Dhanbad: कतरास माइंस हादसा में NDRF ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज, ड्राइवर का बॉडी बरामद, पांच की मौत की आशंका
धनबाद के कतरास क्षेत्र की बीसीसीएल खदान में बड़ा हादसा, अंबे माइनिंग की गाड़ी गहरे पानी में गिरी। NDRF ने रेस्क्यू अभियान में ड्राइवर ग्यासुद्दीन का शव बरामद किया। हादसे में पांच मजदूरों की मौत की आशंका।

- 300 फीट खाई में गिर गयी आउट सोर्सिंग कंपनी का सर्विस वैन
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद में बीसीसीएल के कतरास एरिया अंतर्गत अंगारपथरा केशलपुर वेस्ट मोदीडीह कोलियरी में शुक्रवार देर शाम आउटसोर्सिंग कंपनी अंबे माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड की एक गाड़ी माइंस के गहरे पानी में जा गिरी। हादसे के बाद से पांच मजदूरों के मौत की आशंका जतायी जा रही है।
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शनिवार सुबह से नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की टीम ने बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। लगभग 11:50 बजे रेस्क्यू टीम को बड़ी सफलता मिली जब गहरे पानी से गाड़ी के ड्राइवर ग्यासुद्दीन का बॉडी बरामद कर लिया गया। हालांकि अन्य मजदूरों की तलाश अब भी जारी है। ग्यासुद्दीन का बॉडी बाहर आते ही इलाके में मातम छा गया। ग्यासुद्दीन कतरास के ही रहने वाले बताए जाते हैं और अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे।
ऐसे हुआ हादसा
सामान्य दिनों की तरह शुक्रवार को माइंस एरिया में काम चल रहा था। आउटसोर्सिंग पैच पर कार्यरत अंबे माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड की एक वैन मजदूरों और मशीनरी को लेकर अंदर गई। अचानक खदान क्षेत्र के गहरे हिस्से में मौजूद पानी के गड्ढे में यह वैन फिसलकर समा गई। देखते ही देखते अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोकल लोगों के साथ-साथ कंपनी के कर्मचारी और बीसीसीएल प्रबंधन मौके पर पहुंचे। हालांकि पानी की गहराई और अंधेरा होने की वजह से तत्काल कोई रेस्क्यू संभव नहीं हो सका। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
एनडीआरएफ ने संभाली कमान
शनिवार सुबह रेस्क्यू कार्य को तेज करने के लिए एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंची। टीम का नेतृत्व कौशल कुमार कर रहे हैं और कमांडेंट सुनील कुमार सिंह खुद मौके पर मौजूद हैं। गोताखोरों और आधुनिक उपकरणों की मदद से गहरे पानी में तलाश अभियान शुरू किया गया। लगभग घंटे की मशक्कत के बाद वैन ड्राइवर ग्यासुद्दीन की बॉडी बाहर निकाला गया।
एनडीआरएफ की टीम में शामिल हैं 30 लोग
संभाली। टीम का नेतृत्व कौशल कुमार कर रहे हैं, जबकि एनडीआरएफ कमांडेंट सुनील कुमार सिंह खुद ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।एनडीआरएफ कमांडेंट सुनील कुमार सिंह ने बताया कि पानी में गाड़ी का एक हिस्सा स्पष्ट दिखाई दे रहा है। साथ ही कुछ ऑब्जेक्ट भी नजर आये हैं, जिन्हें टीम संभावित शव मानकर रेस्क्यू कर रही है।एनडीआरएफ की लगभग 30 सदस्यीय टीम अभियान में जुटी है। टीम के प्रशिक्षित डीप ड्राइवर खदान के गहरे पानी में उतरकर तलाशी अभियान चला रहे हैं।
इधर, बीसीसीएल की धनसार माइंस रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंची, लेकिन पानी में उतरने की तकनीकी क्षमता नहीं होने के कारण वे आपरेशन में सहयोगी भूमिका निभा रहे हैं। कमांडेंट सुनील कु़मार सिंह ने बताया कि खदान करीब 300 फीट गहरी है जिसमें उतरकर बेहतर ढंग से रेस्क्यू को अंजाम देने के लिए एनडीआरएफ की टीम पारंगत है।
पांच मजदूरों की मौत की आशंका
लोकल सोर्सेज व और मजदूर संगठनों का कहना है कि हादसे के समय गाड़ी में पांच अन्य मजदूर भी सवार थे। अभी तक उनकी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। एनडीआरएफ की टीम लगातार पानी पंपिंग कर रही है ताकि गाड़ी को बाहर निकाला जा सके और फंसे लोगों की स्थिति साफ हो सके। लोगों को डर है कि इतनी देर तक पानी में फंसे रहने के बाद मजदूरों के बचने की संभावना बेहद कम है। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर किसी की मौत की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं की गयी है।
