Dhanbad : राष्ट्र की एकता वअखंडता के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जान की बाजी लगा दी : बाबूलाल मरांडी

झारखंड में भारतीय जनता पार्टी ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर सभी 27 सांगठनिक जिलों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। धनबाद में आयोजित कार्यक्रम में एक्स सीएम, बीजेपी विधायक दल के नेता व प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी शामिल हुए। 

Dhanbad : राष्ट्र की एकता वअखंडता के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जान की बाजी लगा दी : बाबूलाल मरांडी
कार्यक्रम को संबोधित करते बाबूलाल मरांडी।

धनबाद। झारखंड में भारतीय जनता पार्टी ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर सभी 27 सांगठनिक जिलों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। धनबाद में आयोजित कार्यक्रम में एक्स सीएम, बीजेपी विधायक दल के नेता व प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी शामिल हुए। 
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धनबाद बीजेपी ऑफिस में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्रखर राष्ट्रवादी चिंतक, विचारक, शिक्षाविद और राजनेता थे। राष्ट्र की एकता अखंडता के लिए उन्होंने अपनी जान की बाजी लगा दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए बलिदान देने वाले वे पहले राजनेता थे। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी की तुष्टिकरण की नीति का सदैव विरोध किया।

सिंदरी खाद कारखाना डॉ मुखर्जी की देन
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वे दूरद्रष्टा थे। केंद्रीय उद्योग मंत्री के रूप में देश के विकास में अपना बड़ा योगदान दिया। सिंदरी खाद कारखाना डॉ मुखर्जी की देन है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत में रियासतों के एकीकरण के साथ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को मजबूती प्रदान करने में डॉ श्यामा प्रसाद ने महती भूमिका निभायी। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू की हठधर्मिता के कारण जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू हुआ. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी इसके प्रबल विरोधी रहे। डॉ मुखर्जी ने कहा था कि वे एक देश में दो देश नहीं देख सकते। 
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक शिक्षाविद के साथ भारतीय राष्ट्रीय चेतना के दीप्तिमान नक्षत्र, राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए अपना सर्वस्व अर्पित करने वाले विलक्षण व्यक्तित्व की जीवन यात्रा एक गंभीर और प्रेरक आख्यान है। उनके जीवन से भारतीय राजनीति के एक ऐसे अध्याय को उजागर होती है, जो समर्पण, त्याग ,बलिदान और राष्ट्रनिष्ठा की मिसाल बनकर आज भी स्मरणीय एवं सभी के लिए अनुकरणीय है। उनके पिता सर आशुतोष मुखर्जी अपने निर्भीक स्वभाव के कारण “बंगाल का बाघ” कहे जाते थे। जिन्होंने कोलकाता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में न्यायपालिका को ऊंचाइयां प्रदान की।
डा.मुखर्जी के द्वारा कश्मीर में अनुच्छेद 370 के विरोध में लिया गया साहसिक रुख अंततः पांच अगस्त 2019 को साकार हुआ
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा की एकता एवं अखंडता के लिए बलिदान देने वाले डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को साकार करने में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिन रात कार्य कर रहे हैं। डा.मुखर्जी के द्वारा कश्मीर में अनुच्छेद 370 के विरोध में लिया गया साहसिक रुख अंततः पांच अगस्त 2019 को साकार हुआ,जिसके लिए मुखर्जी ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। आज हम सभी भाजपा के कार्यकर्ता ऐसे सपूत की जन्म जयंती मना रहे है जिन्होंने डॉक्टर मुखर्जी ने शिक्षा राजनीति और राष्ट्र सेवा को एक सूत्र में पिरोकर अपना संपूर्ण जीवन भारत माता के चरणों में अर्पित कर दिया था। ऐसे वीर सपूत को एक आत्मीय श्रद्धांजलि अर्पित करते है।
देश के सम्मान गरिमा और गौरव की रक्षा के लिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अपने प्राणों की आहुति दे दी: ढुलू
एमपी ढुलु महतो ने डा. मुखर्जी के अप्रतिम योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि ,उन्होंने देश के सम्मान गरिमा और गौरव की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। मुखर्जी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू की नीतियों का विरोध किया और मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। कश्मीर में बिना परमिट प्रवेश करने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। 23 जून 1953 को जेल में उनकी रहस्यम मृत्यु हो गयी थी। संगोष्ठी मे उपस्थित सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को उनके विचार का अनुसरण करते हुए उनके बताये मार्ग एवम नीतियों पे चलने का आहवान किया। 
धनबाद एमएलए राज सिन्हा ने डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, वह कश्मीर से धारा 370 हटाने और एक विधान, एक निशान, एक प्रधान के पक्षधर थे। नेहरू के नेतृत्व में तत्कालीन सरकार की तुष्टिकरण की नीतियों के विरोध में केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने जनसंघ की स्थापना की और पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। वही संगठन आज भाजपा के रूप में विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। उनके द्वारा बताये गए मार्ग आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक है। हमें उनके नीतियों को जन- जन तक पहुंचाना है। महानगर अध्यक्ष श्रवण राय ने कहा कि पूर्वी बंगाल को पाकिस्तान में जाने से रोकने से लेकर जम्मू कश्मीर के भारत में पूर्ण विलय तक हर मोर्चे पर उनका दूरगामी योगदान है, जिसे कभी भी भुलाया नही जा सकता।
संगोष्ठी कार्यक्रम की अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष श्रवण राय,  संचालन मानस प्रसून एवं धन्यवाद ज्ञापन महामंत्री धनेश्वर महतो ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से झारखंड प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सत्येंद्र कुमार, राज कुमार अग्रवाल, संजीव अग्रवाल, चंद्रशेखर सिंह, रमेश राही, प्रियंका पाल, विष्णु त्रिपाठी, शेखर सिंह, महेश पासवान, वीरेंद्र हांसदा, पंकज सिन्हा, अजय निषाद, ध्रुभ हरि, प्रियंका देवी, अभिमन्यु कुमार, रीता प्रसाद, राजकिशोर जैना, नरेंद्र त्रिवेदी, नित्यानंद मंडल, रामजीत भुइयाँ,बन्टी सोरेन, योगेंद्र यादव, अरुण राय, कंचन चौरसिया, महावीर पासवान ,फुल जोशी ,रूपेश सिन्हा, मुकेश पांडे ,रंजीत कुमार बिल्लू ,गीता सिंह ,सोनी सिंह, सुप्रभात कुमार ,कपिल देव पासवान, मंडल अध्यक्ष बच्चा गिरी ,राजाराम दत्ता,सूरज पासवान ,सनी रवानी, किशोर मंडल ,गोविंद रावत, संजय कुशवाहा ,रंजय सिंह ,अर्जुन निषाद, अजय दास ,अवधेश शाह, रोहित विद, तरुण राय ,संतोष रवानी, वीरेंद्र वर्मा ,रूपेश पासवान, उचित महतो, अखिलेश झा ,बसंती देवी ,जितेंद्र कुमार,शशि भूषण सिंह, निर्मल प्रधान, राकेश पंडित ,नीरज सिंह, बलराम हरि ,बृजमोहन प्रसाद, रत्नेश भुइयाँ, संतोष कुमार रवानी ,राजेश गुप्ता ,लाल बहादुर यादव, हुलास दास, मनोज रिंकू ,उमेश सिंह, अखिलेश झा, मनोज मालाकार सहित बड़ी संख्या मे पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे।