Jharkhand: राज्य को यहां का आदिवासी और मूलवासी ही संवारेगा: CM  हेमंत सोरेन

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि हमारे पूर्वजों की शहादत के बाद हमें यह राज्य मिला है। इस राज्य को यहां का आदिवासी और मूलवासी ही संवारेगा। आप अपने पैरों पर खड़ा हो, चाहे वो नौकरी हो, रोजगार हो या स्वरोजगार, आपका भाई आपके साथ है। मैं जल्द फिर चाईबासा आऊंगा और एक बड़ी लकीर खींच कर जाऊंगा, जिसे विरोधी कभी मिटा नहीं पायेंगे।

Jharkhand: राज्य को यहां का आदिवासी और मूलवासी ही संवारेगा: CM  हेमंत सोरेन
सीएम ने 10020 अभ्यर्थियों को ऑफर लेटर सौंपा।
  • झारखंड के सहायक पुलिस कर्मियों को मिलेगा दो साल का एक्सटेंशन
  • विपक्ष चाहे जितना रोकने का प्रयास करे 1932 आधारित स्थानीय नीति को लाकर रहेंगे
  • सेंट्रल के पास स्टेट का एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया 
  • कोल्हान प्रमंडलीय रोजगार मेला 10 हजार स्थानीय युवाओं को मिला ऑफर लेटर

चाईबासा। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि हमारे पूर्वजों की शहादत के बाद हमें यह राज्य मिला है। इस राज्य को यहां का आदिवासी और मूलवासी ही संवारेगा। आप अपने पैरों पर खड़ा हो, चाहे वो नौकरी हो, रोजगार हो या स्वरोजगार, आपका भाई आपके साथ है। मैं जल्द फिर चाईबासा आऊंगा और एक बड़ी लकीर खींच कर जाऊंगा, जिसे विरोधी कभी मिटा नहीं पायेंगे। 

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सहायक पुलिसकर्मियों को दो साल के अवधि विस्तार 
सीएम हेमंत सोरेन शुक्रवार को पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा मेंप्रमंडलीय रोजगार मेले में ऑफर लेटर वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।  प्रमंडलीय रोजगार मेले में विभिन्न संस्थानों/ कंपनियों के लिए चयनित 10,020 अभ्यर्थियों को ऑफर लेटर सौंपा। सीएम ने कहा कि राज्य की सवा तीन करोड़ आबादी की सेवा करनेके लिए सरकार संकल्पित हैं। पूर्व की सरकार के गलत निर्णयों की वजह से राज्य के कई नौजवान बुरे हाल में फंसे हुए हैं। सभी को पूर्व की सरकार ने उलझाने का काम किया था। इसलिए इनकी बहाली में 75 प्रतिशत लोग बाहर का आ जाता था। 20 साल में पूर्व की सरकारों ने इतने रास्ते और छेद बनाने का काम किया कि उन्हें बंद करने में समय लग रहा है। इसी क्रम में राज्य में सहायक पुलिसकर्मियों को पूर्व की सरकार ने ऐसा भर्ती किया कि कभी उनके भविष्य का चिंता नहीं किया। इनके भविष्य को सुरक्षित करना मेरी प्राथमिकता है। उन सभी सहायक पुलिसकर्मियों को दो साल के अवधि विस्तार की मैं आज इस मंच से घोषणा करता हूं। 
सीएम ने कहा कि हमारी हमेशा सोच और नीति रही है कि अधिक से अधिक स्थानीय युवाओं को नौकरी और रोजगार से जोड़ा जाए। इसके लिए हम निजी क्षेत्र में स्थानीय के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण कानून लेकर आए। यहां कार्यरत निजी उपक्रमों में 75 प्रतिशत स्थानीय को जगह मिले उस पर हम आगे बढ़े हैं। आज उसी का प्रतिफल है हजारों युवाओं को ऑफर लेटर दिया जा रहा है। यहां के आदिवासी-मूलवासी को नौकरी मिले इसका प्रयास लगातार किया जा रहा है। झारखण्ड के आदिवासी-मूलवासी के अनुसार नियोजन नीति हमने बनाने का काम किया। लेकिन विपक्ष ने षड्यंत्र रच कर उस पर रोड़ा अटकाने का काम किया। मगर हम और मजबूती से पुनः कानून लेकर आयेंगे। ताकि यहां के युवाओं को लाभ मिल सके।
विपक्ष पर सरकार को अस्थिर करने और विधायकों को परेशान करने का आरोप 
सीएम विपक्ष पर सरकार को अस्थिर करने और विधायकों को परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि झारखंड में सरकार बनने के दूसरे दिन से ही येन-केन तरीके से विपक्ष सरकार को अस्थिर करने में लगा हुआ है। विधायकों की खरीद-फरोख्त की भी कोशिश की, मगर हम विपक्ष के हर षड्यंत्र को ध्वस्त करते हुए, यहां के आदिवासी-मूलवासी को अधिक से अधिक नौकरी और रोजगार मिले, उस पर लगातार काम करते रहे हैं।उन्होंने कहा कि हम 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लाने का प्रयास कर रहे हैं मगर विपक्ष ने हमें रोकने का प्रयास किया। चिंता मत करें, हम रुकेंगे नहीं बल्कि और मजबूती के साथ कानून बनायेंगे।
केंद्र का झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार
हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र का झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार रहा है। एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये हमारा केंद्र के पास बकाया है। इसकी एवज में 36 करोड़ रुपये भी नहीं दिए। हमें बाजार से महंगे दाम में अनाज खरीद कर लोगों को देना पड़ रहा है।महंगाई आसमान छू रही है। केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई जहाज में उड़ायेंगे, लेकिन कोरोनाकाल में झारखंड सरकार ने अपने प्रवासी मजदूर भाइयों को हवाई जहाज से घर पहुंचाया।
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने काफी कम समय मेंकई ऐसे निर्णय लिए हैं, जो राज्य को आगे बढ़ा रहे हैं। जन कल्याण सेजुड़ी योजनाएं अब धरातल पर उतर रही है। उसका असर भी दिख रहा है। उन्होंने कहा कि आज राज्य में चारों ओर से रोजगार के दरवाजे खुल चुके हैं। इस कड़ी में पढ़े-लिखे एवं कम पढ़े- लिखे तथा निरक्षर लोगों के लिए रोजगार की कई योजनायें चल रही हैं। वहीं, जो स्वरोजगार के इच्छुक हैं, उन्हें मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत आर्थिक मदद कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम सिर्फ युवाओं को रोजगार नहीं दे रहे हैं, बल्कि उन्हें प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के साथ-साथ मेडिकल, इंजीनियरिंग और लॉ जैसे कोर्सेज करने के लिए सरकारी मदद भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सारथी योजना के तहत युवाओं को अपने प्रखंड में ही कौशल विकास का नि:शुल्क प्रशिक्षण देने के लिए बिरसा केंद्र खोला गया है। विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए सरकार शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप दे रही है। अत्यंत संवेदनशील आदिवासी समुदाय के युवक-युवतियों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए नि:शुल्क आवासीय कोचिंग कार्यक्रम शुरू किया गया है। ऐसी कई और भी योजनाएं हैं जो आपके भविष्य को बनाने के लिए सरकार ने शुरू की है।
सरकारी हो या निजी क्षेत्र, कई मौके
सीएम ने कहा कि एक ओर सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर बड़े पैमाने पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, तो वहीं निजी क्षेत्र में भी यहां के आदिवासियों- मूलवासियों को रोजगार उपलब्ध करानेके लिए सरकार ने नियम बनाये हैं। अब राज्य में कार्यरत निजी संस्थानों और कंपनियों में 40 हजार रुपये प्रति माह तक की नौकरियों में यहां के आदिवासियों- मूलवासियों को 75 प्रतिशत रोजगार देना अनिवार्य होगा। यह कानून बनने के बाद आज पहली बार कोल्हान की धरती से एक साथ 10,020 युवाओं को ऑफर लेटर मिलना राज्य के लिए मील का पत्थर है।  उन्होंने कहा कि यह जानकर भी बहुत खुशी हुई कि इसमें लगभग 9500 आदिवासी- मूलवासी हैं।  इनमें 80 प्रतिशत आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के युवा हैं। यह सिलसिला आगे भी चलेगा। बड़े पैमाने पर यहां के युवाओं को रोजगार उपलब्ध करायेंगे।

