उत्तर प्रदेश: BSP एमपी अतुल राय को बड़ी राहत, रेप केस के बाद पुलिस पर हमले में भी बरी

उत्तर प्रदेश के मऊ की घोसी सीट से बीएसपी एमपी अतुल राय को कोर्ट बड़ी राहत मिल गई है। रेप के आरोपों से बरी होने के बाद अब पुलिस पर हमले के आरोपों में भी बरी हो गये हैं। स्पेशल जज एमपी-एमएलए कोर्ट सियाराम चौरसिया की कोर्ट ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। 

उत्तर प्रदेश: BSP एमपी अतुल राय को बड़ी राहत, रेप केस के बाद पुलिस पर हमले में भी बरी
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मऊ की घोसी सीट से बीएसपी एमपी अतुल राय को कोर्ट बड़ी राहत मिल गई है। रेप के आरोपों से बरी होने के बाद अब पुलिस पर हमले के आरोपों में भी बरी हो गये हैं। स्पेशल जज एमपी-एमएलए कोर्ट सियाराम चौरसिया की कोर्ट ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। 
लगभग 11 साल पहले अतुल राय पर वाराणसी की कचहरी पुलिस चौकी पर पुलिकर्मियों के साथ मारपीट करने और हमला करने का आरोप लगा था। इसी मामले में एमपी अतुल राय बरी हो गये लेकिन तीन अन्य लोगों को दोषी करार देते हुए तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है। 35-35 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। 
यह है मामला
25 अगस्त 2011 को तत्कालीन कचहरी पुलिस चौकी प्रभारी तहसीलदार सिंह ने कैंट पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराया था। उन्होंने बताया था कि वायरलेस से सूचना मिली की कुछ बदमाश सिपाहियों से मारपीट रहे हैं। मौके पर पहुंचे पेशी पर लाये गये बंदी तपेश नारायण सिंह और उसके साथी अश्विनी सिंह व अनुराग सिंह सिपाही को मारपीट कर रहे थे।दोनों तपेश को छुड़ाकर भगाने की फिराक थे। तीनों को पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस के अनुसार पूछताछ में अतुल राय समेत तीन अन्य का भी नाम भी मारपीट और हमले में आया था। इसके बाद सभी छह आरोपितों पर केस दर्ज किया गया।
स्पेशल जज एमपी-एमएलए कोर्ट सियाराम चौरसिया की कोर्ट ने मामले में पेश गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर रोहनिया के औढ़े निवासी तपेश नारायण सिंह, हिरामनपुर (फूलपुर) निवासी अश्विनी सिंह व अनुराग सिंह को तीन-तीन साल की सजा सुनाई। तीनों पर 35-35 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया।वहीं, घोसी एमपी अतुल राय, पूर्व प्रधान सुजीत सिंह बेलवा और अभिषेक सिंह हनी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। एमपी अतुल राय और अभिषेक सिंह हनी की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव व दिलीप श्रीवास्तव ने पक्ष रखा।
रेप के तीन साल पुराने मुकदमे में बरी 
वाराणसी की MP-MLA कोर्ट के स्पेशल जज सियाराम चौरसिया की कोर्ट ने रेप के आरोप में दर्ज मामले मेंएमपी अतुल राय को बरी कर दिया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) ज्योति शंकर उपाध्याय ने कहा, "एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले से हम संतुष्ट नहीं हैं। इस फैसले के खिलाफ हम हाईकोर्ट में अपील दाखिल करेंगे।"अतुल राय के एडवोकेट अनुज यादव ने बताया, "कोर्ट ने पाया कि पीड़िता की तरफ से पेश किए साक्ष्य विश्वसनीय नहीं हैं। साक्ष्य की फोरेंसिक जांच भी हुई। उसकी रिपोर्ट से भी पुष्टि हुई कि एमपी को गलत तरीके से फंसाया गया था। कोर्ट ने हमारे मुवक्किल को बरी कर दिया है।"
एक मई 2019 को दर्ज करायी गयी थी एफआइआर
अतुल राय के खिलाफ यह एक मई 2019 को बलिया की रहने वाली पीड़िता ने वाराणसी के लंका पुलिस स्टेशन में रेप के आरोप में मामला दर्ज कराया था। वाराणसी के यूपी कॉलेज की पूर्व छात्रा के साथ गवाह ने न्याय नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट के सामने खुद को आग लगा कर जान दे दी थी।एडवोकेट अनुज यादव ने बताया, "पीड़िता और गवाह की आत्महत्या के बाद एक और मुकदमा लखनऊ में लिखवाया गया था। जिसमें उन्हें आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का आरोपी बनाया गया है। अब उस मुकदमे में भी एमपी की बेल के लिए प्रयास किया जायेगा।"
ढाई साल से जेल में हैं एमपी
पीड़िता ने अपनी तहरीर में लिखा था कि वाराणसी में पढ़ाई के दौरान अतुल राय से उसका परिचय हुआ। मार्च 2018 में अतुल उसे अपनी वाइफ से मिलवाने की बात कहकर चितईपुर स्थित फ्लैट में ले गये। मगर, वहां कोई नहीं था। उसी दौरान उन्होंने उसके साथ रेप किया। उसकी फोटो खींची और वीडियो बना लिया था।रेप करने के बाद अतुल उसे ब्लैकमेल कर फिर रेप करने लगे। विरोध करने पर अतुल राय उसे जान से मारने के व उसके परिवार को देख लेने की धमकी देते थे। पुलिस मुकदमा दर्ज कर अतुल की तलाश शुरू की तो वह अंडरग्राउंड हो गये।  लोकसभा चुनाव जीतने के बाद 22 जून 2019 को अतुल ने वाराणसी की कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। तब से वह जेल में ही हैं। अभी वह प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं।
मुख्तार के करीबी रहे हैं अतुल राय
गाजीपुर के भांवरकोल पुलिस स्टेशन एरिया के बीरपुर गांव के मूल निवासी अतुल राय वाराणसी के मंडुवाडीह थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं। अतुल राय के खिलाफ साल 2009 से लेकर अब तक 27 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।वाराणसी में बीएससी की पढ़ाई के दौरान अतुल को क्राइम का ग्लैमर रास आने लगा। धीरे-धीरे अतुल का झुकाव एक्स एमएलए माफिया मुख्तार अंसारी की ओर बढ़ता चला गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में घोसी से मुख्तार अपने बेटे अब्बास को बीएसपी कैंडिडेट बनाना चाहते थे।मगर, अतुल ने मुख्तार को चित करते हुए 14 अप्रैल 2019 को बीएसपी का टिकट हासिल कर लिया था।