गुमला: नक्सलियों के गढ़ में डॉक्टर एसपी ने की पेसेंट की जांच की, ग्रामीणों के साथ मांदर की थाप पर भी थिरके

गुमला जिले के कुरूमगढ़ पुलिस स्टेशन एरिया के सिविल गांव में सामुदायिक पुलिसिंग व सिविक एक्शन प्लान के तहत लगाये गये कैंप में हजारों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे। यह कैंप गुमला पुलिस व सीआरपीएफ-218 बटालियन द्वारा आयोजित किया गया था। गुमला के एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब खुद डॉक्टर की कुर्सी पर बैठकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच किये। बीमार पेसेंट के लिए दवा भी दिये।

गुमला: नक्सलियों के गढ़ में डॉक्टर एसपी ने की पेसेंट की जांच की, ग्रामीणों के साथ मांदर की थाप पर भी थिरके

गुमला। जिले के कुरूमगढ़ पुलिस स्टेशन एरिया के सिविल गांव में सामुदायिक पुलिसिंग व सिविक एक्शन प्लान के तहत लगाये गये कैंप में हजारों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे। यह कैंप गुमला पुलिस व सीआरपीएफ-218 बटालियन द्वारा आयोजित किया गया था। गुमला के एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब खुद डॉक्टर की कुर्सी पर बैठकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच किये। बीमार पेसेंट के लिए दवा भी दिये।
मौके पर एसपी के साथ सीआरपीएफ कमांडेंट अनिल मिंज ने ग्रामीणों के साथ मिलकर मांदर की थाप पर नृत्य भी किये।ग्रामीण व स्कूली बच्चे काफी उत्साहित दिखे।

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मेडिकल कैंप में 100 से अधिक लोगों की हेल्थ जांच किया गया। फ्री दवाइयां भी वितरण किया गया। चीफ गेस्ट एसपी डॉ वकारीब ने कहा कि कुरूमगढ़ पुलिस स्टेशन एरिया के सिविल मरवा सहितअन्य पांच गांव पहले माओवादियों का सेफ जोन था. पुलिस सिर्फ यहां ऑपरेशन चलाने आती थी। नेटवर्क नहीं होने के कारण यह क्षेत्र माओवादियों का सेफ जोन है। लेकिन, वर्ष 2021 में माओवादी व पुलिस की एनकाउंटर के बाद वर्ष 2022 में लगे सामुदायिक पुलिसिंग व सिविक एक्शन प्लान के तहत लगे कैंप में ग्रामीणों की उपस्थित देखकर बदलाव नजर आ रहा है।
बताया जाता है कि  इससे पूर्व भी पुलिस व सीआरपीएफ की पहल से इस गांव में लगाये गये कैंप में मात्र 40 से 50 वृद्ध ग्रामीण पहुंचे।आज कैंप 1000 से अधिक ग्रामीण उपस्थित थे। यह पुलिस द्वारा माओवादी के खिलाफ ऑपरेशन के तहत बदलाव का संकेत है। इससे पता चलता है कि नक्सली गढ़ में रहने वाले ग्रामीणों का पुलिस और सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास बढ़ रहा है।

गांव में वर्ष 2020 के बाद आया है बदलाव 
एसपी ने कहा कि मेडिकल कैंप में कुछ बच्चों को चिन्हित किया गया है। इन्हें सर्जिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता है। मैंने अपने डॉक्टर्स दोस्तों से बात की है। गुमला पुलिस उक्त बच्चों के उचित इलाज की व्यवस्था करायेगी। सीआरपीएफ कमांडेंट अनिल मिंज व एसडीपीओ सिरील मरांडी ने कहा कि वर्ष 2020 में यहां के ग्रामीण इतने खुले मन से नहीं आते थे। लेकिन माओवादियों का मूवमेंट कम होने से यहां बदलाव नजर आ रहा है। गुमला पुलिस व सीआरपीएफ द्वारा यहां ग्रामीणों के बीच जरूरतमंद सामग्री का वितरण किया गयागा। पुलिस व सीआरीएफ ने ग्रामीणों के साथ सामूहिक भोजन भी किया। कमाडेंट ने कहा कि हम इन्हें प्यार देने आये है।र बदले में इनसे प्यार मांगने आये है. ताकि वे माओवादियों के बहकावे में नहीं आये। किसी तरह की नक्सली मूवमेंट होने पर पुलिस का सूचना दें।
ग्रामीणों को जरूरत की सामग्री वितरित
ग्रामीणों के बीच स्पोर्टस टी शर्ट, कंबल, रेडियों, साड़ी, सोलर लैप, डेकची, कढ़ायी, मच्छरदानी, धोती, फुटबॉल सहित अन्य सामग्री का वितरण किया गया। मौके पर ऑपरेसन एएसपी मनीष कुमार, डिप्टी कमांडेंट मृत्युंजय झा, सीआरपीएफ के डॉक्टर के वर्णीधर सहित सीआरपीएफ व पुलिस जवान उपस्थित थे।