उन्होंने कहा कि आप मजबूत होंगे, तो आपके घर- परिवार में सुख समृद्धि आयेगी। जब आपका परिवार खुशहाल होगा, तो राज्य भी सशक्त और मजबूत बनेगा। इसी सोच के साथ सरकार आपको अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए आपके साथ खड़ी है। इस दिशा में संसाधनों का बेहतर प्रयोग करने के लिए कार्यनीति बनाई गई है। हमारा संकल्प हैकि राज्य की जनता को बेहतर जीवन के लिए बेहतर व्यवस्था दे सकें।
लड़कर राज्य लिए हैं, लड़कर लेंगे हक- अधिकार 
सीएम ने कहा कि हमने लंबा संघर्ष कर झारखंड अलग राज्य लिया है। अब लड़कर अपना हक-अधिकार भी लेंगे। मैं भी आपके बीच से ही आया हूं, इसलिए आपकी समस्याओं से भली-भांति वाकिफ हूं। ऐसे में आपकी उम्मीदों के अनुरूप योजनाओं को बनाकर उसे धरातल पर उतार रहे हैं, जब से हमारी सरकार बनी है, तब से कई चुनौतियों हमारे सामनेआयी, लेकिन इन तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए आज हम राज्य को एक नई दिशा दे रहे हैं।
आदिवासी बहुल राज्य में आदिवासी होते रहे दरकिनार
उन्होंने कहा कि झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है। लेकिन, अलग राज्य बनने के 20 साल तक आदिवासियों के हितों को दरकिनार किया जाता रहा। जब हमारी सरकार बनी, तो आदिवासियों को विकास से जोड़नेके लिए कई योजनायें शुरू की। आदिवासी कला- संस्कृति और परंपरा को अलग पहचान मिले, इसलिए आदिवासी महोत्सव का भव्य आयोजन शुरू किया गया। उन्होंने आदिवासियों से कहा कि वे एकजुट हो और अपनी ताकत दिखाएं, तभी वेमजबूत बनेंगे और आगे बढ़ेंगे।
कार्यक्रम में मिनिस्टर आलमगीर आलम, चंपई सोरेन, सत्यानंद भोक्ता, जोबा मांझी और बन्ना गुप्ता, एमपी गीता कोड़ा, एमएलए सुखराम उरांव, नियल पूर्ति, सविता महतो, दीपक बिरुवा, सोनाराम सिंकू, मंगल कालिंदी, समीर मोहंती, संजीव सरदार, सीएम के सचिव विनय कुमार चौबे, श्रम सचिव राजेश शर्मा, प्रमंडलीय आयुक्त मनोज कुमार समेत कई अफसर मौजूद थे।