नई दिल्ली: CJI को क्लीन चिट दिये जाने के खिलाफ महिलाओं का प्रदर्शन, धारा 144 लागू

सामाजिक संगठनों और महिला कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया पुलिस ने सुरक्षा के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आसपास के क्षेत्र में धारा 144 लगायी सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति ने अपनी जांच के बाद कहा कि महिला के आरोपो में दम नहीं है नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को महिला के साथ कथित यौन शोषण मामले में क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ कई संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के बाहर महिला कार्यकर्ताओं, वकीलों और आइसा के प्रदर्शनकारी पोस्टर और बैनर लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस ने किसी भी प्रकार की स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए कोर्ट परिसर के आसपास धारा 144 लगा दी है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि महिला के सम्मान और न्याय के लिए यह लड़ाई है. सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रदर्शनकारियों ने महिला को न्याय दिलाने के लिए नारे भी लगाये. प्रदर्शनकारियों का यह भी आरोप है कि कथित पीड़िता के बयान को गंभीरता से नहीं लिया गया. उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी की ओर से लगाए सीजेआइ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगाये गये यौन शोषण के आरोपों की जांच करने वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी ह. समिति ने इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे आरोपों में दम नहीं है. रिपोर्ट के बाद आरोप लगाने वाली महिला ने प्रतिक्रिया में कहा कि उनके साथ न्याय नहीं हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने सोमवार को बयान में बताया कि चीफ जस्टिस गोगोई के बाद दूसरे सबसे सीनियर जज एस.ए. बोबडे की अगुवाई वाले तीन जजों की अंदरूनी जांच समिति ने रविवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करना जरूरी नहीं है क्योंकि इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट के केस में ऐसी व्यवस्था पहले ही तय की जा चुकी है. तीन सदस्यीय जांच समिति के बाकी सदस्यों में जस्टिस इंदू मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी हैं.