झारखड: अफीम युक्त दवाओं के आदी हैं पंकज मिश्रा, रातों की नींद उड़ी, बेचैनी में कटती है रात

साहिबगंज में हुए 1000 करोड़ रुपये के इलिगल माइनिंग और मनी लाउंड्रिंग केस के आरोपी पंकज मिश्रा को रात में नींद नहीं आती है। सीआईपी में इलाजरत पंकज मिश्रा रात को बेचैन रहते हैं। पंकज अभी ज्यूडिशियल कस्टडी में सीआ्इपी में इलाजरत है।

झारखड: अफीम युक्त दवाओं के आदी हैं पंकज मिश्रा, रातों की नींद उड़ी, बेचैनी में कटती है रात
  • दर्द निवारक और बेहोशी की दवा, फोर्टविन का सेवन करने की है आदत है
  • नशा मुक्ति केंद्र में जारी है इलाज

रांची। साहिबगंज में हुए 1000 करोड़ रुपये के इलिगल माइनिंग और मनी लाउंड्रिंग केस के आरोपी पंकज मिश्रा को रात में नींद नहीं आती है। सीआईपी में इलाजरत पंकज मिश्रा रात को बेचैन रहते हैं। पंकज अभी ज्यूडिशियल कस्टडी में सीआ्इपी में इलाजरत है।

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 रिम्स में पंकज मिश्रा का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा था कि पंकज मिश्रा को नशे की लत है। डॉक्टरों ने बताया था कि पंकज मिश्रा को दर्द निवारक और बेहोशी की दवा, फोर्टविन का सेवन करनेकी आदत है। वो इसका इंजेक्शन लेते रहे हैं। पैंक्रियाटिक्स की शिकायत पर रिम्स में एडमिट कराये गये पंकज मिश्रा का इलाज अब सीआईपी में नशा मुक्ति केंद्र में किया जा रहा है। पंकज को 30 नवंबर को रिम्स से सीआईपी मेंशिफ्ट किया गया है।
अफीम युक्त दवाओं के हैं आदी, पंकज मिश्रा को दर्द निवारक दवा की लत
सीआईपी के डायरेक्टर डॉ. बासुदेव दास ने बताया कि पैंक्रियाटिक समस्या से जूझ रहे पंकज मिश्रा को दर्द से राहत के लिए जो दवा दी गई थी उन्होंने इसका दिन में कई बार सेवन करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उन्हें इसकी लत लग गई। अब उस दवा के बिना पंकज मिश्रा बेचैन हो जाते हैं। सो नहीं पाते। ऐसे में पंकज मिश्रा को नींद के लिए रिप्लेसमेंट थेरेपी दी जा रही है। इस इलाज में उन्हें कम पावर वाली नशीली दवा दी जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि धीरे-धीरे इसका डोज कम किया जायेगा।अभी इस दवा से ही उन्हें नींद आती है।
पैंक्रियाटिक समस्या से जूझ रहे हैं पंकज मिश्रा
ईडी ने साहिबगंज में हुए 1000 करोड़ रुपये के इलिगल माइनिंग और मनी लाउंड्रिंग केस में 19 जुलाई को अरेस्ट किया था। पंकज मिश्रा को पेट मेंदर्द की शिकायत पर रिम्स में एडमिट कराया गया था। पंकज मिश्रा पैंक्रियाटिक समस्या सेजूझ रहे थे। रिम्स में इलाजरत पंकज मिश्रा के बारे में ईडी ने ये भी खुलासा किया था कि वो 27 जुलाई के बाद से ही ज्यूडिशियल कस्टडी में रहते हुए भी लगातार सीनीयर अफसरों से फोन के जरिए संपर्क में बना हुआ था। पंकज मिश्रा को 30 नवंबर को ही रिम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया था लेकिन वो जाने को तैयार नहीं थे। सीआरपीएफ की सहायता से पंकज मिश्रा को रिम्स से सीआईपी में शिफ्ट किया गया। उसकी बेल पिटीशन भी खारिज हो चुकी है। 
सीआइपी के डॉक्टारों ने की पंकज की जांच
पंकज मिश्रा को विगत सोमवार की शाम को जेल प्रशासन अपने साथ सीआईपी ले गई। यहां जांच के बाद डॉक्ट्रों ने कहा कि पंकज को नशीली दवाओं के सेवन की आदत है। उन्हें पेनक्रियाटिस है। पेट में दर्द होने पर वह इस तरह दवा लेते हैं।पंकज मिश्रा को सोमवार को सीआइपी के नशा मुक्ति केंद्र में एडमिट करा दिया गया। सीआइपी डायरेक्टर डा. बासुदेव दास ने बताया कि जांच में पता चला है कि वह अफीम युक्त दवा लेने के आदी थे। उन्हें पेनक्रियाटिस है।दर्द होने पर वह दो वर्ष से अधिक समय से इस तरह की दवा ले रहे थे। पंकज को इसकी लत लग चुकी थी। अभी 10 दिनों तक नशा मुक्ति केंद्र में रखकर उनका इलाज किया जायेगा। इसके बाद चिकित्सीय सलाह पर इलाज चलता रहेगा। सीआइपी की ओपीडी में करीब तीन घंटे तक डाक्टरों ने पंकज की जांच और काउंसलिंग की। इसके बाद उन्हें नशा मुक्ति केंद्र में एडमिट कराया गया।