Uttar Pradesh : 'मिट्टी में मिल गयी' माफिया Atique Ahmed की फैमिली, बेटा एनकाउंटर में मारा गया, वाइफ फरार

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दिनदहाड़े उमेश पाल व उसके दो सरकारी गनर की हुई मर्डर के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में ऐलान किया था कि आरोपियों को मिट्टी में मिला देंगे। उनका साफ इशारा अतीक अहमद और उसकी फैमिली की तरफ था। योगी बातें डेढ़ महीने के अंदर ही सच भी साबित होती दिख रही है। 

Uttar Pradesh : 'मिट्टी में मिल गयी' माफिया Atique Ahmed की फैमिली, बेटा एनकाउंटर में मारा गया, वाइफ फरार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दिनदहाड़े उमेश पाल व उसके दो सरकारी गनर की हुई मर्डर के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में ऐलान किया था कि आरोपियों को मिट्टी में मिला देंगे। उनका साफ इशारा अतीक अहमद और उसकी फैमिली की तरफ था। योगी बातें डेढ़ महीने के अंदर ही सच भी साबित होती दिख रही है। 

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शाइस्ता परवीन पर 50 हजार रुपये का इनाम
माफिया अतीक अहमद का जवान बेटा असद अहमद 13 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने 13 अप्रैल को झांसी में मार गिराया गया है। वर्तमान हालात में अतीक की फैमिली में के पुरुष ही नहीं महिलाएं भी फरार हैं। वाइफ, बहन, भांजी सभी पुलिस से भागी-भागी फिर रही हैं। पुलिस ने अतीक अहमद की वाइफ शाइस्ता परवीन पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर चुकी है।

अतकी को उम्र कैद की सजा 
अतीक खुद जेल में है। उम्रकैद की सजा हो गई है। उसका बाहर आना अब बेहद मुश्किल हो चुका है। भाई अशरफ पहले से ही बरेली जेल में है। अतीक के बहनोई को भी जेल भेज दिया गया है। एक बेटा उमर लखनऊ की जेल और दूसरा अली नैनी जेल में बंद है। दो नाबालिग बेटे उमेश मर्डर वाली रात सेही गायब हैं। पुलिस पर दोनों को उठाने का आरोप है। दोनों के बाल संरक्षण गृहगृ में होने की बात पुलिस कह रही है लेकिन अभी तक अतीक के फैमिली का कोई सदस्य या वकील उससे मिल नहीं सका है।

असद अहमद की बॉडी लेने और जनाजे में शामिल होने के लिए फैमिली का कोई सामने नहीं
एनकाउंटर में मारे गये बेटे असद अहमद की बॉडी लेने और जनाजे में शामिल होने के लिए फैमिली का कोई सामने नहीं है। दूर के रिश्तेदारों को इसके लिए तैयार किया गया है। पहले नाना और मामा के बॉडी लेने जाने की बात कही गई। फिर बताया गया कि मौसा बॉडी लेने जायेंगे। इसके बाद वह भी नहीं पहुंचे। शुक्रवार की शाम फूफा के असद की बॉडी लेने पहुंचने की सूचना मिली। हालांकि उन्हें भी बॉडी अभी तक नहीं दिया जा सका है। उनका असद के साथ जुड़ाव का सबूत मांगा गया है। वह कोई पहचान पत्र नहीं दे सके हैं। ऐसे मेंअसद की बॉडी अभी तक किसी को नहीं सौंपा जा सका है। अब माना जा रहा है कि शनिवार को ही असद काजनाजा निकल सकेगा। 
योगी सरकार में माफिया पर कसा शिकंजा
प्रयागराज पश्चिमी विधानसभा सीट की सियासी रंजिश में एक के बाद एक मर्डर होती रहीं। सबसे पहले एमएलए राजू पाल, उसके बाद गवाह उमेश पाल, उमेश पाल के दो गनर की मर्डर कर दी गयी। पुलिस एनकाउंटर में उमेश पाल मर्डर केस के आरोपी अतीक के बेटे समेत चार शूटर मारे गये हैं। उमेश पाल मर्डर केस और उससे पहले तक अतीक अहमद  की तूती बोलती थी। योगी सरकार उस पर शिकंजा कस दिया है। ऐस में अतीक की माफियागिरी निकल गई है।अतीक अहमद ने खुद यह स्वीकारा भी है। उसने कहा कि अब उसे रगड़ा जा रहा है। जेल से पेशी पर आते समय उसके चेहरे पर डर साफ झलकता है। पेशी पर नहीं भेजने की गुहार कोर्ट से लगाता रहता है।
प्रयागराज पश्चिमी सीट पर 2004 में उपचुनाव की हार बनी रार
फूलपुर से 2004 में एमपी चुने जाने के बाद अतीक अहमद की शहर पश्चिमी सीट पर नवंबर 2004 में उपचुनाव हुआ। अतीक ने अपने भाई अशरफ को मैदान मेंउतारा। बीएसपी कैंडिडेट राजू पाल ने अतीक के भाई अशरफ को हराकर एमएलए बन गये। यही रार की असली वजह बन गई। अपने इलाके में मिली हार से अतीक तिलमिला गया। एमएलए राजू पाल को 25 जनवरी 2005 को धूमनगंज में गोलियों से छलनी कर दिया गया। इसी के बाद अतीक का खौफ और बढ़ गया। हालात यह हो गये कि कोर्ट में उसकी अर्जी पर सुनवाई से जज भी खुद को अलग करने लगे। मायावती की सरकार में अतीक अहमद पर शिकंजा कसने की कोशिश तो हुई लेकिन यह नाकाफी ही रही। योगी के यूपी की सत्ता संभालने के बाद अकीत को असली चोट लगी है।