झारखंड कांग्रेस के एमएलए को कैश देनेवाला कस्टडी में, पश्चिम बंगाल CID को दिल्ली पुलिस ने जांच से रोका

झारखंड के तीन कांग्रेस एमएलए को कैश देने वाला कोलकाता के बिजनसमैन महेंद्र अग्रवाल को पश्चिम बंगाल सीआइडी ने कस्टडी में ले लिया है। बंगाल सीआइडी अफसरों को दिल्ली पुलिस ने सिदार्थ मजूमदार के घर की तलाशी लेने से सीआइडी टीम को रोक दिया। वहीं असम में भी सहयोग नहीं मिल रही है। 

झारखंड कांग्रेस के एमएलए को कैश देनेवाला कस्टडी में, पश्चिम बंगाल CID को दिल्ली पुलिस ने जांच से रोका
  • असम में भी नहीं मिला सहयोग 

रांची। झारखंड के तीन कांग्रेस एमएलए को कैश देने वाला कोलकाता के बिजनसमैन महेंद्र अग्रवाल को पश्चिम बंगाल सीआइडी ने कस्टडी में ले लिया है। बंगाल सीआइडी अफसरों को दिल्ली पुलिस ने सिदार्थ मजूमदार के घर की तलाशी लेने से सीआइडी टीम को रोक दिया। वहीं असम में भी सहयोग नहीं मिल रही है। 

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महेंद्र अग्रवाल को कस्टडी में लेकर हो रही पूछताछ
सीआइडी की टीम ने मंगलवार को कोलकाता के लालबाजार के सामने एक ऑफिस में रेड कर 3.40 लाख रुपये बरामद किए थे। सीआइडी अफसरों का कहना था कि इस दफ्तर से ही कांग्रेस के तीनों एमएलए इरफान अंसारी, नमन विक्सल और राजेश कच्छप को मोटी रकम दी गई थी। सर्च के दौरान ऑफिस के मालिक शेयर व्यवसायी महेंद्र अग्रवाल वहां नहीं थे। खबर है कि बुधवार को ईएमवाईपास स्थित उनके आवास के पास से सीआइडी ने महेंद्र अग्रवाल को कस्टडी में लिया है।

बंगाल सीआइडी को पुलिस स्टेशन में बैठा कर रखा

झारखंड के तीन कांग्रेस एमएलए इरफान अंसारी, नमन विक्सल और राजेश कच्छप चंद रोज पहले पश्चिम बंगाल के हावड़ा में लगभग 49 लाख रुपये के साथ अरेस्ट किये गये थे। तीनों को सीआइडी रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। पूछताछ में कई अहम सुराग भी हाथ लगे हैं। कोर्ट के आदेश  के साथ बंगाल सीआइडी अफसरों की एक टीम दिल्ली में तलाशी के लिए गई थी। आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने इस घटना के एक आरोपित सिदार्थ मजूमदार के घर की तलाशी लेने से सीआइडी टीम को रोक दिया। बंगाल सीआइडी का आरोप है कि दिल्ली पुलिस के डीसीपी (दक्षिण पश्चिम) ने तलाशी लेने में बाधा उत्पन्न की। सीआइडी अफसरों को पुलिस स्टेशन में बैठाकर रखा गया। हालांकि, सीआइडी के पास तलाशी के लिए तमाम जरूरी दस्तावेज थे।
तीन आइपीएस अफसरों के साथ टीम गयी थी दिल्ली
पश्चिम बंगाल गवर्नमेंट तीन सीनीयर आइपीएस अफसरों की टीम को दिल्ली रवाना कर दिया है। सरकार ने सीआइडी के साथ किए गए इस बर्ताव को गंभीरता से लिया है। कहा है कि दिल्ली पुलिस का यह रवैया शर्मनाक है। जांच में बाधा डालने के लिए ऐसा किया गया।
असम में भी प्रशासन नहीं कर रहा सहयोग

एमएलए कैश कांड की जांच के सिलसिले में असम गई बंगाल सीआइडी की दूसरी टीम को वहां भी लोकल प्रशासन ने जांच में सहयोग नहीं दिया। बंगाल सीआइडी टीम एयरपोर्ट के वीडियो फुटेज की जांच करना चाहती है, ताकि पता चले कि झारखंड से कांग्रेस के कौन कौन एमएलए हाल के दिनों में असम और गुवाहाटी पहुंचे हैं। इस फुटेज से सीआइडी इस नतीजे पर पहुंच सकती है कि इन एमएलए का असम कनेक्शन क्या है। बार बार कहा जा रहा कि तीनों कांग्रेसी एमएलए समेत दर्जन भर एमएलए असम के सीएम से मिले थे। इनकी योजना हेमंत सोरेन सरकार गिराकर नई सरकार का गठन करना था। बंगाल सीआइडी का आरोप है कि असम में प्रशासन जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। इस कारण उन्हें कई तरह की परेशानी आ रही है।

तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा में मुद्दे को उठाया

इस घटना को लेकर बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने राज्यसभा में केंद्र सरकार से सवाल पूछा। आरोप लगाया कि भाजपा सरकार और केंद्र सरकार के इशारे पर बंगाल सीआइडी को इस मामले की जांच से रोका जा रहा है। अगर जांच हो गई तो खुलासा हो सकता है कि हेमंत सोरेन सरकार पलटने के लिए बीजेपी ने साजिश रची थी। अंतत: तृणमूल सांसदों ने दिल्ली और असम में सीआइडी के साथ हुए व्यवहार के विरोध में सदन का बहिष्कार कर दिया।
तीनों एमएलए की गिरफ्तारी के बाद झारखंड और पश्चिम बंगाल में इस गिरफ्तारी के बाद राजनीति हो रही है। बीजेपी जहां इसके लिए कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहरा रही है, वहीं कांग्रेस इसे हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ बीजेपीकी बड़ी साजिश बता रही है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस मामले की जांच गिरफ्तारी के दूसरे दिन सीआइडी को सौंप दी थी। लेकिन अब जब इसकी जांच शुरू हो गई है तो राजनीति झारखंड व बंगाल से निकलकर दिल्ली और असम में भी शुरू हो गई है। बंगाल सीआइडी की टीम मामले की जांच के लिए जब दिल्ली और असम पहुंची तो दोनों जगह उसको प्रशासनिक विरोध का सामना करना पड़ा। इसके बाद यह मामला राज्यसभा में भी पहुंच गया है।