Jharkhand : सीएम हेमंत ने अटकलों को किया खारिज, विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी वाइफ कल्पना सोरेन

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने मंगलवार को गांडेय विधानसभा सीट से वाइफ कल्पना सोरेन के चुनाव लड़ने के अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने इस तरह के कयासों को बीजेपी की  की 'कोरी कल्पना' करार दिया। सोरेन ने कहा कि इन कयासों में कोई सच्चाई नहीं है। 

Jharkhand : सीएम हेमंत ने अटकलों को किया खारिज, विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी वाइफ कल्पना सोरेन
हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)।

रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने मंगलवार को गांडेय विधानसभा सीट से वाइफ कल्पना सोरेन के चुनाव लड़ने के अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने इस तरह के कयासों को बीजेपी की  की 'कोरी कल्पना' करार दिया। सोरेन ने कहा कि इन कयासों में कोई सच्चाई नहीं है। 

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सीएम ने कहा कि कि मेरी वाइफ के निकट भविष्य में चुनाव लड़ने की संभावना पूरी तरह से बीजेपी की कोरी कल्पना है।.उन्हें सत्ता सौंपने की अटकल बीजेपी द्वारा गलत विमर्श पेश करनेके लिए फैलायी गई है। हेमंत सोरेन ने कहा कि इन अटकलों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। निकट भविष्य में उनकी वाइफ के चुनाव लड़ने या उन्हें बागडोर सौंपने की संभावना का पूरा ताना-बाना बीजेपी ने ही बुना है। बीजेपी ने यह झूठी कहानी गढ़ी है।
उल्लेखनीय है कि ईडी के सातवें समन और झामुमो के गांडेय से एमएलए सरफराज अहमद के सोमवार को अचानक इस्तीफे से अटकलें तेज हो गईं थी। बीजेपी का दावा है कि सरफराज अहमद को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया ताकि सीएम हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को चुनाव लड़ा सकें। ईडी द्वारा हाल ही में सीएम को भेजे गये समन और सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के गांडेय से विधायक सरफराज अहमद के सोमवार को अचानक इस्तीफे से ये अटकलें तेज हो गईं। विपक्षी दल बीजेपी ने दावा किया है कि सरफराज अहमद को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया ताकि ईडी जांच सेउ त्पन्न किसी स्थिति में सीएम की वाइफ कल्पना सोरेन गांडेय सीट से चुनाव लड़ सकें।
लाभ के पद से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में ईडी द्वारा समन भेजे जाने के बाद से हेमंत सोरेन राजनीतिक विवादों में घिर गये हैं। चुनाव आयोग ने अगस्त 2022 में झारखंड के तत्कालीन गवर्नर रमेश बैस को एक पत्र भेजा था, जिसमें माना जाता है कि उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की गई थी क्योंकि राज्य के सीएम के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें दिये गये माइनिंग लीज का नवीनीकरण किया गया था। हालांकि, न तो बैस और न ही उनके उत्तराधिकारी सीपी राधाकृष्णन नेवह पत्र खोला।
सीएम के एक करीबी सहयोगी के मुताबिक, गांडेय सीट खाली करना एक “तगड़ी चाल” है। ऐसी आशंका हैकि ईडी द्वारा सोरेन से पूछताछ के दौरान गवर्नर पत्र खोलेंगे। एजेंसी को सीएम के खिलाफ कार्रवाई करने की अनिवार्य अनुमति देंगे। उन्होंने बताया कि अगर सोरेन को विधानसभा की सदस्यता छोड़नी पड़ी तो वह बिना निर्वाचित हुए छह महीने तक सीएम बने रह सकते हैं। वह अवधि समाप्त होने के बाद, उपचुनाव कराने का प्रावधान मौजूद नहीं रहेगा क्योंकि नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होनेहैं। इसलिए प्रभावी तौर पर सोरेन अगले विधानसभा चुनाव तक सीएम बने रहेंगे।