फोन का ज्यादा इस्तेमाल है खतरनाक! बच्चे के मानसिक हालत पर पड़ता है बुरा असर, सर्वे रिपोर्ट में चौकाने वाले खुलासे

स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल से आपका बच्चा आपसे दूर होता जा रहा है। यह खुलासा Cybermedia Research (CMR) की Impact of SmartPhone no Human Relationship 2021 रिपोर्ट से हुआ है।

फोन का ज्यादा इस्तेमाल है खतरनाक! बच्चे के मानसिक हालत पर पड़ता है बुरा असर, सर्वे रिपोर्ट में चौकाने वाले खुलासे
  • 74 परसेंट इंडियन के अनुसार स्मार्टफोन की वजह से बच्चों के साथ खराब हो रहे हैं उनके रिश्ते 

नई दिल्ली। स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल से आपका बच्चा आपसे दूर होता जा रहा है। यह खुलासा Cybermedia Research (CMR) की Impact of SmartPhone no Human Relationship 2021 रिपोर्ट से हुआ है।

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इससे पता चलता है कि आपके ज्यादा स्मार्टफोन इस्तेमाल से बच्चे का मानसिक हालत पर बुरा असर पड़ता है।माता-पिता का कहना है कि वो चाहते हैं फोन स्विच ऑफ करके बच्चे अपने पुराने स्कूल के दिनों में वापस लौट जाएं। 95 परसेंट इंडियनयों ने माना कि वे अपने बच्चों के ज्यादा से ज्यादा बिना किसी बाधा के समय बिताना चाहते हैं।
यह है सर्वे रिपोर्ट
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 66 परसेंट लोगों को मानना है कि जिस समय उन्हें बच्चों को वक्त देना चाहिए, वो फोन पर व्यस्त रहते हैं।
74 परसेंट इंडियन के अनुसार स्मार्टफोन की वजह से बच्चों के साथ उनके रिश्ते खराब हो रहे हैं।
75 परसेंट लोग मानते हैं स्मार्ट की वजह से ध्यान भटकता है, जिससे वो अपने बच्चों के प्रति ज्यादा सतर्क नहीं रह पाते हैं।
74 परसेंट लोगों का मानना है कि जब वो स्मार्टफोन में बिजी होते हैं और बच्चे कुछ पूछते हैं, तो वो चिढ़ जाते हैं।
69 परसेंट लोगों का मानना है कि स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से उनका बच्चों से ध्यान नहीं हटता है।
90 परसेंट माता-पिता को लगता है कि बच्चे स्मार्टफोन के इस्तेमाल की वजह से आक्रामक हो रहे हैं।
85 परसेंट माता-पिता का मानना है कि बच्चे स्मार्टफोन की वजह से सोशल लाइफ से कट रहे हैं।
90 परसेंट माता-पिता मानते है कि बच्चों में सामाजिक व्यवहार में कमी हो रही है।
कोविड -19 के दौरान इंडियन ने पर डे फोन पर लगभग 6.5 घंटे बिताया है, जो कि 32 परसेंट ज्यादा है।
80% से अधिक लोग सोचते हैं कि स्मार्टफोन उन्हें अपने करीबियों के साथ जुड़े रहने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करते हैं। 
94 परसेंट लोग मानते हैं कि स्मार्टफोन उनके शरीर का हिस्सा बन गया है। वे उनसे अलग नहीं हो सकते हैं।
लोग अपने फोन का उपयोग खाना खाते समय (70%), लिविंग रूम (72%) में, और यहां तक कि परिवार के साथ बैठकर (75%) करते समय भी करते हैं।

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माता-पिता का कहना है कि वो चाहते हैं फोन स्विच ऑफ करके बच्चे अपने पुराने स्कूल के दिनों में वापस लौट जाएं। 95 फीसदी भारतीयों ने माना कि वे अपने बच्चों के ज्यादा से ज्यादा बिना किसी बाधा के समय बिताना चाहते हैं।