भोपाल लॉ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पर FIR, 200 से अधिक girl students से sexual abuse का आरोप

भोपाल की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLIU) की girl students ने प्रोफेसर तपन मोहंती के खिलाफ सेक्सुअल हैरेसमेंट मामले में IPC की सेक्शन 354 में FIR दर्ज कराया है। महिला पुलिस स्टेशन पुलिस ने मोहंती  के खिलाफ दो अलग-अलग FIR दर्ज किया हैं। स्टूडेंट्स एसोसिएशन के छात्रों ने दावा किया कि सात दिन की काउंसिलिंग के बाद girl students पुलिस से कंपलेन करने को तैयार हुईं।

भोपाल लॉ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पर FIR, 200 से अधिक girl students से sexual abuse का आरोप
  • फर्स्ट ईयर से ही डोरे डालने लगता था प्रोफेसर

भोपाल। भोपाल की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLIU) की girl students ने प्रोफेसर तपन मोहंती के खिलाफ सेक्सुअल हैरेसमेंट मामले में IPC की सेक्शन 354 में FIR दर्ज कराया है। महिला पुलिस स्टेशन पुलिस ने मोहंती  के खिलाफ दो अलग-अलग FIR दर्ज किया हैं। स्टूडेंट्स एसोसिएशन के छात्रों ने दावा किया कि सात दिन की काउंसिलिंग के बाद girl students पुलिस से कंपलेन करने को तैयार हुईं।

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स्टूडेंट्स बार एसोसिएशन से जुड़े स्टूडेंट्स का कहना है कि कि प्रोफेसर मोहंती पर पिछले 20 साल से छेड़छाड़ और महंगे गिफ्ट लेकर एग्जाम में अच्छे मार्क्स देने जैसे गंभीर आरोप लगते रहे हैं। मोहंती पर अपने करीबियों को गलत तरीके से टेंडर दिलवाते रहे हैं। आरोप है कि जिन-जिन लोगों ने मोहंती के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की, उनका करियर बर्बाद कर दिया गया। मोहंती फर्स्ट ईयर से ही girl students पर डोरे डालने लग जाता है। उसकी हरकतों की वजह से girl students उसकी क्लास तक अटेंड करने से बचती हैं।यूनिवर्सिटी प्रशासन में आरोपी प्रोफेसर का दखल हद से ज्यादा है। इस कारण उसका विरोध बड़े स्तर तक नहीं पहुंच पाया। स्टूडेंट्टस ने आरोप लगाया कि मोहंती ने 200 से अधिक girl students के साथ गंदी हरकत की है। अधिकतर girl students डर से सामने नहीं आना चाहतीं।

यूनिवर्सिटी प्रशासन से समर्थन का दावा

स्टूडेंट्स ने बताया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से उन्हें भरपूर समर्थन मिल रहा है। यूनिवर्सिटी भी चाह रही है कि प्रोफेसर मोहंती पर लगे आरोपों का सच सबके सामने आए। वाइस चांसलर वी विजय कुमार ने मोहंती के सामने दो विकल्प रखे। पहला- वो इस्तीफा दे, दूसरा- उसके खिलाफ क्रिमिनल केस चलाया जाए। 15 मिनट तक सोचने-विचारने के बाद मोहंती ने इस्तीफा दे दिया। स्टूडेंट्स कहा कि इस्तीफा तो सिविल मामला है, ऐसे में हमारे पास क्रिमिनल केस दर्ज कराने का अधिकार है।

मोहंती के खिलाफ डिजिटल एवीडेंस का दावा

स्टूडेंट्स ने कहा है कि उनके पास प्रो. मोहंती के खिलाफ टेक्स्ट मैसेज से लेकर वीडियो कॉल जैसे सबूत हैं। जो उन्हें girl students ने भेजे हैं। सभी एवीडेंस् पुलिस को भी दिये गये हैं। स्टूडेंट्स बार एसोसिएशन और सबूत जुटाने के साथ-साथ अन्य पीड़िताओं को भी सामने आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जिन दो girl students ने FIR दर्ज कराई है, उन्होंने हिम्मत का काम किया है। इसके बारे में उनके परिवार को भी नहीं पता है।

