झारखंड: कोल माफिया का ‘किलर प्लान’? ED एक्शन के बाद गवाहों को खत्म करने की साजिश! बाबूलाल मरांडी का दावा

धनबाद में ED छापेमारी के बाद झारखंड राजनीति में भूचाल। बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया—पुलिस अधिकारी गवाहों को खत्म करने की साजिश रच रहा है। कोयला घोटाले पर दहशत।

झारखंड: कोल माफिया का ‘किलर प्लान’? ED एक्शन के बाद गवाहों को खत्म करने की साजिश! बाबूलाल मरांडी का दावा
बाबूलाल मरांडी (फाइल फोटो)।
  • “पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के आरोप से हड़कंप 
  •  पुलिस अफसर ने गुर्गों को दिया गवाहों को टपकाने का टारगेट
  • धनबाद में ED की कार्रवाई से भूचाल 

धनबाद। कोयलांचल धनबाद में कोल माफिया, अधिकारियों और नेताओं के गठजोड़ पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हालिया छापेमारी ने एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासों की जमीन तैयार कर दी है। अब भाजपा झारखंड प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के ताज़ा बयान ने माहौल और भी गर्म कर दिया है।

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बाबूलाल मरांडी ने दावा किया है कि कुछ शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने कोल माफिया से जुड़े गुर्गों को ED के संभावित गवाहों और आरोपियों को मार गिराने का ‘टारगेट’ दिया है, ताकि सच्चाई सामने न आ सके। इस दावे के बाद धनबाद में दहशत का माहौल है।

21 नवंबर की छापेमारी से शुरू हुआ हंगामा

21 नवंबर को ED ने झारखंड और पश्चिम बंगाल के 44 ठिकानों पर छापेमारी की। धनबाद में एलबी सिंह और अनिल गोयल के परिसरों में भी कार्रवाई की गई। ईडी ने इस रैकेट को अवैध कोयला खनन, चोरी, परिवहन और भंडारण का गहरा और संगठित नेटवर्क बताया है। तलाशी में भारी मात्रा में कैश, ज्वेलरी, डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज बरामद हुए हैं। ईडी ने साफ कहा है कि इस रैकेट में स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत के प्रमाण मिले हैं।

मरांडी बोले—“झारखंड में नया अपराध गढ़कर पुराने को दबाना सिस्टम की आदत”

बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर सीधा वार किया। उन्होंने कहा— “धनबाद के काले कोयला साम्राज्य के सच उजागर हो रहे हैं, लेकिन इससे भी खतरनाक वह अपराध है जो सिस्टम के भीतर पनप रहा है। गवाहों को खत्म करने की साजिश रची जा रही है।

”मरांडी ने आरोप लगाया कि कोयला माफिया की काली कमाई से जुड़े कुछ सीनीयर पुलिस अफसर अपने गुर्गों के ज़रिए गवाहों को मिटाने का प्लान तैयार करा रहे हैं।उन्होंने यह भी कहा— “ED जिन लोगों से पूछताछ कर रही है, अब उन्हीं को खत्म करने की कोशिश हो रही है ताकि राज खुलने से पहले ही सबूत हमेशा के लिए मिट जाएं।”

“झारखंड में सबूतों का एनकाउंटर कोई नई कहानी नहीं”

मरांडी ने झारखंड की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा— राज्य में कई बार अपराधियों को पकड़ने के नाम पर सबूतों का एनकाउंटर हुआ है। सिस्टम पहले भी ऐसे अधिकारियों को देख चुका है जिन पर सुपारी लेकर एनकाउंटर कराने के आरोप थे। यह आरोप सत्ताधारी दल के लोगों ने लगाये थे, न कि विपक्ष ने। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा—“अगर केंद्र की एजेंसियां सतर्क नहीं रहीं तो यह मामला सिर्फ कोयला घोटाला नहीं, बल्कि झारखंड की कानून व्यवस्था का सबसे काला अध्याय बन जायेगा।”

धनबाद में डर और दहशत — कौन अधिकारी? किस गवाह को मारने की साजिश?

मरांडी के आरोप के बाद धनबाद में तरह-तरह की चर्चाएं तेज हैं—

वह पुलिस अधिकारी कौन है?

गवाह या आरोपी कौन है जिसे टारगेट किया गया?

क्या वाकई गवाहों की सुरक्षा खतरे में है?

कोयलांचल में लोग यह सवाल पूछ रहे हैं और डर का माहौल साफ दिख रहा है।

ED का आधिकारिक बयान

छापेमारी के बाद ED ने कहा— कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है। बरामद सामग्री से अवैध कोयला नेटवर्क की पुष्टि होती है।इस नेटवर्क में माफिया, स्थानीय राजनीतिक हस्तियां, प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस से जुड़े लोग शामिल होने का संदेह है।  जांच जारी है और कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

झारखंड में भ्रष्ट और लापरवाह अफसरों की चल रही मनमानी: बाबूलाल मरांडी 

रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रविवार को प्रेस बयान जारी कर कहा कि राज्य में कानून की जगह भ्रष्ट अधिकारियों की लापरवाही और मनमर्जी चल रही है।पुलिस विभाग में जिन अधिकारियों का डीएसपी में प्रमोशन हुआ है उनकी पोस्टिंग चार-पांच महीने के बाद भी नहीं हुई है। कई मामलों में तो पोस्टिंग उनके रिटायरमेंट के सिर्फ दो-चार दिन पहले की जाती है।

इस वजह से ऐसे प्रमोशन मिले लोगों को जो वास्तविक लाभ मिलना चाहिए वो नहीं मिल पाता। छोटे कर्मचारियों की स्थिति तो इससे भी बदतर है। उनके प्रमोशन की फाइलें वर्षों तक विभागों की जटिल प्रक्रियाओं में फंसी रहती हैं।कई बार कर्मचारी न्यायालय से आदेश लेकर आते हैं, फिर भी उन्हें लाभ नहीं दिया जाता। इसके विपरीत, आइएएस-आइपीएस अधिकारी अपने प्रोमोशन और उसके लाभ को समय पर प्राप्त करने के लिए महीनों पहले ही सारी व्यवस्थाएं तय कर लेते हैं