डीएसपी से आईपीएस प्रमोशन अटका: डीजीपी अनुराग गुप्ता को लेकर झारखंड गवर्नमेंट-यूपीएससी में टकराव

झारखंड में डीएसपी से आईपीएस प्रोन्नति अटकी, यूपीएससी ने डीजीपी अनुराग गुप्ता को मानने से किया इनकार, राज्य सरकार ने फिर भेजा प्रस्ताव।

डीएसपी से आईपीएस प्रमोशन अटका: डीजीपी अनुराग गुप्ता को लेकर झारखंड गवर्नमेंट-यूपीएससी में टकराव
यूपीएससी हेडक्वार्टर (फाइल फोटो)।
  • झारखंड गवर्नमेंट ने UPSC को लिखा लेटर
  • अनुराग गुप्ता को शामिल करें या फिर बिना डीजीपी के ही कर लें समिति की बैठक

रांची। झारखंड पुलिस सर्विस (डीएसपी संवर्ग) से भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस संवर्ग) में प्रमोशन का मामला अटक गया है। डीएसपी से आईपीएस में प्नमोशन को ले स्टेट गवर्नमेंट भी चिंतित है। लेकिन फिलहाल समाधान निकलता नहीं दिख रहा है
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झारखंड गवर्नमेंट की ओर से गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने एक बार फिर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से आग्रह किया है कि वे बैठक में अनुराग गुप्ता को डीजीपी के रूप में शामिल करायें या बिना डीजीपी के ही प्रमोशन कमेटी की बैठक करें। जल्द बैठक नहीं होने से योग्य अफसर अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं। स्टेट गवर्नमेंट ने जल्द तिथि निर्धारित करने का आग्रह किया है।
13 अगस्त को की प्रस्तावित बैठक नहीं हो सकी
स्टेट पुलिस सर्विस से भारतीय पुलिस सेवा में प्रमोशन के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के माध्यम से प्रमोशन कमेटी की बैठक होती है। इस बैठक में संबंधित राज्य से मुख्य सचिव, गृह सचिव व डीजीपी सदस्य के रूप में शामिल होते हैं। पूर्व में 13 अगस्त को यह बैठक प्रस्तावित थी। इस बैठक में शामिल होने के लिए चीफ सेकरेटरी अलका तिवारी, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल व डीजीपी अनुराग गुप्ता दिल्ली गये थे। यूपीएएसी ने अनुराग गुप्ता को डीजीपी मानने से इन्कार कर दिया था, जिसके चलते बैठक नहीं हो पायी थी। आयोग ने अफसरों की दलील को भी मानने से मना कर दिया था। इसके लिए अगली तिथि भी निर्धारित नहीं की गयी थी।
17 सीनियर डीएसपी के प्रमोशन पर होना है विचार
यूपीएससी में डीएसपी से आइपीएस संवर्ग में प्रमोशन के लिए 17 सीनियर डीएसपी की फाइल भेजी गयी थी। आइपीएस संवर्ग में कुल नौ रिक्त पदों पर प्रमोशन के लिए यह बैठक प्रस्तावित थी। इन 17 सीनियर डीएसपी की फाइल पर बैठक होनी थी। इनमें शिवेंद्र, राधा प्रेम किशोर, मुकेश कुमार महतो, दीपक कुमार-1, मजरूल होदा, राजेश कुमार, अविनाश कुमार, रौशन गुड़िया, श्रीराम समद, निशा मुर्मू, सुरजीत कुमार, वीरेंद्र कुमार चौधरी, राहुल देव बड़ाईक, खीस्टोफर केरकेट्टा, प्रभात रंजन बरवार, अनूप कुमार बड़ाईक व समीर कुमार तिर्की हैं।
यूपीएससी नहीं मानता है अनुराग गुप्ता को डीजीपी
यूपीएससी अनुराग गुप्ता को डीजीपी नहीं मानता है। सेंट्रल होम मिनिस्टरी ने अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल से ही सेवानिवृत्त माना है। इसके लिए सेंट्रल गवर्नमेंट ने स्टेट गवर्नमेंट को पत्राचार भी किया था। अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद से हटाने का निर्देश भी दिया था।झारखंड गवर्नमेंट ने जिस नियुक्ति नियमावली के तहत अनुराग गुप्ता को सेवा विस्तार दिया है, उस नियमावली को सेंट्रल गवर्नमेंट ने नियम विरुद्ध तथा असंवैधानिक बताया है।र उसे मानने से इन्कार किया है। जबकि स्टेट गवर्नमेंट ने अनुराग गुप्ता का डीजीपी के पद पर सेवा विस्तार को वैध बताया है।13 अगस्त की बैठक में भी इसी नियमावली का हवाला देकर अफसरों ने यूपीएससी से बैठक में डीजीपी को शामिल कराने का आग्रह किया था, लेकिन यूपीएससी इसके लिए तैयार नहीं हुआ।