उत्तर प्रदेश: जर्मनी से गांव लौटे गौरव चौधरी, चुनाव लड़ा, अब निर्विरोध बन गये जिला पंचायत अध्यक्ष

निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गये 33 साल के गौरव चौधरी कुसैड़ी की सफर फिल्मी दुनिया की तरह है। जर्मन से देश लौटे मेरठ जिले के मूल निवासी गौरव चौधरी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता और फिर जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हो गये। 

उत्तर प्रदेश: जर्मनी से गांव लौटे गौरव चौधरी, चुनाव लड़ा, अब निर्विरोध बन गये जिला पंचायत अध्यक्ष
गौरव चौधरी कुसैड़ी (फाइल फोटो)।

मेरठ।निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गये 33 साल के गौरव चौधरी कुसैड़ी की सफर फिल्मी दुनिया की तरह है। जर्मन से देश लौटे मेरठ जिले के मूल निवासी गौरव चौधरी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता और फिर जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हो गये। 
गौरव लगभग एक दशक से जर्मनी में रहकर बिजनेस कर रहे थे। पंचायत चुनाव से ठीक पहले वह देश लौटे।गांव आकर लोगों की मदद शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने जिला पंचायत चुनाव लड़ने का फैसला किया। वार्ड-18 से चुनाव की तैयारी शुरू की।बीजेपी से टिकट की दावेदारी की तो कुछ लोकल नेताओं ने विरोध भी किया। बावजूद इसके बीजेपी में एंट्री के साथ टिकट मिल गया।उन्होंने जि़ला पंचायत सदस्य पद का चुनाव में जीत हासिल की। वह शनिवार को निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हो गये। 
पीएम नरेंद्र मोदी को आदर्श मानते हैं गौरव
विदेशी बिजनेसमैन से जिला पंचायत अध्यक्ष बने गौरव चौधरी पीएम नरेंद्र मोदी को आदर्श मानते हैं। गौरव का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत की छवि को समूचे विश्व में बदलकर रख दिया है। विदेशों में भारतीयों का सिर गर्व से ऊंचा उठ गया है।फैमिली बैकग्राउंड हाई प्रोफाइल होने की वजह से गौरव का चुनाव लड़ने की खबर इलाके में चर्चा का विषय बनी।गौरव की पढ़ाई लिखाई कुरुक्षेत्र में हुई। वह बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद जर्मनी चले गये।वहीं पर इंपोर्ट, एक्सपोर्ट और कंस्ट्रक्शन का काम शुरू किया। 
जर्मनी गये लेकिन गांव को याद रखा
गौरव का कहना है कि वह जर्मनी में रहते थे, लेकिन गांव की मिट्टी को कभी नहीं भूले।साल में दो बार गांव जरूर आते रहे। गांव में कई सालों से अपने दादा चौधरी भीम सिंह मेमोरियल ट्रस्ट नाम से संस्था चला रहे हैं। वह ट्रस्ट के माध्यम से जरूरतमंद बच्चों की मदद करते रहते हैं। जर्मनी में रहते हुए अपने गांव समाज के लिए कुछ करना चाहते थे। इसी जज्बे ने उन्हें जिला पंचायत का पहले सदस्य बनाया। अब अध्यक्ष बनाकर जिले की सेवा का मौका दिया है। जीत के साथ अब जिम्मेदारी बढ़ गई है। वह चाहते हैं कि युवाओं के लिए रोजगार और गरीब तबके की सभी जरूरतें पूरी की जाएं। गांव से लेकर जिले का विकास हो।