तीन बॉडी की पहले ही हो चुकी है पहचान
इस हादसे के बाद पुलिस ने पहले ही तीन बॉडी को बरामद करने का दावा किया था। अंगारपथरा ओपी प्रभारी के अनुसार, जिन शवों की पहचान हुई थी, उनमें अमन कुमार, स्वरूप गोप और अमित भगत शामिल थे। इन सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा चुका है। हादसे वाली सर्विस वैन को पहले ही पेलोडर मशीन और मुनीडीह से आए गोताखोरों की मदद से बाहर निकाल लिया गया था। हालांकि, उस समय ड्राइवर का बॉडी नहीं मिल पाया था।
कतरास क्षेत्र पहले से ही माईस हादसे के लिए कुख्यात रहा है। इस हादसे के बाद लोकल लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। मजदूर संगठनों ने सवाल उठाया कि आखिर बिना सुरक्षा इंतज़ाम और पर्याप्त निगरानी के माइंसमें काम क्यों कराया जा रहा था। पीड़ित परिवारों में मातम पसरा है। ग्यासुद्दीन के घर में कोहराम मच गया है। परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। बाकी मजदूरों के परिवारजन खदान स्थल पर ही डटे हुए हैं और अपने प्रियजनों के सुरक्षित लौटने की उम्मीद लगाये हुए हैं।
एमपी ढुलू महतो ने कहा कड़ी कार्रवााई होगी
धनबाद एमपी ढुलू महतो ने कहा कि बीसीसीएल कतरास क्षेत्र अंतर्गत अंबे माइनिंग आउटसोर्सिंग साइट पर हुई दर्दनाक दुर्घटना में छह मजदूरों की असामयिक मृत्यु अत्यंत दुखद है। घटनास्थल पर पहुंचकर राहत व बचाव कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई हेतु निर्देशित किया। यह हादसा सुरक्षा मानकों की गंभीर लापरवाही का परिणाम प्रतीत होता है। पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होगी और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें।
पीड़ित परिवारों को मुआवजे की मांग
मजदूर संगठनों और लोकल नेताओं ने सरकार और बीसीसीएल प्रबंधन से पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग भी उठ रही है। ग्यासुद्दीन के परिजनों ने कहा कि उनका परिवार अब पूरी तरह से बेसहारा हो गया है। ऐसे में सरकार को आगे बढ़कर उनकी मदद करनी चाहिए।
प्रशासन और बीसीसीएल मैनेजमेंट पर सवाल
लोकल लोगों ने आरोप लगाया कि हादसे के बाद बीसीसीएल और अंबे माइनिंग प्रबंधन की ओर से तुरंत राहत-बचाव की पहल नहीं की गई। यदि समय रहते कोशिश की जाती तो शायद मजदूरों की जान बचायी जा सकती थी।इस मामले पर धनबाद जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। बीसीसीएल अधिकारियों का कहना है कि हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
एनडीआरएफ की टीम अभी भी मौके पर जुटी हुई है। बड़े-बड़े मोटर पंपों से खदान में भरे पानी को निकाला जा रहा है। गोताखोरों की मदद से गाड़ी को बाहर खींचने की कोशिश की जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले कुछ घंटों में बाकी मजदूरों की स्थिति साफ हो जायेगी।
लगातार हो रहे माइंस हादसे
धनबाद, जिसे कोयला राजधानी कहा जाता है, में आए दिन खदान हादसों की खबर आती रहती है। अवैध खनन, सुरक्षा की अनदेखी और आउटसोर्सिंग कंपनियों की लापरवाही इन हादसों की बड़ी वजह बताई जाती है। कतरास क्षेत्र तो खासकर ऐसे हादसों का केंद्र रहा है। स्थानीय सामाजिक संगठनों का कहना है कि जब तक खदानों में सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन नहीं होगा, तब तक मजदूरों की जान यूं ही दांव पर लगती रहेगी।
नतीजा
कतरास माइंस हादसा एक बार फिर खदानों में काम कर रहे मजदूरों की दुर्दशा को सामने लाता है। एनडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू में जुटी है, लेकिन पांच अन्य मजदूरों की किस्मत पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। इलाके में मातम और गुस्सा दोनों ही माहौल साफ बता रहे हैं कि यह सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि सिस्टम की लापरवाही का नतीजा है।