Dhanbad: 10 साल में एक करोड़ गाय किसानों तक पहुंचाने का टारगेट, 23 से दिसंबर सेअखिल भारतीय तीन दिवसीय गोग्राम कुंभ
कोयला राजधानी धनबाद टाउन में घुमंतू गायों को उनके वास्तविक घर किसान के घर पहुंचने के उद्देश्य से एकल अभियान की ओर से गोग्राम कुंभ का आयोजन धनबाद में किया जा रहा है। इसमें देश-विदेश से दो हजार से अधिक लोग जुटेंगे। तीन दिवसीय इस कुंभ का आयोजन 23, 24 और 25 दिसंबर को गोल्फ ग्राउंड और न्यू टाउन हॉल में किया जायेगा। 30 हजार किसान धनबाद पहुंचकर गोवंश संरक्षण और इनसे बनने वाले उत्पादों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
- देश-विदेश से दो हजार प्रबुद्धजन भी जुटेंगे
- 30 हजार किसान भी कार्यक्रम में शामिल होंगे
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद टाउन में घुमंतू गायों को उनके वास्तविक घर किसान के घर पहुंचने के उद्देश्य से एकल अभियान की ओर से गोग्राम कुंभ का आयोजन धनबाद में किया जा रहा है। इसमें देश-विदेश से दो हजार से अधिक लोग जुटेंगे। तीन दिवसीय इस कुंभ का आयोजन 23, 24 और 25 दिसंबर को गोल्फ ग्राउंड और न्यू टाउन हॉल में किया जायेगा। 30 हजार किसान धनबाद पहुंचकर गोवंश संरक्षण और इनसे बनने वाले उत्पादों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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योजना में देसी नस्ल के गायों को बचाने का प्रयास
उक्त जानकारी धनबाद क्लब में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में एकल अभियान गोग्राम कुंभ आयोजन समिति के सदस्यों ने यह जानकारी दी। गोग्राम योजना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केदारनाथ मित्तल ने बताया कि एकल गोग्राम योजना का अखिल भारतीय प्रथम कुंभ धनबाद नगर में होगा। एकल अभियान के ही पंचमुखी शिक्षा का एक आयाम श्रीहरि सत्संग समिति की ओर से गोग्राम योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है कि भारतीय देसी गायों के नस्ल को कैसे बचाया जाए।
उन्होंने कहा कि किसी न किसी कारणवश गांव से देसी नस्ल के गाय-बछड़े का पलायन हो रहा है। इसके कारण एक ओर जहां हल-बैलों की खेती समाप्त हो रही है। खेतों के लिए आवश्यक उर्वरक गोबर-गोमूत्र की कमी हो रही है। बिना दूध देने वाली बूढ़ी गायों या महानगर की गोशालाओं में अस्वाभाविक जीवन जीने को मजबूर हैं या फिर कत्लखानों में जा रही हैं।
10 साल में एक करोड़ गाय किसानों तक पहुंचाने का टारगेट
केंद्रीय अभियान प्रमुख एकल अभियान लल्लन शर्मा ने बताया कि देसी नस्ल की गाय कैसे गांव में बच सके तथा पुनः जैविक खेती पर निर्भर हो और बिना दूध देने वाली बूढ़ी गायों को भी आर्थिक रूप से स्वावलंबी जीवन जीने लायक बनाया जाय, यही इस कुंभ का उद्देश्य है। ललन शर्मा ने बताया कि अगले 10 साल में एक करोड़ गाय पूरे देशभर में किसानों तक पहुंचाने का टारगेट रखा गया है। अभी धनबाद, बोकारो, जामताड़ा, गिरिडीह और बंगाल में दो हजार गाय पहुंचा चुके हैं। एकल अभियान महिला समिति की सदस्य अनुराधा अग्रवाल ने बताया कि तीनों दिन गो-उत्पाद एवं अन्य चीजों की प्रदर्शनी भी लगेगी। कार्यक्रम के प्रति जागरूकता को लेकर 17 दिसंबर को शोभायात्रा निकाली जायेगी।
23, 24 और 25 दिसंबर तक कार्यक्रम
23 दिसंबर : कुंभ में आए सभी प्रतिनिधियों को धनबाद के आसपास 100 गांव में गोग्राम-वनयात्रा के माध्यम से भ्रमण कार्यक्रम। गोपालकों से मिलने तथा गो-उत्पाद देखने का प्रत्यक्ष अवसर मिलेगा। संध्या अनुभव कथन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम।
24 दिसंबर : गोल्फ ग्राउंड में सार्वजनिक सभा होगी। इसमें धनबाद जिले में चल रहे एकल विद्यालय ग्रामों से लगभग 30 हजार गोपालक एवं किसान भाग लेंगे।
यह कार्यक्रम दोपहर 12 से तीन बजे तक होगा। शाम सात बजे से टाउन हॉल में एकल अभियान की ओर से प्रशिक्षित वनवासी कथाकारों द्वारा एकल सुर एकल ताल सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा।
25 दिसंबर: आगंतुक प्रतिनिधियों का तीन दिनों से चल रहे इस कार्यशाला का समापन। आंतरिक चिंतन सत्र एवं कार्यकर्ता सम्मान समारोह।
मौके पर महेंद्र अग्रवाला अध्यक्ष श्रीहरि गौग्राम योजना (झारखंड), केशव हडोडिया अध्यक्ष वनबंधु परिषद धनबाद चैप्टर, रविन्द्र ओझा, आयुष तिवारी उपाध्यक्ष एकल फ्यूचर, रोहित प्रसाद, सोमनाथ पूर्ति, नितिन हाड़ोदिया उपस्थित थे।