ऐंड्रॉयड डिवाइसेज के लिए गूगल ही सबसे बड़ा खतरा, प्ले स्टोर से ही आते हैं सबसे ज्यादा मैलवेयर

ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन्स के यूजर्स अक्सर ऐडवेयर और मैलवेयर का शिकार बन जाते हैं। एक स्टडी में सामने आया है कि ऐंड्रॉयड यूजर्स के लिए सबसे बड़ा खतरा गूगल प्ले स्टोर ही है और सबसे ज्यादा मैलवेयर यूजर्स के फोन में यहीं से आते हैं। 

ऐंड्रॉयड डिवाइसेज के लिए गूगल ही सबसे बड़ा खतरा, प्ले स्टोर से ही आते हैं सबसे ज्यादा मैलवेयर

नई दिल्ली। ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन्स के यूजर्स अक्सर ऐडवेयर और मैलवेयर का शिकार बन जाते हैं। एक स्टडी में सामने आया है कि ऐंड्रॉयड यूजर्स के लिए सबसे बड़ा खतरा गूगल प्ले स्टोर ही है और सबसे ज्यादा मैलवेयर यूजर्स के फोन में यहीं से आते हैं। 
ऐंड्रॉयड वर्ल्ड का सबसे पॉप्युलर मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है। लेकिन इसके ऑफिशल ऐप स्टोर पर मैलवेयर्स होना इसकी सिक्यॉरिटी पर सवाल खड़े करता है।गूगल अपने ऑफिशल ऐप स्टोर पर नये ऐप्स को कई सिक्यॉरिटी चेक्स के बाद शामिल करता है।लेकिन इसपर मौजूद लाखों ऐप्स को मॉनीटर करना आसान नहीं है। ऐसे में कई तरीकों से मैलवेयर प्ले स्टोर तक पहुंच जाते हैं। NortonLifeLock और मैड्रिड के IMDEA सॉफ्टवेयर इंस्टीट्यूट की ओर से किय गये रिसर्च में पता चला है कि गूगल प्ले स्टोर से सबसे ज्यादा मैलवेयर ऐंड्रॉयड फोन्स में पहुंचते हैं।

चार महीने तक जुटाया लाखों ऐप्स का डेटा
SemanticsScholar वेबसाइट पर पब्लिश डेटा के अनुसार गूगल प्ले स्टोर से 67.2 परसेंट मैलिशस ऐप ऐंड्रॉयड फोन्स में इंस्टॉल किये गये हैं। गूगल प्ले स्टोर से होने वाले ढेरों डाउनलोड्स इसकी वजह हैं। NortonLifeLock और IMDEA के रिसर्चर्स ने 1.2 करोड़ ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन्स से 79 लाख ऐप्स का डेटा लगभग चार महीने तक इकट्ठा कर इसका एनालिसिस किया। इससे सामने आया है कि थर्ड पार्टी ऐपस्टोर से केवल 10.4 प्रतिशत मैलिशस ऐप्स डाउनलोड किए जाते हैं।

सबसे ज्यादा डाउनलोड्स प्ले स्टोर से
स्टडी में कहा गया है कि 10 से 24 परसेंट यूजर्स को ना चाहते हुए भी कम से कम एक ऐप डाउनलोड करना पड़ा। स्टडी में गूगल प्ले स्टोर और ऑल्टरनेट ऐप मार्केट्स को कंपेयर किया गया। इसके अलावा वेब ब्राउजर्स, इंस्टैंट मेसेजेस, पे-पर इंस्टॉल (PPI) और ऐसे सात और सोर्सेज को मॉनीटर किया गया। लगभग 87.2 परसेंट ऐप्स गूगल प्ले स्टोर से इंस्टॉल किये जाते हैं। यहीं से लगभग 67.5 प्रतिशत मैलिशस ऐप्स भी यूजर्स के डिवाइस तक पहुंच जाते हैं।