Bihar: सीतामढ़ी में नाबालिग से रेप के बाद मर्डर मामले में नया मोड़, ऑनर किलिंग, दादा ही निकला आरोपी

तिरहुत रेंज के आइजी शिवदीप लांडे ने सीतामढ़ी में गड़े मुर्दे को उखाड़ पुलिस का इकबाल बुलंद करते हुए  पीड़ित परिवार को इंसाफ भी दिलाया है। आठ माह पूर्व नाबालिग लड़की की मर्डर के ब्लाइंड केस में आइजी ने अपनी सूझबूझ से सच्चाई से पर्दा भी उठा दिया है। आनर किलिंग के इस मामले में पुलिस ने आरोपी दादा राजकुमार राय (होमगार्ड जवान) को अरेस्ट किया है।

Bihar:  सीतामढ़ी में नाबालिग से रेप के बाद मर्डर मामले में नया मोड़, ऑनर किलिंग, दादा ही निकला आरोपी
ऑनर किलिंग का आईजी ने किया खुलासा।

सीतामढ़ी। तिरहुत रेंज के आइजी शिवदीप लांडे ने सीतामढ़ी में गड़े मुर्दे को उखाड़ पुलिस का इकबाल बुलंद करते हुए  पीड़ित परिवार को इंसाफ भी दिलाया है। आठ माह पूर्व नाबालिग लड़की की मर्डर के ब्लाइंड केस में आइजी ने अपनी सूझबूझ से सच्चाई से पर्दा भी उठा दिया है। आनर किलिंग के इस मामले में पुलिस ने आरोपी दादा राजकुमार राय (होमगार्ड जवान) को अरेस्ट किया है।
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मामले में एफआइआर दर्ज करने में देरी एवं लापरवाही के लिए तत्कालीन थानाध्यक्ष जन्मेजय राय को भी दोषी पाया गया है।  उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारंभ किया गया है। जिले के डुमरा पुलिस स्टेशन एरिया के एक गांव में नाबालिग लड़की से रेप के बाद मर्डर का मामला बताते हुए एफआइआर दर्ज कराई गई लेकिन जांच में मामला आनर किलिंग का सामने आया है। आइजी शिवदीप लांड ने मंगलवार को खुद इस केस का उद्वेदन किया है।
सीतामढ़ी में प्रेस कांफ्रेंस कर आईजी ने सच्चाई से पर्दा उठाया। प्रेस कांफ्रेंस में एसपी मनोज कुमार तिवारी, एसडीपीओ सदर रामकृष्णा के अलावा केस की जांच कर रहीं बेलसंड की डीएसपी व एसआइटी के नेतृत्वकर्ता सोनल कुमारी, बेलसंड थानाध्यक्ष मनोज कुमार, तत्कालीन महिला थानाध्यक्ष सुचित्रा कुमारी भी मौजूद थीं। आइजी ने बताया कि दादा ने ही पोती की मर्डर की थी। कातिल दादा था और लड़की के पिता ने ग्रामीण को आरोपी बनाते हुए मामले की जांच की मांग की थी।

थानेदार पर कार्रवाई के बाद पता चला उलझाया हुआ था केस
आइजी ने बताया कि इस मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष, डुमरा जन्मेजय राय के विरूद्ध प्रस्तावित विभागीय कार्यवाही में निर्णय लेने के क्रम में इस कांड के अनुसंधान में कई त्रुटियां परिलक्षित हुईं। पाया गया कि अनुसंधान में कई महत्वपूर्ण तथ्य हैं, जो अनसुलझे हैं। इसी के बाद उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण एवं कांड की समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में इस कांड के अनुसंधान हेतु एक एसआइटी का गठन किया एवं अनसुलझे 21 बिंदुओं पर नए सिरे से अनुसंधान के निर्देश दिये।

एसआइटी की जांच में पाया गया कि मृतका के दादा के द्वारा ही गला दबाकर उसकी मर्डर की। इसके बाद परिजन एवं ग्रामीणों के समक्ष बॉडी को जला दिया गया। स्वार्थवश रामपदार्थ कुमार एवं अन्य अभियुक्तों के विरूद्ध रेप एंव मर्डर का आरोप लगाकर एफआइआर दर्ज कराया गया। कांड के वादी एवं उनके पिता के द्वारा घटना के बाद मामले को पंचायती कर रफा-दफा करने का प्रयास किया गया। पंचायती में फैसला नहीं होने के उपरांत 10 दिन देर से कोर्ट में में कांड दर्ज कराया गया था। गठित एसआइटी की रिपोर्ट एवं अग्रिम अनुसंधान में आये तथ्यों/ परिस्थितिजन्य से पाया गया कि, यह एक सम्मान मर्डर यानी आनर किलिंग का मामला है।
डाक्टर के क्लीनिक वाले सीसीटीवी फुटेज से भी छेड़छाड़
इस कांड में मृतका को इलाज हेतु जिस डाक्टर के क्लीनीक पर लाया गया था, उसका सीसीटीवी फुटेज को विधिवत् जब्त किया गया है। जिसमें छेड़छाड़ किया हुआ पाया गया। घटना के पांच माह बाद मृतका का घटना के समय पहने हुए वस्त्र एवं वीडियो रिकार्डिंग को एसआइटी द्वारा जब्त किया गया है। इस कांड के वादी द्वारा घटना एवं कांड दर्ज कराये जाने के काफी दिनों बाद एक साइकिल थाने में सुपूर्द की गई जिसपर मुन्ना लिखा हुआ पाया गया। अनुसंधान के क्रम में मृतका के परिजन एवं ग्रामीण के द्वारा मिलकर संज्ञेय अपराध की सूचना ससमय पुलिस/ न्यायालय को नहीं देने, पंचायती कर मामले का दमन करने का प्रयास करने, शव को जलाकर महत्वपूर्ण साक्ष्य को नष्ट करने, अनुसंधान के क्रम में मिथ्या साक्ष्य देने एवं सीसीटीवी फुटेज में छेड़छाड़ करने का साक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिसके लिए अलग से साक्ष्य संकलन कर विधि-सम्मत कार्रवाई की जा रही है।

ऑनर किलिंग के लिए मृतका के दादा राजकुमार राय के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाये गये हैं। साक्ष्यों के आलोक में राजकुमार राय को गिरफ्तार कर लिया गया। कांड दर्ज करने में विलंब एवं लापरवाही के लिए तत्कालीन थानाध्यक्ष जन्मेजय राय के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारंभ किया गया। मृतका के अवशेष को जब्त करने के लिए एफएसएल के माध्यम से कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।