Jharkhand: रिम्स बैठक में ‘हॉट टॉक’: छुट्टी को लेकर भिड़े मंत्री और निदेशक, सांसद ने कराया सुलह
रिम्स शासी परिषद की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री और निदेशक के बीच छुट्टी को लेकर बहस हुई। सांसद संजय सेठ ने मामला शांत कराया। बैठक में 100 वेंटिलेटर, अंतिम संस्कार सहायता, पावरग्रिड शुल्क में कमी और डिजिटल रिकॉर्ड जैसे अहम फैसले लिए गए।
- 100 नये वेंटिलेटर, अंतिम संस्कार सहायता समेत कई बड़े फैसले
रांची। झारखंड की राजधानी रांची स्थित रिम्स (RIMS) में बुधवार को शासी परिषद की बैठक उस वक्त चर्चा का विषय बन गई, जब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी और रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार के बीच छुट्टी को लेकर तीखी बहस छिड़ गई। मामला इतना बढ़ गया कि सांसद सह रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ को बीच-बचाव कर माहौल शांत कराना पड़ा।
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छुट्टी को लेकर भिड़े निदेशक और मंत्री
हालांकि, विवाद के बावजूद बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिनमें 100 नए वेंटिलेटर, अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक सहायता और पावरग्रिड आश्रय शुल्क में कमी प्रमुख रहे।बैठक में जब एजेंडा के तहत रिम्स निदेशक की छुट्टी का मुद्दा उठा तो स्वास्थ्य मंत्री ने पूछा कि बिना अनुमति वे राज्य से बाहर कैसे चले गये।
डॉ. राजकुमार ने सफाई दी कि उन्होंने दो माह पहले छुट्टी का आवेदन दिया था, जिसे अस्वीकृत कर दिया गया। लेकिन कार्यक्रम में शामिल होना अनिवार्य था, इसलिए वे चले गये। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “अगर ऐसे ही काम करना है तो पद छोड़ दें।” जवाब में निदेशक बोले, “ऐसे कैसे पद छोड़ दूं, कुछ नियम-संगत होना चाहिए।” तकरार बढ़ने लगी तो सांसद संजय सेठ ने हस्तक्षेप कर दोनों को शांत कराया और बैठक का क्रम आगे बढ़ाया।
बैठक के प्रमुख फैसले
रिम्स को मॉडल अस्पताल ऑफ झारखंड बनाने की दिशा में बड़ा कदम
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य रिम्स को “मॉडल अस्पताल ऑफ झारखंड” बनाना है। निर्णय केवल कागजों पर नहीं, जमीन पर दिखने चाहिए।
मरीजों के लिए राहत — 100 नए वेंटिलेटर
बैठक में वेंटिलेटर की भारी कमी पर चर्चा हुई। मंत्री ने घोषणा की कि तत्काल प्रभाव से 100 नए वेंटिलेटर उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि किसी मरीज की जान उपकरणों की कमी से न जाए।
अंतिम संस्कार के लिए ₹5000 की सहायता
रिम्स में यदि किसी मरीज की मृत्यु होती है, तो उसके परिजनों को ₹5000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मंत्री ने कहा, “यह केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि सरकार की संवेदनशीलता का प्रतीक है।”
पावरग्रिड आश्रय शुल्क में राहत
अब रिम्स पावरग्रिड आश्रय में रहने वालों को प्रतिदिन ₹20 शुल्क देना होगा, पहले ₹100 प्रति दिन लिया जाता था।
डिजिटल रिकॉर्ड और मरीज सहायता केंद्र
रिम्स में डिजिटल मेडिकल रिकॉर्ड सिस्टम और मरीज सहायता केंद्र की स्थापना का निर्णय हुआ, जिससे पंजीकरण से लेकर रिपोर्ट तक की सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिलेंगी।
अनुशासनहीनता पर सख्त रुख
स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिया कि जो कर्मचारी या डॉक्टर बिना सूचना अनुपस्थित पाए जाएं या निजी प्रैक्टिस करते हों, उन पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
सफाई और मॉनिटरिंग व्यवस्था मजबूत
रिम्स परिसर की सफाई और कचरा प्रबंधन की निगरानी के लिए अलग टीम बनेगी। साथ ही डॉक्टरों की उपस्थिति के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम अनिवार्य किया जायेगा।
भर्ती और पदोन्नति पर निर्णय
प्रोफेसर, अतिरिक्त प्रोफेसर और सहयोगी प्रोफेसर के पदों पर साक्षात्कार आधारित भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया। मृत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी देने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई।
मंत्री बोले – रिम्स जनता की उम्मीदों का अस्पताल बनेगा
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अंसारी ने कहा,“रिम्स केवल एक अस्पताल नहीं, झारखंड की जनता की उम्मीदों का केंद्र है। हमारा लक्ष्य है कि यहां इलाज केवल सुविधा नहीं, बल्कि सेवा और संवेदना का अनुभव बने।”
बैठक में कौन-कौन रहे मौजूद
बैठक में सांसद सह रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, विधायक सुरेश बैठा, अपर मुख्य सचिव एके सिंह, रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार, रिनपास निदेशक डॉ. अमूल रंजन, और न्यायपालिका व स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
बैठक में लिए गए अन्य निर्णय
रिम्स की सभी रिपोर्टिंग और फाइलिंग प्रणाली पूरी तरह ऑनलाइन होगी।
नए भवनों और मेडिकल सुविधाओं के विस्तार पर अगली बैठक में चर्चा होगी।
कचरा प्रबंधन के लिए स्वतंत्र निगरानी टीम बनाई जाएगी।






