपने गांव पहुंचे हैं। विकास दुबे के इनकाउंटर में मारे जाने के बाद सुधाकर पांडेय और उनका फैमिली काफी खुश है। विकास के मारे जाने पर उन्होंने सत्यनारायण व्रत कथा सुनी।कानपुर के बिकरू गांव में इनकाउंटर में शहीद कांस्टेबल सुल्तान सिंह की पत्नी उर्मिला वर्मा ने गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने पर कहा कि मैं संतुष्ट हूं। लेकिन अब यह कैसे सामने आयेगा कि कौन उसे (विकास दुबे) समर्थन दे रहा था? उससे पूछताछ करके यह खुलासा नहीं किया जा सका।हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद बिकारू गांव में लोगों ने मिठाइयां बांटी। लोगों का कहना है कि यह पूरा इलाका आज बहुत खुश है। ऐसा लगता है जैसे हम आखिरकार आजाद हो गये हैं। यह आतंक के युग का अंत है। हर कोई बहुत खुश है।

बीजेपी गवर्नमेंट ने उत्तर प्रदेश को अपराध प्रदेश बना दिया: प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि बीजेपी गवर्नमेंट ने उत्तर प्रदेश को अपराध प्रदेश बना दिया है। विकास दुबे जैसे क्रिमिनल सत्ता के लोगों द्वारा पनपते और फलते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस पूरे प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच की मांग करती है।

एनकाउंटर फर्जी बता तहसीन पूनावाला ने NHRC में किया कंपलेन


कुख्यात क्रिमिनल विकास दुबे के एनकाउंटर का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) पहुंच गया है। राजनीतिक टिप्पणीकार तहसीन पूनावाला ने विकास दुबे के एनकाउंटर के खिलाफ NHRC में कंपलेन दर्ज करवाई है।

एनकाउंटर स्क्रिप्ट के तहत हुआ: पूनावाला

तहसीन पूनावाला ने ट्वीट कर कहा है कि मैंने यूपी के नेताओं, योगी आदित्यनाथ सरकार और यूपी के पुलिस पदाधिकारियों को बचाने के लिए तय स्क्रिप्ट के तहत शुक्रवार सुबह को विकास दुबे कथित फर्जी एनकाउंटर के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है।' उनकी शिकायत एचआरसी नेट पोर्टल की डायरी नंबर 10210 / IN / 2020 में प्राप्त हुई है। तहसीन पूनावाला टेलीविजन शो में अपनी उपस्थिति और सामाजिक, मीडिया पर अपने विचार को स्पष्ट करने के लिए जाने जाते हैं।

उठाये पांच सवाल
पूनावाला ने अपने ट्वीट में कंपलेन की कॉपी भी अटैच की है जिसमें एनकाउंटर को लेकर पांच सवाल उठाए गये हैं:
रोड बिल्कुल सपाट और अच्छी है तो फिर एसयूवी पलट कैसे गई?
विकास दुबे शारीरिक रूप से तंदुरुस्त नहीं है, बावजूद इसके उसने बेहद तंदुरुस्त पुलिस वालों को धक्का देकर पलटी हुई गाड़ी से निकल कैसे गया, खासकर तब जब आरोपी को पुलिसवालों के बीच में बिठाया जाता है?
विकास इतना बड़ा खूंखार क्रिमिनल था, फिर भी उसका हाथ बंधा क्यों नहीं था?
विकास ने जो पिस्टल पुलिस वाले से छीना, वो वर्दी के साथ अटैच क्यों नहीं था?
विकास दुबे की गाड़ी साथ जा रहे पुलिस वाले क्या कर रहे थे?

पुलिस पर गंभीर आरोप
उन्होंने कहा कि ऊपर के ये सवाल गंभीर संदेह पैदा करते हैं कि विकास दुबे के सरेंडर के बाद उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। पूनावाला ने आयोग से इस पर संज्ञान में लेते हुए उचित कार्रवाई करने की उम्मीद जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी पुलिस अपने अवैध और असंवैधानिक व्यवहार को चर्चित रही है। इस व्यवहार के चलते उस पर कोर्ट व एनएचआरसी में पहले से ही कई कंपलेन दर्ज हैं। 

फ्लैश बैक
कानपुर जिला मुख्यालय से लगभग 38 किमी दूर चौबेपुर पुलिस स्टेशन एरिया के गांव बिकरू में पिछले शुक्रवार (2-3 जुलाई की रात) को देश को दहला देने वाला कांड हुआ था। पुलिस टीम गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए पहुंची थी। कुख्यात विकास और उसके साथियों ने पुलिस टीम हमला कर दिया था। हमले में  सीओ, एसओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। सूबे में यह पहली बार था, जब इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। बदा में पुलिस ने कुख्यात के मामा और चचेरे भाई को इनकाउंटर में ढेर कर दिया था।इसके बाद उसके दो साथी भी मारे गये थे।