लॉ यूनिवर्सिटी का विवादों से पुराना नाता

नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (NLIU) का विवादों से पुराना नाता रहा है। नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति शिक्षकों की भर्ती व परीक्षा की गोपनीयता मामवे में NLIU बदनाम रही है। NIRF (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) में NILU देशभर की टॉप 30 लॉ इंस्टीट्यूट-यूनिवर्सिटी में 14वें स्थान पर है। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का काफी अच्छा नाम है।लॉ यूनिवर्सिटी के प्रो. तपन रंजन मोहंती का डिग्री फर्जीवाड़े से भी कनेक्शन रहा है। यह मामला पांच साल पहले उजागर हुआ था। इस फर्जीवाड़े में पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स BA LLB की एग्जाम में फेल होने के बाद भी स्टूडेंट्स को डिग्री दे दी गई। यूनिवर्सिटी की इंटरनल कमेटी ने जांच की। इसके बाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अभय गोहिल ने प्रारंभिक जांच और डिटेल इंक्वॉयरी की। इसमें बड़े खुलासे हुए। कई स्टूडेंट्स को माफ किया तो कुछ की दोबारा परीक्षा करा ली गई, लेकिन जस्टिस गोहिल ने इस फर्जीवाड़े में जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी, उनके मामले में यूनिवर्सिटी फैसला नहीं ले सकी है।

ये बेईमान और विश्वास करने योग्य प्रोफेसर नहीं

जस्टिस गोहिल ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा था कि प्रोफेसर तपन रंजन मोहंती NLIU में साल 2000 से कार्यरत हैं। उस समय वे सिर्फ समाजशास्त्र में एम. फिल थे। बाद में एक प्राइवेट कॉलेज से साल 2017 में उन्होंने LLB की डिग्री प्राप्त की। जांच के दौरान एक स्टूडेंट के मामले में इन्होंने स्वीकार किया है कि उसे 10 के स्थान पर 25 मार्क्स दे दिये गये। रिकॉर्ड में ओवर राइटिंग भी नहीं की गई। जिसे जस्टिस गोहिल ने पक्षपात का मामला माना। टेबुलेशन चार्ट में (जिसमें मोहंती के सिग्नेचर हैं) ओवर राइटिंग, कटिंग और फ्लुइड का इस्तेमाल कर मार्क्स बढ़ाये गये हैं। प्रो. मोहंती अपने बचाव में संतोषजनक जवाब तक नहीं दे पाये।उन्होंने मार्क्स बढ़ाये जाने का कारण भी नहीं लिखा। गोहिल ने लिखा कि प्रो. मोहंती ने जानबूझकर कुछ स्टूडेंट्स को लाभ पहुंचाने के लिए अवॉर्ड लिस्ट से लेकर टेबुलेशन चार्ट तक में बदलाव किये। इनकी गवाही से यह भी पता चलता है कि ये बेईमान और विश्वास करने योग्य प्रोफेसर नहीं हैं।

मोहंती सहित नौ के खिलाफ FIR की अनुशंसा

फर्जी डिग्री के मामले में एग्जाम ब्रांच के तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार रंजीत सिंह को डिसमिस किया गया। इनके बर्खास्त होने के बाद जस्टिस गोहिल ने इस मामले में 15 लोगों को जिम्मेदार ठहराया। कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी।फर्जी डिग्री केस में जस्टिस गोहिल ने नौ लोगों के खिलाफ आपराधिक के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा की। इसमें डिसमिस किये जा चुके रंजीत कुमार सिंह, विनय कुमार, प्रो. यूपी सिंह, प्रो. तपन आर. मोहंती, धीरेंद्र कुमार सिंह, कमलेश श्रीवास, नारायण प्रसाद, सी. राजशेखर और आरिफ उद्दीन अहमद खान के नाम शामिल हैं।

सिर्फ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो

फर्जी डिग्री वाले मामले में जस्टिस गोहिल ने डॉ. गयूर आलम, डॉ. कविता सिंह, रवि पांडे, आरकेएस गौतम, पूर्व रजिस्ट्रार व पूर्व न्यायिक सेवा अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की।