धनबाद: म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन एरिया में अब फ्री में मिलेगा वाटर कनेक्शन, डीएसी व झमाडा देगा कनेक्शन

कस्टमर को केवल पाइप, वाटर मीटर का खर्च व लेबर चार्ज देना पड़ेगा कॉरपोरेशन एरिया में वाटर सप्लाई का काम प्राइवेट एजेंसी को दी जायेगी धनबाद: झारखंड में टाउन एरिया में पब्लिक को फ्री में वाटर कनेक्शन मिलेगा. सरकार की ओर से इस संबंध में प्रोपोजल तैयार की जा रही है. अब धनबाद म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन एरिया में वाटर कनेक्शन के लिए अब फीस नहीं देना होगा. कॉरपोरेशन झमाडा (झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार) कस्टर को फ्री में वाटर कनेक्शन देंगे. कस्टमर को केवल पाइप, वाटर मीटर का खर्च व लेबर चार्ज देना पड़ेगा. धनबाद म्यूनिशिपल एरिया में पानी सप्लाई का जिम्मा एक एजेंसी को दिया जायेगा. रांची में शुक्रवार को नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर सहमति बनी है. नगर विकास विभाग से प्रस्ताव कैबिनेट भेजा जायेगा. कैबिनेट से पास होने के बाद यह व्यवस्था लागू हो जायेगी. बैठक में मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, सूडा डायरेक्टर, अपर नगर आयुक्त , जुडको, माडा समेत एनजेएस के प्रतिनिधि उपस्थित थे. धनबाद के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल का कहना है कि कॉरपोरेशन व झमाडा में वाटर कनेक्शन चार्ज में विषमता को देखते हुए इसे समाप्त करने का निर्णय लिया गया है. कॉरपोरेशन में अभी चार हजार और माडा में नौ से 14 हजार रुपये वाटर कनेक्शन चार्ज के रूप में फीस लगते हैं. अब यह फीस नहीं लिया जायेगा. कॉरपोरेशन एरिया में फ्री वाटर कनेक्शन मिलेगा. कोयलांचल में नई जलापूर्ति योजनाओं में कस्टमर को लेबर चार्ज भी नहीं देना पड़ेगा. कॉरपोरेशन कस्टमर को घर तक फ्री में वाटर कनेक्सन पहुंचायेगा. जेएनएनयूआरएम शहरी जलापूर्ति योजना में लाभुक को घर तक कनेक्शन पहुंचाने का प्रावधान है. झमाडा में 360 करोड़, म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन में 560 करोड़ व 166 करोड़ की जलापूर्ति योजनाओं पर काम होना है. इसके तहत एनजेएस कंपनी 166 करोड़ की योजना से वार्ड एक से 13 में जलापूर्ति योजना पर काम कर रही है. कॉरपोरेशन एरिया में झमाडा को वाटर सप्लाइ का जिम्मा रांची की बैठक में सहमति बनी है कि धनबाद म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन एरिया में झमाडा को को वाटर सप्लाई का जिम्मा सौंपा जायेगा. बैठक में यह निर्णय भी लिया गया। जलापूर्ति व्यवस्था कॉरपोरेशन, झमाडा व पेयजल विभाग में अलग-अलग होने से किसी एक एजेंसी की जवाबदेही नहीं बन पा रही थी. इसलिए इसे एक संस्थान को सौंपने के लिए मंथन चल रहा था. जलापूर्ति व्यवस्था देखने के साथ झमाडा उपभोक्ता शुल्क भी वसूलेगा. यह आय माडा की ही होगी।.इसके बाद भी जलापूर्ति व्यवस्था का रख-रखाव नहीं हो पाया तो बाजार शुल्क व डीएमएफटी कोष से भुगतान होगा.कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने पर झमाडा को फेज वाइज संचालन का जिम्मा सौंप दिया जायेगा. झमाडा में कर्मियों की संख्या बढ़ायी जायेगी. तकनीकी कर्मी व पदाधिकारियों की बहाली की जायेगी.