पटना। बिहार में चूहे एक से बढ़कर एक कारनामा की शुक्रवार को विधानमंडल में सुनने को मिला। चूहा सरकार को परेशान करते रहते हैं। चूहे कभी थाने में रखी शराब की बोतलों से शराब पी जाते हैं।चूहे कभी बांध काट देते हैं, जिसकी वजह से बाढ़ आ जाती है। कभी शिक्षकों की फाइलें कुतर देते हैं तो कभी मरीजों के लिए रखी स्लाइन की बोतल भी पी जाते हैं। आरजेडी लीडर की मदद से राबड़ी देवी ने बिहार में घोटाला करने वाले इन चूहों को पिंजड़े में कैद कर लिया है। आरजेडी एमएलसी आज इन चूहों को लेकर विधान परिषद में पहुंच गये। राबड़ी ने कहा कि बिहार सरकार को परेशान करने वाले चूहों को सदन में पेश होना पड़ेगा और इन्हें बिहार सरकार कड़ी सजा भी दे।
आरजेडी सदस्यों ने शुक्रवार को विधान परिषद के बाहर पिंजरे में बंद चूहे के साथ अनोखा प्रदर्शन किया। आरजेडी लीडर सुबोध राय पिंजरे में बंद चूहे के साथ विधान परिषद पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि हमने बिहार में घोटाले के आरोपी चूहों को पकड़ लिया है।विधान परिषद के बाहर प्रदर्शन में एक्स सीएम सह परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबडी देवी भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि बांध काटने और शराब पीने के दोषी चूहे पकड़ में आ गये हैं। जिस चूहे को सरकार की पुलिस नही पकड़ पाई उसको राजद ने पकड़ लिया है। अब सरकार को चाहिए कि ऐसे दोषी चूहे पर कड़ी कार्रवाई कर सजा दी जाए।

विधान परिषद में शून्यकाल के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच 'चूहों' को लेकर जमकर नोक झोंक हुई। सीएम नीतिश कुमार की सदन में मौजूदगी में राजद के मुख्य सचेतक सुबोध राय सरकार में घोटाला करने वाले चूहों कार्रवाई की मांग करते रहे।इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य आपस में उलझ गए। इस दौरान सीएम नीतीश कुमार सदन में मुस्कुराते रहे। नोकझोंक बढ़ते देख सीएम नीतीश सदन से निकल लिए।
लालू को बताया चूहा तो बिफरा आरजेडी
सुबोध की बार-बार मांग पर सत्तापक्ष के रजनीश ने सभापति से मांग किया कि राजद सदस्य सुबोध चूहा को पकडे हुए हैं इसलिए इन पर मुकदमा किया जाए। इस बीच आदित्य नारायण पांडेय ने कहा कि चूहा तो रांची जेल में बंद है।यह सुनते राबड़ी देवी सीट पर खड़ी होकर बीजेपी पर हमला शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले बताएं कि पीएम मोदी ने शादी कर पत्नी को क्यों छोड दिय़ा है। घोटाला करने वाले भी जवाब दें। मामला बढ़ते देख कार्यकारी सभापति हारुण रशीद ने हस्तक्षेप किया। कार्यकारी सभापति के काफी समझाने के बाद मामला शांत हुआ।
आरजेडी नेताओं ने न सिर्फ सदन के बाहर बल्कि सदन के भीतर भी चूहे को पेश करने की मांग करने लगे। आरजेडी के रामचंद्र पूर्वे ने परिषद के भीतर चूहे को हाजिर करने की मांग उठाई और कहा कि बहुत मुश्किल से बिहार में घोटाले का दोषी पकड़ में आया है। इसलिए इसे सदन में लाने की अनुमति दी जाए। इसपर बीजेपी ने कहा कि चारा खाने वाले आज प्रदर्शन कर रहे हैं। ये शर्मनाक है।बीजेपी नेता प्रेमरंजन पटेल के इस बयान पर राजद और कांग्रेस ने पलटवार किया और कहा कि सदन के भीतर बीजेपी नेता ने अमर्यादित बयान दिया है। लालू यादव चूहा नहीं शेर है। पहले सरकार चूहे को सजा दिलाये।बिहार में घोटालों पर सरकार कार्रवाई नहीं करती है। मंत्री नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए कहा चूहा गणेशजी की सवारी हैं।
बिहार की राजनीति में चूहे किरदार
बिहार की राजनीति में चूहों का बोलबाला रहा है। बिहार में जब बाढ़ आई तो इसका इल्जाम इन चूहों पर लगा। कहा गया कि चूहों ने बांध को काट खाया जिसकी वजह से बाढ़ आई। शराबबंदी के बाद जब शराब की पेटियां जब्त कर थाने में रखी गईं और शराब की बोतलें खाली पायी गईं तो फिर से उसका इल्जाम चूहों पर लगा कि चूहों ने सैकड़ों बोतल शराब पी ली। बिहार में शिक्षकों की फाइल कुतरने व हॉस्पीटल में स्लाइन की बोतलें पीने का भी आरोप चूहे पर लगता रहा है।