नई दिल्ली: देश में दो कोरेाना वैक्सीन के फेज-1 और फेज-2 ट्रायल आ गये: हेल्थ मिनिस्ट्री
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी और बुहान के वैक्सीन के शुरुआती नतीजे प्रोत्साहित करने वाले हैं। देश में भी दो कोरेाना वैक्सीन फेज-1, फेज-2 ट्रायल में आ चुके हैं।
नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी और बुहान के वैक्सीन के शुरुआती नतीजे प्रोत्साहित करने वाले हैं। देश में भी दो कोरेाना वैक्सीन फेज-1, फेज-2 ट्रायल में आ चुके हैं। डॉ पॉल नई दिल्ली में मंगलवार को सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी व नीति आयोग की ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेस में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि इसकी चर्चा पहले ही शुरू हो गई है कि वैक्सीन उन सभी को कैसे उपलब्ध कराये जायेंगे जिन्हें इसकी आवश्यकता है। इंडियन वैक्सीन की पहुंच देश के लोगों और इंटरनेशनल समुदाय को जल्द से जल्द होनी चाहिए, इसके लिए सेंट्रल गवर्नमेंट कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसके लिए हर संभव सुविधा उपलब्घ कराई जायेगी, ताकि साइंटिस्ट बेहतर तरीके से टेस्ट कर सकें और हम एक किफायती विकल्प पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना वायरस के पीक पर आने का इंतजार नहीं करना चाहिए। अपने लेवल पर एहतियात बरतनी चाहिए, जिससे कि मामले ना बढ़ें।
हेल्थ मिनिस्टर के ओएसडी राजेश भूषण ने बताया कि इंडिया में आज भी 10 लाख जनसंख्या पर कोरोना मामलों की संख्या 837 है जो वर्ल्ड के बड़े देशों की तुलना में काफी कम है। कुछ देश तो ऐसे हैं जहां इंडिया की तुलना में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 12 या 13 गुना मामले हैं। 10 लाख की आबादी में डेथ परसेंटेज 20.4 है, यह भी काफी कम है। इंडिया के 30 स्टेट व यूटी में पॉजिटिविटी रेट नेशनल पॉजिटिविटी रेट की तुलना में कम हैं। देश में पॉजिटिविटी रेट 8.07 परसेंट है। राजेश भूषण ने कहा कि WHO की गाइडलाइन कहती है कि 10 लाख की पोपुलेशन पर 140 टेस्ट पर डे होने चाहिए। इंडियामें अभी 80 टेस्ट पर डे हर 10 लाख की पोपुलेशन पर हो रहे हैं। इंडिया में फिलहाल 4,02,529 ऐक्टिव केस हैं। कोरोना संक्रमित 7,24,577 लोग रिकवर कर चुके हैं। देश में केस फिटिलिटी रेट 2.43 परसेंट हैं, इसमें काफी बड़ा महत्वपूर्ण रोल डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ का है। एम्स की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका है। कई स्टेट में केस फिटलिटी रेट नेशनल औसत से कम है। हेल्थ मिनिस्टरी का सहयोग स्टेट को मिल रहा है। समय-समय पर मिनिस्टरी की टीमें राज्यों का दौरा भी करती हैं।
NCDC के डायरेक्टर डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने कहा कि हमने सीरो सर्वे 27 जून से लेकर 10 जुलाई के बीच दिल्लीक में किया था। यह सर्वे जून के तीसरे वीक की तस्वीर पेश करता है। महामारी से लगभग छह महीने में 22.86 परसेंट लोग प्रभावित हुए हैं। 77 परसेंट आबादी अति संवेदनशील है। दिल्ली की 77 परसेंट आबादी अभी असुरक्षित है,जिनमें संक्रमण होने की संभावना है। इसमें बुजुर्गों की बड़ी आबादी है। दिल्लीा के 11 में से आठ जिलों में 20 परसेंट से अधिक सीरो फैलाव है। मध्य, उत्तर-पूर्व, उत्तर और शाहदरा जिलों में लगभग 27 परसेंट का फैलाव है। दिल्ली के हालात के लेकर हम चिंता नहीं कर रहे हैं। हम दिल्ली के हालात को लेकर एक हद तक संतुष्ट हैं।एक लेवल के बाद वायरस का संक्रमण कम होता जाता है। सीरो सर्वे को फिलहाल वायरस के प्रसार की संभावना से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है।