Bihar: सारण में 200 साल पुरानी अष्टधातु की मूर्तियां चोरी, मंदिर का ताला तोड़ चोरों ने किया हाथ साफ

बिहार के सारण जिले में मांझी पुलिस स्टेशन एरिया अंतगर्त मांझी दक्षिण टोला के श्रीराम जानकी मंदिर से रविवार की रात चोरों ने 200 साल पुरानी अष्टधातु की मूर्ति चोरी कर ली है। चोरों ने मंदिर का ताला तोड़कर प्रभु श्री राम, माता जानकी और लक्ष्मण की मूर्तियों की चोरी किया है। चोरी गयी मूर्ति की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में लगभग पांच करोड़ रुपये आंकी गयी है। 

Bihar: सारण में 200 साल पुरानी अष्टधातु की मूर्तियां चोरी, मंदिर का ताला तोड़ चोरों ने किया हाथ साफ
मंदिर में जुटी लोगों की भीड़।

छपरा। बिहार के सारण जिले में मांझी पुलिस स्टेशन एरिया अंतगर्त मांझी दक्षिण टोला के श्रीराम जानकी मंदिर से रविवार की रात चोरों ने 200 साल पुरानी अष्टधातु की मूर्ति चोरी कर ली है। चोरों ने मंदिर का ताला तोड़कर प्रभु श्री राम, माता जानकी और लक्ष्मण की मूर्तियों की चोरी किया है। चोरी गयी मूर्ति की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में लगभग पांच करोड़ रुपये आंकी गयी है। 

यह भी पढ़ें:Bihar: गवर्नर से मिला बीजेपी डेलीगेशन, रामनवमी पर हुई हिंसा की जांच हाइकोर्ट के जज से कराने की मांग

लोकल लोगों को चोरी की जानकारी सुबह में हुई जब मंदिर के पुजारी छोटे बाबा मंदिर को सुबह में खोलने पहुंचे। इसके बाद लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। पुलिस को सूचना दी गयी। मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष अशोक कुमार दास ने मंदिर कैंपस के अलावा आसपास के क्षेत्रों में सघन खोजबीन व छानबीन की। मंदिर के पुजारी छोटे बाबा ने सोमवार सी सुबह मांझी दक्षिण टोला के श्रीराम जानकी मंदिर का ताला टूटा हुआ देखा। यह बात गांव में यह बात आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते मंदिर के सामने काफी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीणों का कहना था कि चोरी की गई अष्टधातु की मूर्तियां काफी पुरानी हैं और कीमती है। 
मंदिर के भीतर स्थापित अष्टधातू सेनिर्मित राम, लक्ष्मण, जानकी की मूर्तियां   से गायब है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर लोहे की ग्रिल के गेट में लगाये गये ताला के अलावा मंदिर वाले दरवाजा में लगे ताला को चोरों ने ईंट-पत्थर की सहायता से तोड़ दिया था। चोरी के बाद मूर्तियों को सजाने के लिये बनाये गये स्टैंड सुने पड़े हुए थे। कांग्रेस के नेता उमाशंकर ओझा ने बताया कि छोटे मिश्रा परिवार के छह पीढ़ी पूर्व के पूर्वज पंडित रामयत्न मिश्र नेलगभग तीन सौ वर्ष पूर्व उक्त मंदिर का निर्माण किया था। अष्टधातु से निर्मित प्रतिमाएंयें स्थापित की थीं। प्रतिवर्ष बैसाख की पूर्णिमा के दिन प्रतिमाओं को हवा खिलाने के साथ-साथ नगर भ्रमण कराया जाता है।दरवाजे पर प्रतिमाओं को सजाकर उनकी पूजा की जाती हैं। इस अवसर पर भोज भंडारा का आयोजन किया जाता है। विगत शनिवार को ही भगवान को नगर भ्रमण व भोज आयोजित किया गया था।