राजस्थान:35 साल बाद हुई पोती का जन्म, दादा ने मनाया अनूठा जश्न, फसल बेचकर हेलीकॉप्टर से लाया घर

राजस्थान के नागौर जिले के कुचेरा एरिया के निम्बड़ी चांदावता गांव में एक सामान्य किसान परिवार ने अपने घर में जन्मीं बेटी ऐसा जश्न मनाया कि इसे जानकर लोग हर्षित हो रहे हैं। कोरोना काल में बेटी का अनूठा सम्मान लोगों को गौरवान्वित महसूस करा रही है। 

राजस्थान:35 साल बाद हुई पोती का जन्म, दादा ने मनाया अनूठा जश्न, फसल बेचकर हेलीकॉप्टर से लाया घर

जयपुर। राजस्थान के नागौर जिले के कुचेरा एरिया के निम्बड़ी चांदावता गांव में एक सामान्य किसान परिवार ने अपने घर में जन्मीं बेटी ऐसा जश्न मनाया कि इसे जानकर लोग हर्षित हो रहे हैं। कोरोना काल में बेटी का अनूठा सम्मान लोगों को गौरवान्वित महसूस करा रही है। 

घर में 35 साल बाद जन्मी बेटी
नागौर के किसान मदन लाल प्रजापत के घर 35 साल बाद एक बेटी का जन्म हुआ है। वह उनकी पोती सिद्धी है। सिद्धी के जन्म की खुशी में पूरे परिवार ने अनूठे अंदाज में जश्न मनाया है। बेटी को अपने ननिहाल से हेलिकॉप्टर में घर लाया गया है।यहां हेलीपैड से लेकर घर तक रास्ते में गांव वालों ने बच्ची के सम्मान में फूल बिछाये थे। बेटी की स्वागत लिए 10-12 दिन पहले से तैयारियां शुरू हो गई थीं।

जश्न के लिए मदन लाल ने फसल बेचकर जमा किये रुपये
पोती के स्वागत के लिए दादा मदनलाल ने अपनी फसल बेचकर पांच लाख रुपये जमा किये।इसी रकम से हेलिकॉप्टर का भी इंतजाम किया।बेटी के पिता हनुमान प्रजापत और पत्नी चुका देवी बेटी को अपने ननिहाल से हेलीकॉप्टर से लेकर आये। पहली बार दुर्गानवमी के मौके पर बुधवार को उसका घर में प्रवेश करवाया गया। बच्ची का जन्म उसके ननिहाल हरसोलाव गांव में तीन मार्च को हुआ था।
गाजे- बाजों से बनाया गया जश्न

गांव में अपने दादा के घर पहुंचने के बाद 'सिद्धी' का बेहद भव्य स्वागत किया गया। हेलीपैड स्थल से लेकर घर तक पूरे रास्ते में फूलों की वर्षा हुई। वहीं बैंड-बाजों के साथ उसका स्वागत किया गया।नानी के घर से बिटिया 'सिद्धी' को पिता हनुमानराम, फूफा अर्जुन प्रजापत, हनुमान राम के चचेरे भाई प्रेम व राजूराम पहुंचे थे। हेलिकॉप्टर में बैठकर सुबह नौ बजे सभी निम्बड़ी चांदावता से बच्ची के ननिहाल हरसोलाव पहुंचे। वहीं वहां से बिटिया को लेकर दोबारा घर के लिए रवाना हुए हेलिकॉप्टर से बिटिया दोपहर 2.15 बजे अपने दादा के घर पहुंची। इसके बाद सभी रस्में निभाई गई।