झारखंड: बाबूलाल मरांडी ने मांगी पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के पूरे कार्यकाल की जांच"

भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के पूरे कार्यकाल की जांच की मांग की है। उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार पर भ्रष्टाचार और ट्रांसफर–पोस्टिंग में मनमानी के गंभीर आरोप लगाए हैं।

झारखंड: बाबूलाल मरांडी ने मांगी पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के पूरे कार्यकाल की जांच"
बाबूलाल मरांडी (फाइल फोटो)।
  • भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की निष्पक्ष जांच जरूरी बताई
  • एक अफसर, दो पद, और भ्रष्टाचार के आरोप
  • ट्रांसफर–पोस्टिंग में मनमानी का आरोप

रांची। झारखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के पूरे कार्यकाल की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि जब सत्ताधारी दल के ही एक वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ने अनुराग गुप्ता पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं, तो सरकार को इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करानी चाहिए।

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मरांडी का आरोप — "झारखंड में कई IAS जेल जा चुके, पर भ्रष्ट IPS पर कार्रवाई नहीं"

मरांडी ने कहा कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री ने अनुराग गुप्ता को “झारखंड का सबसे भ्रष्ट डीजीपी” बताया है।उन्होंने कहा कि अगर सत्ता पक्ष का ही नेता इतने गंभीर आरोप लगा रहा है, तो यह राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।भाजपा नेता ने आगे कहा — “राज्य की ब्यूरोक्रेसी में ईमानदार अफसरों की कमी नहीं, लेकिन यह भी सच्चाई है कि कई IAS अफसर भ्रष्टाचार में जेल जा चुके हैं। पर अब तक एक भी भ्रष्ट IPS अफसर पर न कोई सख्त कार्रवाई हुई और न किसी को जेल भेजा गया। आखिर इन लोगों को किसका संरक्षण मिल रहा था, इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।”

ट्रांसफर–पोस्टिंग में मनमानी का आरोप, कहा — ‘एक अफसर दो-दो पदों पर!’

बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर ट्रांसफर और पोस्टिंग में मनमानी का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि डीएमएफटी घोटाले में चर्चित IAS अधिकारी आदित्य रंजन, जिन्हें धनबाद का उपायुक्त (DC) बनाया गया है, वे आईटी निदेशक के पद पर भी पिछले पांच महीनों से बने हुए हैं।मरांडी ने सवाल उठाया — “एक ही अफसर का दो पदों पर टिके रहना आखिर किस नियम के तहत हो रहा है? यह साफ तौर पर सत्ता की मनमानी का उदाहरण है।”

‘भ्रष्ट डीजीपी को बचाने के लिए रोका गया प्रमोशन’

मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार के कार्यकाल में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जो शासन की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करती हैं। उन्होंने कहा — “एक भ्रष्ट डीजीपी को बचाने के लिए डीएसपी से आईपीएस प्रमोशन तक रोकने की मिसाल झारखंड के इतिहास में पहली बार देखने को मिली। यहां तक कि किसी जिले के एसपी का तबादला न हो, इसके लिए पूरे आईपीएस बैच का प्रमोशन रोक दिया गया। यह अफसरशाही पर राजनीतिक दबाव का खतरनाक उदाहरण है।”

मरांडी की मांग — ‘जांच कराकर सच्चाई सामने लाए सरकार’

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि सरकार अनुराग गुप्ता के कार्यकाल की पारदर्शी जांच कराए ताकि राज्य की जनता सच्चाई जान सके।उन्होंने कहा कि अगर कोई अफसर ईमानदार है तो जांच से डरने की कोई वजह नहीं है। “मुख्यमंत्री को इस मामले में जल्द से जल्द जांच के आदेश देने चाहिए, ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की नीयत पर सवाल न उठे,” उन्होंने कहा।