बिहार: EX MLA उमेश कुशवाहा बने जेडीयू के स्टेट प्रसिडेंट,  लव-कुश समीकरण पर ही चलेगी नीतीश कुमार की पार्टी

महानार के एक्स एमएलए उमेश कुशवाहा को जनता दल यूनाइटेड का स्टेट प्रसिडेटं बनाया गया है। पार्टी राज्य कार्यकारिणी की बैठक में रविवार को उमेश कुशवाहा को नया प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया गया। अब तय हो गया कि नीतीश की पार्टी लव-कुश समीकरण पर ही चलेगी।

बिहार: EX MLA उमेश कुशवाहा बने जेडीयू के स्टेट प्रसिडेंट,  लव-कुश समीकरण पर ही चलेगी नीतीश  कुमार की पार्टी
उमेश कुशवाहा (फाइल फोटो)।
  • राज्य कार्यकारिणी की बैठक में कुशवाहा के नाम पर मुहर लगी
  • उम्र व अस्वस्थता की वजह से वशिष्ट नारायण सिंह ने प्रसिडेंट पोस्ट छोड़ा

पटना। महानार के एक्स एमएलए उमेश कुशवाहा को जनता दल यूनाइटेड का स्टेट प्रसिडेटं बनाया गया है। पार्टी राज्य कार्यकारिणी की बैठक में रविवार को उमेश कुशवाहा को नया प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया गया। अब तय हो गया कि नीतीश की पार्टी लव-कुश समीकरण पर ही चलेगी। इससे पहले आरसीपी सिंह को जेडीयू का नेशनल प्रसिडेंट बनाया जा चुका है। 

आरजेडी  कैंडिडेट से हार गये थे विधानसभा चुनाव 
जेडीयू स्टेट प्रसिडेंट बशिष्ठ नारायण सिंह ने अपनी उम्र व  स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की थी। राज्य कार्यकारिणी की बैठक में खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए बशिष्ठ नारायण सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद नये प्रदेश अध्यक्ष के लिए उमेश कुशवाहा के नाम का प्रोपोजल सीएम नीतीश कुमार ने दिया। इसपर सर्वसम्मति से मुहर लगा दी गई। उमेश कुशवाहा वैशाली की मनहार सीट से 2015 में विधायक रहे थे। हालांकि, 2020 के विधानसभा चुनाव में वे RJD की वीणा देवी से पराजित हो गये थे।
नीतीश ने अपने फैसले से फिर चौंकाया
पगले की तरह नीतीश कुमार ने इस बार भी अपने फैसले से सबको चौंका दिया है। जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में उमेश कुशवाहा के नाम की चर्चा तक नहीं थी। इस पद के लिए राम सेवक सिंह के नाम की चर्चा हो रही थी। अंतिम समय में उमेश कुशवाहा को आनन-फानन में बुलाकर नई जिम्मेदारी दी गई।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के समय ही कि बशिष्ठ नारायण सिंह की अस्वस्थता के  कारण डॉ. अशोक चौधरी को जेडीयू का कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। श्री चौधरी के नीतिश कैबिनेट में  कई विभागों की जिम्मेदारी रहने के कारण उनका पार्टी को पर्याप्त समय देना संभव नहीं हो पा रहा था। इसके बाद नये फुल टाइम प्रदेश अध्यक्ष की जरूरत महसूस की जा रही थी।