झारखंड: Mob Lynching के शिकार तबरेज की पत्नी ने दी आमरण अनशन की चेतावनी, पुलिस पर प्रेशर में धारा बदलने का आरोप

जमशेदपुर:मॉब लिंचिंग के शिकार हुए तबरेज अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन परिजनों के साथ सोमवार को सरायकेला डीसी से मिलकर तबरेज की मौत व उससे जुड़े सभी रिपोर्ट (पोस्टमार्टम, बिसरा,एसआइटी आदि) शीघ्र देने का आग्रह किया.शाइस्ता ने चेतावनी दी कि सभी रिपोर्ट उसके हवाले नहीं की गई तो परिजनों के साथ आमरण अनशन पर बैठ जायेगी.आरोप लगाया कि आरेपितों के दबाव में पुलिस ने हत्या की धाराएं बदली हैं.पुलिस आरोपितों को बचाने की कोशिश कर रही है. डीसी ए दोड्डे ने शाइस्ता से कहा कि वह एसपी से मुलाकात करे.डीसी के कहने पर शाइस्ता अपने परिजनों के साथ आवास में जाकर एसपी कार्तिक एस से मिली जहां एसपी ने उससे कहा कि तबरेज अंसारी की पूरी जांच रिपोर्ट कोर्ट को दी जायेगी.वह चाहे तो कोर्ट से प्रति की मांग कर सकती है. एसपी के आश्वासन के बाद फिलहाल डीसी ऑफिस कैंपस में आमरण अनशन स्थगित किया गया. इस संबंध में पूरा परिवार आपस में बैठकर अगली रणनिति तय करेगा. तबरेज की पत्नी के साथ डीसी व एसपी से मिलकर आवेदन देने सहिस्ता के साथ उनकी मां शाहनाज बेगम, मसरुर आलम व उनके भाई मकसूद आलम शामिल थे. शाइस्ता परवीन ने आवेदन में कहा कि तबरेज अंसारी की मौत ग्रामीणों की पिटाई और पुलिस और डॉक्टरों की लापरवाही के चलते हुई.ऐसे में आगे की कार्रवाई के लिए परिवार को पोस्टमार्टम,बिसरा एवं एसआईटी रिपोर्ट की जरूरत है.जांच अधिकारी ने इस मामले में धारा 302 को हटाकर धारा 304 के तहत गलत ढंग से कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दिया है.पहले हत्या का मामला दर्ज किया था लेकिन प्रशासन के दबाव में आने पर इसे गैर-इरादतन हत्या के मामले में तब्दील कर दिया गया. परवीन ने कहा कि प्रशासन आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रहा है.मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.आवेदन के मुताबिक,इस सिलसिले में पहले भी आवेदन देकर रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन परिवार को अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई. ऐसे में जल्द से जल्द रिपोर्ट नहीं मुहैया कराई गई,तो वह आमरण अनशन करेंगी. तबरेज प्रकरण शाइस्ता परवीन ने डीसी को आवेदन देकर कहा कि उनके पति तबरेज अंसारी की मौत धातकीडीह ग्राम के लोगों के द्वारा बुरी तरह से मारपीट करने तथा पुलिस पदाधिकारी एवं डॉक्टरों की लापरवाही के कारण 22 जून को सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.इस संबंध में सरायकेला थाना कांड संख्या 77-19 दिनांक 22 जून 2019 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.शाइस्ता परवीन ने कहा कि अनुसंधानकर्ता ने प्राथमिकी में लगाई गई धारा 302 भादवि को हटाकर गलत ढंग से आरोपितों के विरुद्ध धारा 304 भादवि लगाकर न्यालय में आरोप पत्र समर्पित किया है. तीस अगस्त को इस संबंध में आवेदन दिया था.परंतु उन्हें रिपोर्ट की प्रतिलिपि आज तक उपलब्ध नहीं कराई गई है.शाइस्ता परवीन ने सदर अस्पताल में किन डॉक्टरों ने उनके पति तबरेज अंसारी के जख्मों की जांच की थी और किस-किस तिथि को जांच की गई थी,उसका विवरण तथा जेल ले जाने के बाद किन डॉक्टरों ने उनके पति के जख्मों की जांच किन-किन तिथि को की थी.उन डॉक्टरों के नाम एवं किन जखमों की जांच की गई थी,उसका पूर्ण विवरण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया.