झारखंड पुलिस में अनुकंपा नियुक्ति नियम बदले, अब क्लर्क नहीं पुलिस कांस्टेबल बनेगा सहारा

झारखंड पुलिस ने अनुकंपा नियुक्ति नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब मृत पुलिसकर्मियों के आश्रितों को लिपिक की जगह आरक्षी पद पर नौकरी दी जायेगी। जानें डीजीपी के आदेश का पूरा विवरण।

झारखंड पुलिस में अनुकंपा नियुक्ति नियम बदले, अब क्लर्क नहीं पुलिस कांस्टेबल बनेगा सहारा
नया आदेश जारी।
  • आश्रितों को अब निम्न वर्गीय लिपिक (एलडीसी) नहीं बल्कि आरक्षी (कांस्टेबल) पद पर मिलेगी नौकरी

रांची। झारखंड पुलिस ने अनुकंपा के आधार पर होने वाली नियुक्तियों को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। पुलिस विभाग में मृत पुलिसकर्मियों के आश्रितों को अब निम्न वर्गीय लिपिक (एलडीसी) के बजाय आरक्षी (कांस्टेबल) के पद पर प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति दी जायेगी।
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झारखंड पुलिस में यह कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि वर्तमान में अनुकंपा के आधार पर नियुक्त लिपिकों की संख्या सीधी भर्ती से आये लिपिकों की तुलना में काफी अधिक हो गयी है। जिससे विभाग की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही थी। इस संबंध में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने आदेश जारी कर दिया है।
सीधी भर्ती के लिए लिपिक के पदों की संख्या हो गयी बहुत कम 
पुलिस मुख्यालय को लगातार मृत पुलिसकर्मियों के आश्रितों से निम्न वर्गीय लिपिक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए अनुशंसाएं मिल रही थीं। पुलिस मुख्यालय द्वारा 27 दिसंबर 2021 को और कार्मिक विभाग द्वारा एक दिसंबर 2015 को जारी आदेशानुसार इन परिवारों को उनकी इच्छा के मुताबिक लिपिक के पद पर नौकरी दी जा रही थी। लेकिन झारखंड पुलिस के विभिन्न जिलों और इकाइयों में निम्न वर्गीय लिपिक के स्वीकृत पद सीमित हैं। इन सीमित पदों पर अनुकंपा के आधार पर बड़ी संख्या में नियुक्तियां होने से सीधी भर्ती के लिए लिपिक के पदों की संख्या बहुत कम हो गयी थी।इससे न केवल सीधी भर्ती के अवसर कम हो रहे थे, बल्कि विभाग के कामकाज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था।
अब विशेष मामलों में निम्न वर्गीय लिपिक के पद पर मिलेगी नौकरी
इस स्थिति को देखते हुए पुलिस विभाग ने फैसला किया है कि मृत पुलिसकर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर आरक्षी के पद पर नियुक्ति प्रदान करना अधिक उचित होगा। हालांकि, कुछ विशेष मामलों में ही निम्न वर्गीय लिपिक के पद पर अनुकंपा का लाभ दिया जायेगा। यह लाभ केवल उन पुलिसकर्मियों के आश्रितों को मिलेगा, जिनकी मृत्यु ड्यूटी के दौरान उग्रवादी हिंसा, आपराधिक मुठभेड़, या सांप्रदायिक हिंसा में हुई हो। ऐसे मामलों में भी आश्रित की इच्छा होने पर ही उन्हें लिपिक का पद दिया जायेगा।
पुलिस हेडक्वार्टर से लेनी होगी अनुमति  
अब अनुकंपा के आधार पर निम्न वर्गीय लिपिक के पद पर नियुक्ति से संबंधित प्रस्ताव जिला अनुकंपा समिति में भेजने से पहले झारखंड पुलिस मुख्यालय, रांची से अनिवार्य रूप से अनुमति लेनी होगी। इस नये आदेश के साथ ही पुलिस मुख्यालय का पुराना आदेश ज्ञापांक-2112/डब्ल्यू. को आंशिक रूप से संशोधित माना जायेगा।