नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण से देश में अब तक हो चुकी है 1952 रेलवे स्टाफ की मौत

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण ने इंडियन रेलवे को भी काफी प्रभावित किया है। कोरोना की पहली लहर से लेकर अब तक 1952 रेलवे के स्टाफ की संक्रमण से मौत हो चुकी है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। 

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण से देश में अब तक हो चुकी है 1952 रेलवे स्टाफ की मौत
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा।
  • फिलहाल 4000 रेलवे स्टाफ व फैमिली मेंबर रेलवे हॉस्पीचल में हैं एडमिट
  • पर डे संक्रमित हो रहे हैं 1000 स्टाफ

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण ने इंडियन रेलवे को भी काफी प्रभावित किया है। कोरोना की पहली लहर से लेकर अब तक 1952 रेलवे के स्टाफ की संक्रमण से मौत हो चुकी है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। 

सुनीत शर्मा ने कहा कि रेलवे में पर डे हजार कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे हैं।रेलवे किसी अन्य स्टेट या यूटी से अलग नहीं है। हम भी कोरोना की वजह से प्रभावित हुए हैं। हम ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में हैं। हमें एक जगह से दूसरी जगह तक लोग या फिर माल ले जाना पड़ता है। हमारे पास अपने हॉस्पीटल,काफी बेड्स व अपना ऑक्सीजन प्लांट है। हम अपने स्टाफ की केयर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक स्टाफ और उनके फैमिली द्वारा लगभग चार हजार बेड्स भरे हैं। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि वे सभी जल्द से जल्द रिकवर हों। कल तक, पिछले साल मार्च से अभी तक कोरोना वायरस की वजह से 1952 लोगों की मौत हो चुकी है। शर्मा ने कहा कि रेलवे सभी रेलकर्मियों की सुरक्षा के बारे में चिंतित था और उनके जोखिम को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये गये हैं।

उल्लेखनीय है कि रेलवे में लगभग 13 लाख कर्मचारी काम करते हैं।  वर्ल्ड में कर्मचारियों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़ी संस्था है। पिछले हफ्ते रेलवे के ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने रेल मिनिस्टर पीयूष गोयल को लिखे एक पत्र में कोरोनो वायरस संकट के दौरान काम करने वाले रेलकर्मियों के निधन पर फ्रंटलाइन वर्कर्स की तरह ही मुआवजा देने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये दिए जाएं। पत्र में कहा कि जहां एक लाख से अधिक लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं। 65,000 लोग रिकवर होकर अपने काम में फिर से शामिल हो गये हैं।