झारखंड: हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने व बेहतर मैनेजमेंट से कोविड-19 को काबू में करने का प्रयास: CM हेमंत

झारखंड के सीएम  हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम के कारण झारखंड में कोरोना की वर्तमान लहर में कहीं भी कोई अफरातफरी नहीं है। स्टेट गवर्नमेंट हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के साथ कोरोना से निपटने को लेकर लगातार बेहतर प्रबंधन कर रही है। सीएम कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गुरुवार को हुई बैठक में राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदम की जानकारी दी।

झारखंड: हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने व बेहतर मैनेजमेंट से कोविड-19 को काबू में करने का प्रयास: CM हेमंत
  • गवर्नमेंट द्वारा उठाये गये कदमों की वजह से थर्ड वेव के कारण स्टेट में कहीं भी अफरातफरी अव्यवस्था का नहीं है माहौल
  • स्टेट में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में बेहतर कार्य हुए 
  • कोरोना को लेकर पीएम के साथ सीएम की वर्चुअल बैठक

रांची। झारखंड के सीएम  हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम के कारण झारखंड में कोरोना की वर्तमान लहर में कहीं भी कोई अफरातफरी नहीं है। स्टेट गवर्नमेंट हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के साथ कोरोना से निपटने को लेकर लगातार बेहतर प्रबंधन कर रही है। सीएम कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गुरुवार को हुई बैठक में राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदम की जानकारी दी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में विभिन्न राज्यों के सीएम शामिल हुए। इस क्रम में सीएम ने कोरोना की तीसरी लहर के कारण उत्पन्न चुनौतियों और उससे निपटने की तैयारियों पर अपने विचार रखे।

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स्टेट में कोरोना को लेकर नहीं है कोई अफरातफरी: हेमंत सोरेन
सीएम हेमंत सोरेन ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना की फस्ट व सेकेंड वेव को काफी हद तक काबू में किया। उसी तरह थर्ड वेव को कंट्रोलकरने के लिए सभी आवश्यक और ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य में स्कूल-कालेज, जिम, पार्क समेत वैसे सभी संस्थान और सार्वजनिक स्थल बंद कर दिये गये हैं। जहां से संक्रमण के फैलने का खतरा अधिक है। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमित की सतत निगरानी के साथ बेहतर उपचार और मेडिकल किट की व्यवस्था की गई है।

लारपवाह लोगों लगाम लगाना जरूरी: सीएम
सीएम ने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि कुछ ऐसे लोग जो वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं, उन्हें लगता है कि वे अब संक्रमित नहीं होंगे। इस वजह से सार्वजनिक स्थलों, बाजारों और सड़कों पर बिना एहतियात बरतें मूवमेंट करते रहते हैं। ऐसे लोगों में भी कुछ संक्रमित होते हैं, जो दूसरों को संक्रमित करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि इन लोगों की पहचान कर इनके मूवमेंट पर रोक लगाने के लिए व्यापक रणनीति बनाने पर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पहल करे, तभी संक्रमण को नियंत्रित करने में हम सक्षम होंगे। उन्होंने इस बात से भी अवगत कराया कि झारखंड में संक्रमण के ज्यादातर मामले राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों से आ रहे हैं। यहां भी निगरानी के साथ जांच की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। 
वैक्सीनेशन में आई तेजी, शीघ्र हासिल करेंगे टारगेट
सीएम ने बैठक में कहा कि राज्य में टीकाकरण में तेजी आई है। हालांकि पिछड़ापन और भौगोलिक जटिलताओं के कारण झारखंड में वैक्सीनेशन में थोड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन बेहतर रणनीति बनाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन करने फस्ट पहली तथा 50 परसेंट को दोनों डोज का वैक्सीन लग चुका है। इसके अलावा 15 से 18 वर्ष के लगभग 22 परसेंट किशोरों ने टीके की पहली डोज ले ली है। सीएम ने बताया कि वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए 150 मोबाइल टीकाकरण वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके माध्यम से सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में लोगों को टीका लगाने का काम हो रहा है। सीएम ने पीएम को आश्वस्त किया कि जल्द ही वैक्सीनेशन के टारगेट को हासिल कर लिया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना की वजह से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।
कोरोना जांच का दायरा बढ़ा

सीएम ने कहा कि तीसरी लहर को देखते हुए कोविड-19 जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है । पहले जहां सामान्य रूप से पूरे राज्य में 30 से 35 हज़ार सैंपल की जांच होती थी, वही आज 80 हज़ार कोरोना जांच हो रही है। जांच के लिए कई जिलों में आरटीपीसीआर  के साथ अत्याधुनिक कोबास मशीन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमित की सतत निगरानी के साथ बेहतर उपचार और मेडिकल किट  की  व्यवस्था की गई है।
थर्ड वेव को लेकर नहीं है कोई अफरा तफरी
सीएम ने कहा कि झारखंड में भी कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। लेकिन, इससे निपटने के लिए सरकार ने जो कार्य योजना बनाई है , उस वजह से कहीं भी किसी तरह का अफरा तफरी और भय का माहौल नहीं है। उन्होंनेबताया कि 25 दिसंबर से अब तक कोविड-19 की वजह से राज्य भर में 34 मौतें हुई है। लेकिन इनमें से 24 वैसे लोग शामिल है जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा थी।  इसके अलावा अन्य मृतक भी किसी न किसी को गंभीर बीमारी से ग्रसित थे। किसी भी व्यक्ति की मौत सिर्फ कोरोना की वजह से नहीं हुई है।
कोविड-19 से निपटने के लिए की गई तैयारियों की जानकारी 
सीएम बैठक में सरकार के द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिए की गई तैयारियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के शुरुआती चरण में यहां के अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में 25 सौ बेड थे, जो आज बढ़कर 25000 हो गई है । इसके अलावा जिलों के साथ प्रखंडों में भी पीएसए प्लांट लग चुके हैं , ताकि ऑक्सीजन की किल्लत पेसेंट को नहीं हो।  ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि राज्य में फिलहाल लगभग 31 हज़ार एक्टिव मामले हैं। लगभग 11 सौ संक्रमित हॉस्पीटल में एडमिट हैं । इनमें से मात्र 250 पेसेंट को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। 
मौके पर मुख्य चीफ सेकरेटरी सुखदेव सिंह, सीएम के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सीएम के सचिव  विनय कुमार चौबे और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक श्री रमेश घोलप मौजूद थे।