बिहार:  NDA की बैठक में होगा तय कि कौन बनेगा CM: नीतीश कुमार 

JDU सुप्रीमो नीतीश कुमार ने कहा है कि एनडीए की मीटिंग में नेता का नाम तय किया जायेगा। मीटिंग में तय होगा कि सीएम कौन बनेगा। तब इसका औपचारिक ऐलान होगा।

बिहार:  NDA की बैठक में होगा तय कि कौन बनेगा CM: नीतीश कुमार 
  • मैंने नहीं किया कोई दावा, NDA लेगा फैसला

पटना। JDU सुप्रीमो नीतीश कुमार ने कहा है कि एनडीए की मीटिंग में नेता का नाम तय किया जायेगा। मीटिंग में तय होगा कि सीएम कौन बनेगा। तब इसका औपचारिक ऐलान होगा।

नीतीश कुमार ने कहा, 'शपथ ग्रहण को लेकर अभी फाइनल नहीं हुआ। विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर तक है। अभी डेट नहीं तय नही की गई है। एनडीए को चारों घटक दल की औपचारिक बैठक शुक्रवार होगी उसके बाद निर्णय होगा। शुक्रवार को एनडीए के सभी घटक दल बैठक करेंगे, फिर विधानमंडल दल की बैठक होगी। इस बैठकों में आगे की बातें तय की जायेंगी।

उन्होंने कहा कि एनडीए के पास पर्याप्त बहुमत है। सरकार चलाने में कोई दिक्कत नहीं है। बिहार के लोगों ने हम लोगों को काम करने का मौका दिया है। एक सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा कि हम लोगों पर कोई दबाव नहीं बनाया गया। एक-एक सीट का विश्लेषण हो रहा है। एनडीए के सभी घटक दल मिलकर काम करेंगे। हम लोगों ने समाज के हर वर्ग के लोगों की सेवा की है। बिना चिराग पासवान का नाम लिए नीतीश ने कहा कि कुछ लोगों ने कंफ्यूजन फैलाने का काम किया और उन्हें सफलता मिली। कहां क्या हुआ अब बीजेपी को पता लगाना है। उन्होंने फिर साफ किया कि क्राइम, करप्शन और कम्यूनलिज्म बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। बिहार में क्राइम कंट्रोल हुआ और विकास दर बढ़ी है। उन्होंने एनडीए की जीत के लिए अपने काम और उपलब्धियों को कारण बताया।
 गवर्नमेंट के शपथ ग्रहण की डेट तय नहीं

न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार सीएम नीतीश कुमार  ने कहा कि अभी यह तय नहीं है कि उनकी नई सरकार का शपथ ग्रहण कब होगा। यह दीपावली के बाद होगा या छठ के, यह भी तय नहीं है। हम रिजल्ट का विश्ले।षण कर रहे हैं। अब आगे शुक्रवार को एनडीए के सभी घटक दलों की बैठक होगी।

संन्यास की बात पर  बोले...
नीतीश ने संन्यास की बात से इनकार करते हुए कहा कि हमने संन्यास लेने की बात नहीं की। अंतिम सभा में हमने यही कहा था कि अंत भला तो सब भला। आप हमारे भाषण में जहां हमने बोला उसके आगे और पीछे सुन लीजिए सबकुछ स्पष्ट हो जायेगा। नीतीश ने यह भी कहा कि आप लोगों ने ठीक से नहीं सुना। बात समझ गये न। हम हर अंतिम चुनावी सभा में यह बात बोलते रहे हैं। अंत भला तो सब भला।