झारखंड: स्टेट में  फिर से स्वीकृत होंगे दो जोनल IG के पोस्ट, रांची व बोकारो जोन के  24 जिले

झारखंड में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर फिर से जोनल आइजी का पद स्वीकृत करने की तैयारी है। दो जोन बनाकर फिर से जोनल आईजी की तैनाती की जायेगी। रांची और बोकारो में आईजी का पद सृजित किया जायेगा।

झारखंड: स्टेट में  फिर से स्वीकृत होंगे दो जोनल IG के पोस्ट, रांची व बोकारो जोन के  24 जिले

रांची। झारखंड में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर फिर से जोनल आइजी का पद स्वीकृत करने की तैयारी है। दो जोन बनाकर फिर से जोनल आईजी की तैनाती की जायेगी। रांची और बोकारो में आईजी का पद सृजित किया जायेगा।
जोनल आइजी पर सिर्फ लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े मामले को ही देखने की जिम्मेदारी होगी। जोनल आईजी के जिम्मे सांप्रदायिक तनाव से लेकर समाज में अन्य कारणों से उत्पन्न लॉ एंड ऑर्डर की प्रोबलेम कंट्रोल करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी। जोनल आइजी को हेडक्वार्टर लेवल पर पर कुछ अन्य जिम्मेवारियां भी उन्हें सौंपी जा सकती है।

स्टेट के 24 जिले होंगे दो जोनल आईजी के जिम्मे
दो जोनल आईजी के जिम्मे स्टेट के 24 जिले होंगे। रांची जोनल आईजी के जिम्मे रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, पलामू, गढ़वा, लातेहार, जमशेदपुर, चाईबासा, और सरायकेला जिले होंगे।  बोकारो जोनल आईजी के जिम्मे बोकारो, धनबाद, रामगढ़, हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, दुमका, पाकुड़, गोड्डा, देवघर, जामताड़ा और साहिबगंज जिले आयेंगे। पुलिस हेडक्वार्टर इससे संबंधित प्रोपोजल तैयार कर रहा है। प्रोपोजल को  जल्द ही मंजूरी के लिए स्टेट गवर्नमेंट को भेजा जायेगा।

सीएम रघुवर के कार्यकाल में जोनल आईजी का पद समाप्त हुआ था
बीजेपी की रघुवर गवर्नमेंट ने वर्ष 2016 की 10 फरवरी को जोनल आईजी का पद समाप्त कर दिया था। रांची, पलामू, दुमका और बोकारो जोन में जोनल आइजी पोस्ट स्वीकृत थे। एकीकृत झारखंड में सिर्फ रांची में ही जोनल आईजी का पोस्ट था। बाद में दुमका में जोनल आईजी और फिर, बोकारो में जोनल आईजी का पद सृजित किया गया। नक्सल समस्या को देखते हुए पलामू में जोनल आईजी का पद सृजित किया गया था।

वर्ष 2016 में गवर्नमेंट ने यह महसूस किया कि जोनल आईजी के पास कोई विशेष काम नहीं है। यह काम डीआईजी स्तर पर ही हो जाता है। गवर्नमेंट के बादयह भी कंपलेन पहुंची थी कि कई जोनल आइजी जिले में एसपी के काम में हस्तक्षेप करते हैं। गवर्नमेंट ने  जोनल आईजी के पद को समाप्त करने का फैसला लिया गया था। उस समय  पलामू और बोकारो में ही जोनल आईजी के पद पर क्रमश: नटराजन और तदाशा मिश्र पोस्टेड थे। दुमका और रांची जोनल आईजी का पोस्ट खाली था।