Dhanbad : कतरास बीसीसीएल माइंस भू-धंसान हादसा, आठ लोगों की हुई मौत,26 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
बीसीसीएल के कतरास एरिया में में शुक्रवार को हुई हुए भू-धंसान हादसे में कुल लोगों की मौत हुई है। लैंडस्लाइड के कारण एक सर्विस वैन पर चट्टान गिरने से हुए इस हादसे के बाद, प्रशासन और रेस्क्यू टीमों ने लगभग 26 घंटे तक चलाये गये रेस्क्यू ऑपरेशन में सभी बॉडी को बाहर निकाल लिया गया है।

धनबाद। बीसीसीएल के कतरास एरिया में में शुक्रवार को हुई हुए भू-धंसान हादसे में कुल लोगों की मौत हुई है। लैंडस्लाइड के कारण एक सर्विस वैन पर चट्टान गिरने से हुए इस हादसे के बाद, प्रशासन और रेस्क्यू टीमों ने लगभग 26 घंटे तक चलाये गये रेस्क्यू ऑपरेशन में सभी बॉडी को बाहर निकाल लिया गया है।
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आठ बॉडी बरामद, छह की हुई शिनाख्त
एनडीआरएफ के रेस्क्यू ऑपरेशन शुक्रवार को पांच और शनिवार को तीन बॉडी शव बरामद किये गये। इस हादसे के बाद अब तक कुल आठ बॉडी बरामदबॉडीशवों की शिनाख्त अभी नहीं हो पायी है।
पहचान किये गये बॉडी
अमन कुमार, स्वरूप गोप, अमित भगत, गयासुर दास, राहुल रवानी और रूपक महतो के रूप में हुई है। दो बॉडी की पहचान नहीं हो पायी है। लोकल लोगों का मानना है कि ये दोनों इलिगल माइनिंग से जुड़े मजदूर हो सकते हैं।
हादसा और बचाव अभियान की शुरुआत
बीसीसीएल में काम करने वाली मां अंबे माइनिंग आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट के पैच में शुक्रवार को सुबह लगभग 11 बजे अचानक मिट्टी और चट्टानों का बड़ा हिस्सा धंस गया। इसकी चपेट में आकर एक सर्विस वैन लगभग 400 फिट गहरी खाई में स्थित पानी में जा गिरी, जिससे उसमें सवार सभी कर्मी लापता हो गये। घटना की खबर मिलते ही चारों ओर हड़कंप मच गया और तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। माइन्स रेस्क्यू टीम ने दोपहर 1:40 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इसके बाद मुनीडीह के गोताखोरों ने भी दोपहर तीन बजे अपना काम शुरू कर दिया। कड़ी मशक्कत के बाद, सबसे पहले माइन रेस्क्यू टीम ने 2:45 बजे एक बॉडी बरामद किया। इसके बाद गोताखोरों की टीम ने 4:10 बजे दूसरा ब़डी निकाला। माइन रेस्क्यू टीम ने तीसरा, चौथा और पांचवां बॉडी क्रमशः 4:40, 4:45 और 5:00 बजे बरामद किया, जिसके साथ शुक्रवार को कुल पांच बॉडी को बाहर निकाला गया।
एनडीआरएफ ने शनिवार को संभाली रेस्क्यू की कमान
हादसे के दूसरे दिन शनिवार को भी रेसक्यू जारी रहा। सुबह 11:05 बजे रांची से पहुंची एनडीआरएफ की बटालियन ने दो नौकाओं के साथ ऑपरेशन की कमान संभाली। टीम का नेतृत्व कौशल कुमार कर रहे थे, जबकि कमांडेंट सुनील कुमार सिंह स्वयं पूरे अभियान की निगरानी कर रहे थे।सुनील कुमार सिंह ने बताया कि खदान लगभग 300 फीट गहरी है। उनकी टीम इस तरह के चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी तरह से सक्षम है। इसी ऑपरेशन के दौरान, सुबह 11:50 बजे एनडीआरएफ की टीम को बड़ी सफलता मिली, जब उन्होंने वैन के ड्राइवर गयासुर दास का बॉडी गहरे पानी से बरामद किया। यह ऑपरेशन तब और भी चुनौतीपूर्ण हो गया जब टीम ने पाया कि दो बॉडी खाई में लटके हुए थे।
इन बॉडी को निकालने के लिए रामकनाली कोलयारी के रेस्क्यू टीम मेंबर राजेश मंडल 50 वर्ष और रंजीत मुखर्जी 45 वर्ष ने अपनी जान पर खेलकर उन्हें नीचे पानी में गिराया। इसके बाद उन्हें दोपहर 3:00 बजे पानी से बाहर निकाला जा सका। इस काम में धनसार माइन रेस्क्यू टीम के अशोक राम, सतीश चंद्र विद्यार्थी, इसा अंसारी और नागेंद्र सिंह ने भी सहयोग दिया।
परिजनों का आक्रोश
हादसे के बाद से ही डीडीजीएमएस निदेशक एके झा और बाल कृष्णन शामिल हैं, मौके पर कैंप किए हुए थे। जब शनिवार को बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जा रहा था, तो चेक पोस्ट पर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। पहले पुलिस एक ही एंबुलेंस से बॉडी को ले जाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन आउटसोर्सिंग कंपनी के कुछ प्रतिनिधियों के दबाव में दोनों बॉडी को अलग-अलग एंबुलेंस से रवाना किया गया। पुलिस को बीच रास्ते में भी एंबुलेंस को रोकना पड़ा, जिसके बाद उन्हें सुरक्षा एस्कार्ट के साथ आगे भेजा गया। इस घटना ने प्रशासन और कंपनी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मां अम्बे आउटसोर्सिंग कंपनी दोगी मुआवजा
मां अम्बे आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट, अंगारपथरा, केशलपुर व वेस्ट मोदीडीह कोलयरी (एकेडब्लूएमसी) के जीएम राणा चौधरी ने कहा है कि आउटसोर्सिंग कंपनी के छः मजदूरों कि घटना में मौत हुई है। सभी मृतकों के बॉडी बरामद किये जा चुके है। सभी के परिजनों को दाह संस्कार के लिए 50-50 हजार रूपये, बॉडी लें जाने के लिए एम्बुलेंस दिया गया है। परिजनों को मुआवजा के रूप में 20 लाख रुपया और नियोजन देने पर सहमति बनी है।