आज से नया लेबर लॉ:“एक साल की नौकरी पर ग्रेच्युटी, ओवरटाइम पर डबल सैलरी”

भारत में आज से चार नए लेबर कोड लागू। सिर्फ 1 साल की नौकरी पर ग्रेच्युटी, ओवरटाइम पर दोगुना पेमेंट, कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स के लिए पे-स्केल, गिग वर्कर्स को सोशल सिक्योरिटी और सभी कर्मचारियों को अपॉइंटमेंट लेटर अनिवार्य। जानें नए श्रम कानूनों की बड़ी बातें।

आज से नया लेबर लॉ:“एक साल की नौकरी पर ग्रेच्युटी, ओवरटाइम पर डबल सैलरी”
नये लेबरकोड लागू।
  • कॉन्ट्रैक्ट वालों को भी पे स्केल
  • नये लेबर कोड ने बदली देशभर की वर्किंग लाइफ

नई दिल्ली। भारत के श्रम क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को देश के सभी सेक्टर्स में चार नए लेबर कोड को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया। इन कोड्स के साथ ही देश के 29 पुराने श्रम कानून पूरी तरह समाप्त हो गए और उनकी जगह एक एकीकृत, आधुनिक और सरल लेबर फ्रेमवर्क लागू हो गया है।

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सरकार ने इसे “दशकों के सबसे बड़े लेबर रिफॉर्म्स” बताते हुए कहा कि ये बदलाव भारत के लेबर इकोसिस्टम को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मानकों के बराबर ला देंगे और देश में रोजगार सृजन, वर्कर्स की सुरक्षा, पारदर्शिता और कम्प्लायंस सिस्टम को मजबूत करेंगे।

ये नये कोड 21 नवंबर 2025 से लागू किये गये हैं।

चारों लेबर कोड – क्या बदला?
1. मजदूरी संहिता 2019 (Wage Code 2019)

यह कोड कर्मचारियों की वेतन व्यवस्था और वर्किंग रिलेशन्स को नया ढांचा देता है।

मुख्य बदलाव

सभी कर्मचारियों के लिए अपॉइंटमेंट लेटर अनिवार्य
सभी सेक्टर्स में न्यूनतम वेतन का कानूनी अधिकार
पहले केवल ‘अनुसूचित रोजगार’ तक सीमित था, अब पूरे देश में लागू।

 फ्लोर वेज तय होगा, और कोई भी राज्य इससे कम वेतन नहीं दे सकेगा।
समान कार्य के लिए समान वेतन, लिंग आधारित भेदभाव पर रोक — इसमें ट्रांसजेंडर शामिल।
 सैलरी समय पर देना अनिवार्य, देरी पर सख्त नियम।
 ओवरटाइम पर दोगुना भुगतान
जो भी काम नियमित घंटों से अधिक किया जाएगा, उस पर डबल रेट से पेमेंट।

2. औद्योगिक संबंध संहिता 2020 (Industrial Relations Code 2020)

यह कोड रोजगार स्थिरता और वर्कर्स के अधिकारों को मजबूत करता है।

सबसे बड़ा फायदा – ग्रेच्युटी

अब सिर्फ 1 साल नौकरी पर ग्रेच्युटी मिलेगी
पहले इसके लिए न्यूनतम 5 साल काम आवश्यक था।

कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को भी ग्रेच्युटी
सभी श्रमिकों के लिए समान लाभ।

 छंटनी पर 45 दिनों में फंड ट्रांसफर
छंटनी किए गए कर्मचारियों को स्किल डेवलपमेंट के लिए अलग फंड।

वर्क फ्रॉम होम को कानूनी मान्यता
सर्विस सेक्टर में आपसी सहमति से लागू।

3. सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 (Social Security Code 2020)

यह कोड देश के सभी श्रमिकों — संगठित, असंगठित, गिग, प्लेटफॉर्म, कॉन्ट्रैक्ट — को व्यापक सुरक्षा देता है।

मुख्य प्रावधान

ESIC पूरे देश में अनिवार्य कवरेज
गांव, कस्बे, बागान मजदूर और खतरनाक उद्योग सभी शामिल।

 10 से कम कर्मचारियों वाला संस्थान भी स्वेच्छा से ESIC ले सकता है।
 EPFO के लिए जांच 5 साल में पूरी करने का नियम।
 नियोक्ता को अपील पर सिर्फ 25% राशि जमा करनी होगी।
 गिग और प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स के लिए लाइफ, हेल्थ, डिज़ेबिलिटी और ओल्ड एज बेनिफिट्स के लिए फंड।

परिवार के लाभ में दादा-दादी और महिला कर्मचारियों के लिए सास-ससुर शामिल।

 घर और काम के बीच हुई दुर्घटना भी रोजगार से जुड़ी मानी जाएगी।

4. OSHWC कोड 2020 (Occupational Safety, Health & Working Conditions)

वर्कप्लेस सुरक्षा, स्वास्थ्य और वर्क कंडीशन पर ध्यान केंद्रित।

मुख्य बदलाव

क लाइसेंस, एक रजिस्ट्रेशन, एक रिटर्न—कम्प्लायंस आसान।
खतरनाक व्यवसायों के लिए किसी भी आकार के प्रतिष्ठान पर नियम लागू।
राज्य प्रवासी मजदूरों में कॉन्ट्रैक्ट और स्व-प्रवासी दोनों शामिल।

सभी कर्मचारियों के लिए सालाना मुफ्त हेल्थ चेकअप।
 महिलाएं सभी सेक्टर्स में नाइट शिफ्ट कर सकेंगी, सुरक्षा उपायों के साथ।

 वर्किंग घंटे 8 घंटे/दिन और 48 घंटे/सप्ताह
ओवरटाइम केवल श्रमिक की सहमति से और दोगुने पेमेंट पर।

इन सुधारों का बड़ा असर – मजदूर से लेकर कंपनियों तक

रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

श्रमिकों की आय और सुरक्षा में सुधार

गिग और डिलीवरी वर्कर्स को भी सामाजिक सुरक्षा

कंपनियों के लिए आसान कम्प्लायंस

ग्रेच्युटी और ओवरटाइम से लाखों कर्मचारियों को सीधा फायदा

महिलाओं की वर्कफोर्स में भागीदारी बढ़ेगी