Jharkhand liquor scam : झारखंड में एक्स IAS अफसर अमित प्रकाश शराब घोटले में हुए अरेस्ट
झारखंड में हुए शराब घोटाला मामले में एसीबी ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व आयुक्त उत्पाद व रियार आइएएस अफसर अमित प्रकाश को अरेस्ट कर लिया है। वे आयुक्त उत्पाद के साथ-साथ झारखंड राज्य विबरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के एक्स जीएम भी थे। आईएएस अमित प्रकाश 31 दिसंबर 2024 को रिटायर हुए थे।

कोर्ट ने 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेजा
एक्स एक्साइज कमिश्नर
अमित प्रकाश गिरफ्तार, एक्शन मोड में एसीबी
रांची। झारखंड में हुए शराब घोटाला मामले में एसीबी ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व आयुक्त उत्पाद व रियार आइएएस अफसर अमित प्रकाश को अरेस्ट कर लिया है। वे आयुक्त उत्पाद के साथ-साथ झारखंड राज्य विबरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के एक्स जीएम भी थे। आईएएस अमित प्रकाश 31 दिसंबर 2024 को रिटायर हुए थे।
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छत्तीसगढ़ की दो कंपनियों को 11 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया भुगतान कर दिया गया
एसीबी ने उन्हें मंगलवार की देर शाम एसीबी की स्पेशल कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में में भेज दिया गया है। आईएएस अमित प्रकाश पर आरोप है कि उन्होंने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के ममिनिस्टर योगेंद्र प्रसाद के शपथ ग्रहण व योगदान के कुछ ही दिनों के भीतर उन्हें बताए बगैर झारखंड में वर्ष 2022 में थोक शराब आपूर्ति करने वाली छत्तीसगढ़ की दो कंपनियों को नवंबर 2024 में लगभग 11 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया भुगतान कर दिया गया था। इन कंपनियों में मेसर्स दीशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड व मेसर्स ओम साईं विबरेजेज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। भुगतान उस स्थिति में किया गया, जब छत्तीसगढ़ सिंडिकेट की ही झारखंड में ब्लैकलिस्ट की गईं चारों प्लेसमेंट एजेंसियों पर करीब 450 करोड़ रुपये झारखंड का बकाया है।
झारखंड अपने 450 करोड़ रुपये के बकाया के लिए सुप्रीम कोर्ट के शरण में
छत्तीसगढ़ की इन चारों प्लेसमेंट एजेंसियों में मेसर्स एटूजेड इंफ्रा सविर्सस लिमिटेड, मेसर्स इगल हंटर सोल्यूशंस लिमिटेड, मेसर्स प्राइम वन वर्क फोर्स प्राइवेट लिमिटेड व मेसर्स सुमित फैसिलिटिज शामिल हैं। झारखंड अपने 450 करोड़ रुपये के बकाया के लिए सुप्रीम कोर्ट के शरण में है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। आइएएस अमित प्रकाश ने यह भुगतान अपनी रिटायरमेंट के एक महीने पहले की थी।
पूर्व आयुक्त उत्पाद अमित प्रकाश पर आरोप है कि उन्होंने प्लेसमेंट एजेंसियों पर बकाया राशि वसूली की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की। आरोप है कि घोटाले होते रहे और उसे रोकने में ये विफल रहे या चुपचाप रहे।फर्जी बैंक गारंटी उजागर होने के बाद भी उन्होंने अपने कार्यकाल में संबंधित प्लेसमेंट एजेंसियों के विरुद्ध न कोई कानूनी कार्रवाई की और न हीं उन्हें काली सूची में डालने का प्रयास किया। इतना ही नहीं, प्लेसमेंट एजेंसियों को उनके मैनपावर आपूर्ति के एवज में मानदेय का भुगतान लटकाये रखा था।
सूचना के अधिकार के तहत अपने ही विभाग से ले ली थी 1200 पन्ने की सूचनाएं
रिटायर आईएएस अफसर अमित प्रकाश ने एसीबी के सवालों से बचने के लिए अपने ही विभाग से सूचना के अधिकार के तहत 12 जून को 1200 पन्ने की सूचनाएं मांग ली थी। उन्होंने सूचना मांगने के लिए 20 मई को एसीबी थाने में दर्ज प्राथमिकी को आधार बनाया था। उन्होंने एसीबी की एफआइआर से संबंधित कागजात व अपनी कार्यावधि से संबंधित वांछित सूचनाओं की छायाप्रति मांगी थी। झारखंड राज्य बिवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड के जन सूचना पदाधिकारी सह महाप्रबंधक (संचालन) ने 12 जून को उन्हें वांछित सूचनाएं उपलब्ध करा दी थी।
उल्लेखनीय है कि फर्जी बैंक गारंटी पर दो प्लेसमेंट एजेंसियों को ठेका देने के मामले में एसीबी ने 20 मई को एफआइआर दर्ज की थी। दर्ज एफआइआर में एसीबी ने लिखा था कि इस फर्जीवाड़े के चलते राज्य सरकार को 38 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ था। इसी एफआइआर के आधार पर एक-एककर छह आरोपित जेल भेज गये हैं। अब कइयों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
शराब घोटाला मामले में विनय कुमार चौबे के बाद अमित प्रकाश ऐसे दूसरे आईएएस अफसर हैं, जिन्हें एसीबी ने अरेस्ट किया है। घोटाले के इस मामले में एसीबी ने पूर्व में पांच आरोपितों को अरेस्ट किया था। पूर्व में जिन्हें अरेस्ट किया गया था, उनमें 20 मई को विभाग के पूर्व प्रधान सचिव सह पूर्व महाप्रबंधक जेएसबीसीएल विनय कुमार चौबे तथा संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह शामिल थे।वहीं, 21 नवंबर को एक्स जीएम फाइनेंस सुधीर कुमार दास व एक्स सीएम फाइनेंस सह अभियान सुधीर कुमार के अलावा प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन के लोकल प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह की गिरफ्तारी हुई थी।अब छठी गिरफ्तारी के रूप में एक्स आयुक्त उत्पाद अमित प्रकाश शामिल हुए हैं।