धनबाद: अब ईडी करेगी पीएचसी जोड़ापोखर के 10 करोड़ की राशि गबन के मामले की जांच 

जोड़ापोखर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की तरफ से मिली करोड़ों रुपये की राशि के गबन के मामले की जांच अब ईडी करेगी। जांच के लिए ईडी को आदेश मिल चुका है। अभी तक यह मामलेकी जांच एसीबी धनबाद कर रही थी।

धनबाद: अब ईडी करेगी पीएचसी जोड़ापोखर के 10 करोड़ की राशि गबन के मामले की जांच 

धनबाद। जोड़ापोखर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की तरफ से मिली करोड़ों रुपये की राशि के गबन के मामले की जांच अब ईडी करेगी। जांच के लिए ईडी को आदेश मिल चुका है। अभी तक गबन के इस मामले की जांच एसीबी धनबाद कर रही थी। 

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में एसीबी धनबाद ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जोड़ापोखर के एक कंट्रेक्ट स्टाफ प्रमोद सिंह व तत्कालीन सिविल सर्जन समेत कुल 10 लोगों के खिलाफ 10 करोड़ रुपये की राशि गबन करने का मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान आरोपितों की संख्या बढ़ कर 25 हो गई है। इसमें एसीबी ने ऊन लोगों को भी शामिल किया है जिनके बैंक अकाउंट में स्वास्थ्य केंद्र के खाते से राशि भेजी गई थी। ईडी को जांच की अनुमति मिलने के बाद से एसीबी से उपरोक्त मामले की पूरी फाइल मांगी गयी है।
कोरोड़ों रुपये तीन लेवल पर भेजी गयी
एसीबी की अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि तीन लेवल पर राशि का ट्रांसफर किया गया है। पीएमओ के आदेश पर मामले की जांच कर रही भूली ओपी पुलिस ने आरोपित प्रमोद सिंह के भूली आवास और सरायढेला के सहयोगी नगर स्थित आवास पर जाकर छानबीन की है। एसीबी ने इस मामले को लेकर वर्ष 2019 में 10 लोगों के खिलाफ 10 करोड़ रुपये की सरकारी राशि का गबन करने की एफआइआप दर्ज की थी। इसमें प्रमोद समेत तत्कालीन सिविल सर्जन को भी एक्युज्ड बनाया गया था। इससे पहले वर्ष 2016 में केवल प्रमोद सिंह को आरोपित बनाते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया था।

गबन के मामले की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से दस अलग-अलग सरकारी बैंक अकाउंट में करोड़ों की राशि भेजी गई, लेकिन अभियुक्तों ने केवल दो अकाउंट से राशि की निकासी की। यहां से राशि निकासी कर प्रमोद ने अपने अकाउंट के साथ अन्य नौ लोगों के अकाउंट में ट्रांसफर  की थी। एसीबी की जांच में यह पता चला है कि इन दस अकाउंट से अन्य 15 अकाउंट में राशि भेजी गई। इनमें मार्बल दुकान, सैनिटरी दुकान, सीमेंट, बालू वाले भी शामिल हैं। एसीबी ने अपने जांच का दायरा बढ़ाते हुए इन अकाउंट्स की भी जांच की।