जस्टिस संजय मिश्रा होंगे झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस

उत्तराखंड हाई कोर्ट के जज संजय कुमार मिश्रा झारखंड हाई कोर्ट के नये चीफ जस्टिस होंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके नाम की अनुशंसा सेंट्रल गवर्नमेंट को भेज दी है। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन 19 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने झारखंड हाई कोर्ट सहित तीन हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति की है।

जस्टिस संजय मिश्रा होंगे झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस
  • सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सेंट्रल गवर्नमेंट को भेजी अनुशंसा

रांची। उत्तराखंड हाई कोर्ट के जज संजय कुमार मिश्रा झारखंड हाई कोर्ट के नये चीफ जस्टिस होंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके नाम की अनुशंसा सेंट्रल गवर्नमेंट को भेज दी है। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन 19 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने झारखंड हाई कोर्ट सहित तीन हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति की है।

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सेंट्रल गवर्नमेंट से अनुमति मिलने के बाद संजय कुमार मिश्रा को झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ दिलाई जायेगी। वर्ष 2009 में संजय कुमार मिश्रा उड़ीसा हाई कोर्ट का जज बनाया गया था। इके बाद उनका ट्रांसफर उत्तराखंड हाई कोर्ट कर दिया गया था। जस्टिस संजय कुमार मिश्रा उत्तराखंड हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं।

ओडिशा के मूल निवासी हैं जस्टिस मिश्रा
झारखंड के मुख्य न्यायाधीश पद के लिए जिस जस्टिस संजय कुमार मिश्रा के नाम की कोलेजियम ने मंजूरी दी है। वह मूल रूप सेओडिशा के रहनेवालेहैं। उनका जन्म 29.12.1961 को हुआ था। अपनी स्कूली शिक्षा इन्होंने टिकरा अपर प्राइमरी स्कूल में की है। वर्ष 1977 में पृथ्वीराज हाई स्कूल, बोलांगीर से हायर सेकेंडरी सर्टिफिकेट परीक्षा उत्तीर्ण की। 1982 में बोलांगीर के राजेंद्र कॉलेज सेबीकॉम (ऑनर्स) पूरा किया।एम. कॉम 1984 मेंदिल्ली विश्वविद्यालय से पूरा करनेके बाद एलएलबी 1987 में विधि संकाय दिल्ली विश्वविद्यालय सेपूरा किया।
2009 से उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का अनुभव
मार्च 1988 से वकालत के पेशे में शामिल हुए जस्टिस संजय कुमार मिश्रा ने अपने पिता मार्कंडेय मिश्रा के मार्गदर्शन में बोलांगीर जिला न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू किया।स्वतंत्र रूप से कई मामलों, सिविल सूट, सिविल अपीलों में केस लड़ा। इसके बाद जिला न्यायाधीशों की भर्ती परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और 16.2.1999 को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जयपुर के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सुंदरगढ़, ढेंकनाल, विशेष न्यायाधीश (सीबीआई), भुवनेश्वर के रूप में भी काम किया। ओडिशा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के पद पर भी रहे। 7.10.2009 को ओडिशा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए।

सुप्रीम कोर्ट जज के लिए हाईकोर्ट के पांच न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश
इधर, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मंगलवार को शीर्ष कोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट के पांच न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की है। इननमें जस्टिस पंकज मिथल (राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश), न्यायमूर्ति संजय करोल (पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश), न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार (मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश), अहसानुद्दीन अमानुल्लाह (पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश) और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा (इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश) न्यायमूर्ति का नाम शामिल है।इससे पहले कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत में रिक्तियों को भरने पर चर्चा के लिए मंगलवार को पहली बार बैठक की। सोमवार को न्यायमूर्ति दत्ता के शपथ ग्रहण के साथ शीर्ष कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या 28 हो गई है, जहां अब छह रिक्तियां हैं।
सुप्रीम कोर्ट में कुल 34 पद हैं स्वीकृत
सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश सहित जजों के कुल 34 स्वीकृत पद हैं। चार जनवरी को न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर के रिटायर होने पर यह संख्या घटकर 27 रह जायेगी। वर्तमान में 28 जजों में से नौ जज 2023 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। कॉलेजियम में आमतौर पर प्रधान न्यायाधीश और चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं। अब इसमें न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को जगह मिलने के साथ छह सदस्य हैं।