IPS वाई पूरन कुमार सुसाइड केस हरियाणा: सुसाइड नोट में 14 अधिकारियों के खिलाफ सनसनीखेज आरोप

हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामले में बड़ा खुलासा। सुसाइड नोट में 14 अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और सार्वजनिक अपमान के गंभीर आरोप। डीजीपी, एसपी समेत वरिष्ठ IAS और IPS अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज।

IPS वाई पूरन कुमार सुसाइड केस हरियाणा: सुसाइड नोट में 14 अधिकारियों के खिलाफ सनसनीखेज आरोप
IPS वाई पूरन कुमार (फाइल फोटो)।
  • जातिगत भेदभाव से मानसिक उत्पीड़न तक 

चंडीगढ़। हरियाणा के आईपीएस अफसर वाई पूरन कुमार की आत्महत्या (IPS Puran Kumar Suicide Case) ने पूरे प्रशासनिक तंत्र को झकझोर दिया है। पूरन कुमार द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में कई सीनीयर आईपीएस और आईएएस अफसर के नाम सामने आये हैं। इनमें हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजराणिया समेत कुल 14 अफसर शामिल हैं।
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जातिगत भेदभाव और अपमान की शुरुआत 2020 में हुई
सुसाईड नोट में उल्लेखित सभी 14 अफसरों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), SC/ST एक्ट की धारा 3(1)(R), 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज की गयी है। पूरन कुमार ने लिखा कि 2020 में जब वे अंबाला में तैनात थे, तब से ही उन्हें जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव ने उनके खिलाफ अनुचित व्यवहार किया और एसीएस गृह राजीव अरोड़ा ने भी सहयोग नहीं दिया। पूरन कुमार के पिता मृत्युशैया पर थे, लेकिन उन्हें मिलने के लिए अवकाश तक मंजूर नहीं किया गया। उन्होंने इसे अमानवीय और भेदभावपूर्ण बताया।
अनिल विज की अध्यक्षता में हुई बैठक भी बेनतीजा
पूरन कुमार ने अपनी शिकायतों को लेकर नवंबर 2023 में तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में बैठक का जिक्र किया। बैठक में एसीएस होम टीवीएसएन प्रसाद और डीजीपी शत्रुजीत कपूर भी मौजूद थे। लेकिन, उन्होंने लिखा कि "बैठक में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, और मुझे मानसिक रूप से तोड़ने का सिलसिला जारी रहा।"
सीनियर अधिकारियों द्वारा ‘सार्वजनिक अपमान’ का आरोप
उन्होंने लिखा कि कई वरिष्ठ अधिकारियों ने मीटिंग्स और सार्वजनिक मंचों पर उनका अपमान किया। 1996 बैच के आईपीएस एम. रवि किरण पर उन्होंने “सार्वजनिक रूप से मजाक उड़ाने” का आरोप लगाया। 1994 बैच की कला रामचंद्रन पर उन्होंने “आवास आवंटन में भेदभाव” करने की बात कही।
खिरवार और कविराज पर झूठे मामले में फंसाने का आरोप
पूरन कुमार ने लिखा कि 1995 बैच के आईपीएस संदीप खिरवार (तत्कालीन गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर) और शिबास कविराज (ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर) ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की साजिश रची। उनके अनुसार, यह सब जातिगत पूर्वाग्रह और पेशेवर ईर्ष्या के कारण हुआ।
आईजी ने फोन पर दी धमकी
नवंबर 2024 में आईजी कुलविंद्र सिंह ने उन्हें फोन पर धमकाया था। पूरन कुमार ने लिखा – “मुझे बताया गया कि डीजीपी के आदेश पर मेरे साथ एक पुलिस अधिकारी को अस्थायी रूप से जोड़ा जाएगा। जब मैंने विरोध किया, तो धमकियां दी गयी।”
गुमनाम शिकायतों से किया गया मानसिक उत्पीड़न
सुसाइड नोट में लिखा है कि 2007 बैच के आईपीएस पंकज नैन और आईपीएस अमिताभ ढिल्लों ने उनके खिलाफ गुमनाम शिकायतें बनवाकर साजिश रची।
पूरन कुमार ने कहा कि “यह सब मेरी प्रतिष्ठा और करियर को खत्म करने की योजना का हिस्सा था।”
आरटीआई लगाने पर हुआ प्रतिशोध
पूरन कुमार ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार से जुड़ी जानकारी आरटीआई के तहत मांगी, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
उन्होंने लिखा कि अमिताभ ढिल्लों ने उन्हें टेलीकॉम शाखा में ट्रांसफर करवाया और “दुर्भावनापूर्ण जांच” शुरू करवाई।
‘मुख्य साजिशकर्ता’ बताए मनोज यादव
पूरन कुमार ने लिखा कि मनोज यादव, टीवीएसएन प्रसाद और पीके अग्रवाल (तीनों 1988 बैच के अधिकारी) उनके खिलाफ साजिश के मुख्य किरदार थे। उन्होंने लिखा – “मनोज यादव मुख्य साजिशकर्ता थे। बाकी दोनों उनके साथ इस भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न की मुहिम में शामिल रहे।”
राजेश खुल्लर से आखिरी मुलाकात
पूरन कुमार ने अपने सुसाइड से एक दिन पहले, 15 नवंबर 2024 को रिटायर्ड आईएएस राजेश खुल्लर से मुलाकात की थी। उन्होंने लिखा कि खुल्लर ने उनकी बातों और दस्तावेजों को देखने के बाद “विश्वास जताया कि उनके साथ अन्याय हुआ है।”
‘अब अत्याचार सहना संभव नहीं’ – सुसाइड नोट की अंतिम पंक्तिया‍ं
अपने सुसाइड नोट के अंत में पूरन कुमार ने लिखा – “मुझे डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी नरेंद्र बिजराणिया के माध्यम से प्रताड़ित किया गया। मेरी प्रतिष्ठा और मानसिक शांति को नष्ट कर दिया गया। अब मैं इस अत्याचार और अपमान को और नहीं सह सकता।”
वसीयत में पत्नी के नाम की सारी संपत्ति
सुसाइड से एक दिन पहले, 6 अक्टूबर को उन्होंने वसीयत लिखी जिसमें अपनी सारी संपत्ति अपनी आईएएस पत्नी अमनीत पी कुमार के नाम कर दी। इसमें चंडीगढ़ सेक्टर 11 की कोठी में 25% हिस्सा, मोहाली का एक प्लॉट, गुरुग्राम में ऑफिस और एचडीएफसी बैंक खाते व डीमैट शेयर शामिल हैं।
मामले की जांच पर देशभर की निगाहें
इस पूरे प्रकरण ने हरियाणा प्रशासन और पुलिस तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। जातिगत भेदभाव और वरिष्ठ अधिकारियों के रवैये पर अब सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं हो रही हैं।एफआईआर दर्ज होने के बाद अब यह देखना होगा कि हरियाणा सरकार इस मामले की जांच किस एजेंसी से कराती है और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है।
Source: Internal Police Report, FIR Copy, सुसाइड नोट अंश
Reported by: Threesocieties.com News Desk
 Date: 10 अक्टूबर 2025