पलामू और हजारीबाग मेडिकल कालेज में नये सेशन से होगा एडमिशन, MBBS के लिए 100 स्टूडेंट्स ले सकेंगे दाखिला

नेशनल मेडिकल कमीशन ने पलामू और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। अब दोनों कॉलेज में एजुकेशनल सेशन 2021-22 के लिए MBBS के 100 सीटों पर एडमिशन हो सकेगा। हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने यह जानकारी दी।

पलामू और हजारीबाग मेडिकल कालेज में नये सेशन से होगा एडमिशन, MBBS के लिए 100 स्टूडेंट्स ले सकेंगे दाखिला
  • नेशनल मेडिकल कमीशन ने की अनुशंसा 
  • जल्द ही मान्यता संबंधी पत्र सरकार को मिल जायेगा

रांची। नेशनल मेडिकल कमीशन ने पलामू और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। अब दोनों कॉलेज में एजुकेशनल सेशन 2021-22 के लिए MBBS के 100 सीटों पर एडमिशन हो सकेगा। हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने यह जानकारी दी।

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बन्ना ने कहा कि इस संबंध में सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मांडविया के साथ ही एडिशनल चीफ सेक्रेट्री से बातचीत हुई है। एक - दो दिनों के अंदर मान्यता संबंधी पत्र प्राप्त हो जायेगा।नेशनल मेडिकल कमीशन के अंतर्गत कार्यरत मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड ने कॉलेज के निरीक्षण तथा सामने आयी कमियां जल्द दूर करने को लेकर कॉलेज मैनेजमेंट द्वारा अंडरटेकिंग दिये जाने के बाद एडमिशन की अनुमति की अनुशंसा कर दी है। 
उल्लेखनीय है कि दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज को अभी हाल ही में मान्यता मिली थी। मेडिकल काउंसिल ने विभिन्न खामियां गिनाते हुए पिछले वर्ष दुमका व पलामू  कालेज में एडमिशन पर रोक लगा दी थी। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के अंतर्गत कार्यरत मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड ने कॉलेज के निरीक्षण तथा सामने आयी कमियां शीघ्र दूर करने को लेकर कॉलेज मैनेजमेंट द्वारा अंडरटेकिंग दिये जाने के बाद एडमिशन की अनुमति की अनुशंसा की है। इसके अलावा छह अन्य मेडिकल कॉलेज का प्रोपोजल विचाराधीन है। इनमें दो निजी क्षेत्र से हैं।
.मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की कमी दूर होगी
पलामू, हजारीबाग और दुमका मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी और मैनपॉवर की कमी दूर होगी। MCI के मापदंड के हिसाब से यहां प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर दो से ढ़ाई लाख के पैकेज पर शिक्षकों को बहाल किया गया है। जल्द ही यहां अन्य तकनीकी पदों पर भी रिक्तियों को अनुबंध पर भरा जायेगा।

झारखंड में तीन मेडिकल कॉलेजों में रिम्स रांची, पीएमसीएच धनबाद और एमजीएम जमशेदपुर में एमबीबीएस की पढ़ाई हो रही है। रघुवर सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2019 में में तीन नये मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, पलामू तथा दुमका में खोला गया था। हालांकि, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने तीनों मेडिकल कॉलेजों में मापदंडों को पूरा न करने के कारण इन्हें मान्यता देने से इंकार कर दिया था।
झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद के भवन और वेबसाइट का उदघाटन 

हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद के भवन और वेबसाइट का उदघाटन बुधवार को सदर अस्पताल कैंपस में किया। इस मौके पर हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि उनके प्रयास के बाद पलामू और हजारीबाग मेडिकल में मेडिकल छात्रों का नामांकन हो सकेगा। इससे पहले केंद्र की टीम में कई अनियमितता पाई थी जिसे लेकर सारी चीजें दुरुस्त कर ली गई है। 

प्रैक्टिस करना चाहते हैं उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना हो जाएगा अनिवार्य 
राज्य में झोलाछाप डॉक्टरों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।बिना रजिस्ट्रेशन के अब राज्य में कोई भी डॉक्टर प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे झारखंड काउंसिल ऑफ मेडिकल रजिस्ट्रेशन अब डॉक्टरों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। खासकर के बाहर से जो डॉक्टर झारखंड में प्रैक्टिस करना चाहते हैं उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जायेगा। पहले ऑफिस को लेकर दिक्कत है थी लेकिन अब परिषद का स्थाई ऑफिस तैयार हो चुका है। मालूम हो कि यह ऑफिस पहले राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी का था जिससे एनएचएम ले जाया गया।पिछले दिनों कौंसिल की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि झारखंड राज्य में प्रैक्टिस करने वाले या अन्य राज्य से संबंधित मेडिकल कौंसिल से निबंधित चिकित्सकों को भी जो झारखंड में प्रैक्टिस करेंगे उन्हें अब झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद से रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।

झारखंड में मात्र 7500 डॉक्टर पर्षद में कराये हैं अपना रजिस्ट्रेशन 

कौंसिल के डॉ बिमलेश सिंह ने बताया कि अभी तक जिन्हें मन होता था तो वे झारखंड आकर प्रैक्टिस कर लेते हैं। मनमानी व्यवस्था थी। इसी को समाप्त करने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक राज्य में मात्र 7500 डॉक्टर पर्षद में अपना रजिस्ट्रेशन कराये हैं। कौंसिल की तरफ से डॉक्टरों को लेट फी में राहत दी गई है। पीजी डिग्री इन्क्लूजन का लेट फी अब जनवरी 2022 के बाद देना होगा। इससे पहले कोई लेट फीस नहीं देना होगा। लेट फीस के रूप में 200 रुपए प्रति साल के हिसाब से देना होगा।

इस अवसर पर मुख्य अपर सचिव अरुण कुमार सिंह, इंडियन मेडिकल कॉउन्सिल के अध्यक्ष साहिर पॉल जी, एक्स रजिस्ट्रार डॉ अमर कुमार सिंह जी भी उपस्थित थे।